भीलवाड़ा. जिले में बीते 2 सप्ताह बाद भी मानसून की बरसात नहीं होने से खरीफ की फसलें बिलकुल चौपट होने की कगार पर है. जिससे इस बार किसानों की चिंताए काफी बढ़ गई है. किसानों ने ईटीवी भारत पर कहा कि राम तो रूठा है, लेकिन अब राज से उम्मीद है. सरकार तुरंत गिरदावरी करें जिससे हमारे को कुछ लागत मूल्य का मुआवजा मिल सके.
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भले ही मानसून ने इस बार जून माह में दस्तक दे दी थी लेकिन जुलाई और अगस्त माह में कम बरसात होने के कारण किसानों की ओर से बोई गई खरीफ की फसल के रूप में मूंग, उड़द, मक्का, ज्वार, ग्वार की फसलें मुरझाने लग गई हैं.
इस बार किसानों को उम्मीद थी कि इस बार अच्छी बरसात होगी और अच्छी उपज होगी, लेकिन बीते 2 सप्ताह में भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में बरसात नहीं होने के कारण किसानों के उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
ईटीवी भारत की टीम जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंची. जहां मक्के की फसल बिल्कुल चौपट नजर आ रही है. यहां तक कि मक्का का पौधा भी सुख गया है और एक भी पौधे पर मक्का नहीं आया है. किसान का बेटा अपने जली हुई फसल को भी उम्मीद के साथ देख रहा था कि अगर बरसात हो जाए तो अनाज नहीं होगा, लेकिन पशुओं के चारे का इंतजाम हो जाएगा.
किसान नानूराम ने कहा कि हमने इस बार मक्का, मूंग, उड़द की फसल बोई थी, लेकिन बरसात नहीं होने के कारण मक्का की फसल बिल्कुल चौपट हो गई. यहां तक कि मक्का के पौधे पर एक भी मक्का नहीं आया है.
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वही, भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में 1 जून से अब तक 344 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है और 3 लाख 71 हजार हेक्टेयर भूमि में मक्का, कपास, मूंग, उड़द, तिल, सोयाबीन की बुवाई हुई है अब बरसात की उम्मीद कर रहे हैं. अगर बरसात नहीं होती तो यह फसलें चौपट हो जाएंगी.