भीलवाड़ा. जिले में मासूम को गर्म सलाखों से दागकर डांव लगाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोगों का अंधविश्वास और पुलिस की लापरवाही मासूमों की जान से खेल रही है. भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है, जिसमें 13 दिन की एक मासूम बालिका को डांव लगाने के बाद भर्ती करवाया गया है.
जानकारी के अनुसार बालिका को निमोनिया हो गया था, उसके बाद परिजनों ने बड़े-बुजुर्गों के कहने पर उसके पेट पर ब्लेड से कट लगा दिए, जिसके कारण मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है. महात्मा गांधी चिकित्सालय की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. इन्द्रा सिंह ने कहा कि पारोली थाना क्षेत्र के फलासेड के रहने वाले एक युवक ने अपनी 13 दिन की बालिका को श्वास की तकलीफ आने पर बड़े-बुजुर्गों के कहने से पेट पर ब्लेड से कट लगा दिए. जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई और अभी बच्ची की हालत काफी गंभीर है.
पढ़ें- Special: 55 साल की उम्र में भी जोधपुर की साइक्लिस्ट रेणु का साइक्लिंग के प्रति जुनून
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता की कमी के चलते अभी भी लोग अंधविश्वास और टोने-टोटकों के जरिए ही बीमारियों का इलाज करते हैं. जिसका खामियाजा कभी-कभी लोगों को अपनी जान गंवा कर चुकाना पड़ता है. हालांकि पुलिस इन मामलों पर फौरी कार्रवाई करती है, लेकिन लोगों में पुलिस का नाम मात्र का खौफ नहीं है.