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कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं की तो तीसरी लहर हो सकती है भयावह - डॉ. शलभ शर्मा

प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सा विभाग पूरी तरह से तैयार है. जहां मामले में भीलवाड़ा के राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई सारे अनुभव शेयर किया.

शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से की बातचीत,  Shalabh Sharma talks to ETV India
शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से की बातचीत
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Published : Jul 14, 2021, 10:22 AM IST

भीलवाड़ा. कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने के बाद ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद अनलॉक (Unlock) की शुरुआत हो चुकी है. जहां तीसरी लहर को देखते हुए चिकित्सा विभाग पहले से ही अलर्ट मोड पर है. विभाग की ओर से तमाम तरीके की तैयारियां की जा रही है.

तीसरी लहर की आशंका को लेकर राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आई है. हजार सैंपल में एक या फिर दो पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. कई बार तो जीरो पॉजिटिव मरीज भी आए हैं.

शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से की बातचीत

वहीं तीसरी लहर की आशंका के चलते सरकार जागरूक है, हमारे यहां सभी सुविधा उपलब्ध है. लगभग सवा चार करोड़ की लागत से 20 बेड का आईसीयू और 10 बेड का एनआईसीयू चालू हो गया है. ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भी लग चुके हैं. प्रचुर मात्रा में वेंटिलेटर और चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध है. हम तीसरी लहर से निपटने के लिए भीलवाड़ा का चिकित्सा विभाग पूरी तरह मुस्तैद है.

तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होने के सवाल पर डॉ. शलभ शर्मा ने कहा कि यह अनुमान है कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे, क्योंकि 18 वर्ष से ऊपर उम्र वाले लोगों को वैक्सीनेशन लग चुका है और 18 वर्ष की उम्र से नीचे वालों का वैक्शीनेशन नहीं होने के कारण वो संक्रमित हो सकते हैं.

पढ़ें- गहलोत-पायलट कैंप के बीच खींचतान में उलझे गोविंद डोटासरा का बतौर अध्यक्ष 1 साल पूरा, इन चुनौतियों का नहीं मिला तोड़...

ऐसे में उन बच्चों को बचाने के लिए उनके परिवार वाले को और उन बच्चों को कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी होगी, जिससे अगर तीसरी लहर भारत में आती है तो उससे बच्चे बच सकते हैं. अगर कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं की तो तीसरी लहर और भयावह हो सकती है और उसमें बच्चों पर भारी प्रभाव पड़ सकता है.

भीलवाड़ा. कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने के बाद ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद अनलॉक (Unlock) की शुरुआत हो चुकी है. जहां तीसरी लहर को देखते हुए चिकित्सा विभाग पहले से ही अलर्ट मोड पर है. विभाग की ओर से तमाम तरीके की तैयारियां की जा रही है.

तीसरी लहर की आशंका को लेकर राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आई है. हजार सैंपल में एक या फिर दो पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. कई बार तो जीरो पॉजिटिव मरीज भी आए हैं.

शलभ शर्मा ने ईटीवी भारत से की बातचीत

वहीं तीसरी लहर की आशंका के चलते सरकार जागरूक है, हमारे यहां सभी सुविधा उपलब्ध है. लगभग सवा चार करोड़ की लागत से 20 बेड का आईसीयू और 10 बेड का एनआईसीयू चालू हो गया है. ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भी लग चुके हैं. प्रचुर मात्रा में वेंटिलेटर और चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध है. हम तीसरी लहर से निपटने के लिए भीलवाड़ा का चिकित्सा विभाग पूरी तरह मुस्तैद है.

तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होने के सवाल पर डॉ. शलभ शर्मा ने कहा कि यह अनुमान है कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे, क्योंकि 18 वर्ष से ऊपर उम्र वाले लोगों को वैक्सीनेशन लग चुका है और 18 वर्ष की उम्र से नीचे वालों का वैक्शीनेशन नहीं होने के कारण वो संक्रमित हो सकते हैं.

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ऐसे में उन बच्चों को बचाने के लिए उनके परिवार वाले को और उन बच्चों को कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी होगी, जिससे अगर तीसरी लहर भारत में आती है तो उससे बच्चे बच सकते हैं. अगर कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं की तो तीसरी लहर और भयावह हो सकती है और उसमें बच्चों पर भारी प्रभाव पड़ सकता है.

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