भीलवाड़ा. जिले के कुछ किसान कोरोना और फसलों में कीटों के प्रकोप से परेशान हैं तो कुछ किसान ऐसे हैं जो अपनी फसल को सस्ते में बेचने के लिए मजबूर हैं. खलियान में बची कुची उपज को जब वे भीलवाड़ा की अश्रेणी कृषि उपज मंडी में बेचने जाते हैं तो कम भाव मिलने के कारण उनके चेहरे मायूस हो जाते हैं.
जिले के मजबूर किसान मक्का की उपज को सस्ते दामों में बेचने से परेशान हैं. ईटीवी भारत ने इनसे बातचीत की तो किसानों का दर्द छलक पड़ा. उनकी मांग है कि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करे, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके. भीलवाड़ा की कृषि उपज मंडी में 9 से 10 रुपये प्रति किलो में मक्का की उपज बिक रही है, जबकि समर्थन मूल्य पर अगर सरकार बिक्री शुरू करती है तो खरीद 1850 रुपये प्रति क्विंटल में बिक सकती है.
भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने कहा कि भीलवाड़ा जिले में 1 लाख 75 हजार हेक्टेयर भूमि में मक्का की फसल की बुवाई हुई है. 21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपज हुई है, जिसे किसान कृषि मंडी में बेचने आ रहे हैं.
मक्का की फसल बेचने जवासिया से आए किसान रतन लाल जाट ने कहा कि हमने मक्का की फसल बोई थी. आज बेचने आया हूं. 10 क्विंटल मक्का लेकर आया हूं. 8 से 9 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है. अगर सरकार खरीदना शुरू कर दें तो फायदा होगा. किसान की हालात हमेशा से ही खराब है. राम रूठ गया और राज भी रूठ रहा है. ऐसे में हमें लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं हो रहा है. मजदूरों को पैसा चुकाना भी बहुत मुश्किल हो रहा है. वहीं भंवर जाट ने कहा कि मक्का की उपज बेचने आया हूं. खाद्य बीज की लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं हो रहा है. अगर सरकार खरीद शुरू कर दे, तो हमे मेहनताना मिल सकता है.
जिले के पहुना से मक्का बेचने आए किसान शंकरलाल ने कहा कि 6 बीघा मक्का की फसल बोई थी. यहां 10 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे हैं. मक्का की फसल में पहले लट यानी सुडी का प्रकोप हो गया था. इसके बावजूद जो कुछ उपज हुई उसको यहां बेचने आए हैं, लेकिन उचित भाव नहीं मिल रहा है.
अपने पापा के साथ आए किसान के लड़के निर्मल भी जब अपनी उपज सस्ती बिकती देख बेचैन हो गया. उन्होंने कहा कि खेती के काम से तो बढ़िया कुछ और काम करें. स्कूल बंद है, इसलिए पिता के साथ या मक्का की उपज बेचने आया हूं. वर्तमान में पिता के साथ हाथ बटा रहा हूं.
भीलवाड़ा की कृषि उपज मंडी में मक्का खरीद रहे व्यापारी रघुवीर सिंह भंडारी ने कहा कि राज्य में सबसे ज्यादा मक्का की आवक इस मंडी में होती है. प्रतिदिन 4000 से 5000 मक्का की बोरियों की आवक हो रही है. 9 से 11 रुपये प्रतिकिलो तक मक्का बिक रहा है. पिछले वर्ष से 6 रुपये प्रति किलो का भाव कम है. यह कमी लॉकडाउन की वजह से हैं. क्योंकि पोल्ट्री फार्म मुर्गी दाने में नहीं जा रहा मक्का, इसलिए इनके भाव कम है. अगर सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर सकती है, तो महंगी हो सकती है. वरना मक्का का भाव यही रहेगा. अगर सरकार खरीद शुरू करती है तो मक्का महगा बिकेगा. तब हम व्यापारियों को भी भाव बढ़ाने होंगे। जिससे इन किसानों को भी लाभ मिलेगा.
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वहीं अपनी उपज बेचने आये अन्य किसान रूप नारायण शर्मा ने कहा कि 2 बीघा मक्का की फसल बोई है. खर्चा लगा वह भी नहीं मिल रहा है. यहा मंडी के व्यापारी हमारी उपज को औने पौने दाम पर खरीद रहे हैं. किसान परेशान है. ऐसे में अगर सरकार खरी शुरु करती है तो निश्चित रूप से लाभ मिल सकता है. अब जरूरत है प्रदेश सरकार को जो किसान हितेषी बात करती है, लेकिन समर्थन मूल्य पर समय पर खरीद शुरू नहीं कर रही है. जिससे किसान अपनी उपज को सस्ते में बेचने को मजबूर है. अब देखना यह होगा कि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद कब शुरु करती है. जिससे किसानो को अपनी उपज का अच्छा मेहनताना मिल सके.