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भीलवाड़ा में चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी...जानें पूरा मामला

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भीलवाड़ा के चिकित्‍सकों ने महात्‍मा गांधी चिकित्‍सालय में स्थित गांधी की प्रतिमा के सामने सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन किया है. इस दौरान चिकित्सकों ने राजपत्र में प्रकाशित आयुर्वेदिक चिकित्सा को जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला, नेत्र और दंत सर्जरी तथा अन्य कुल 58 तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने का विरोध किया है. साथ ही इसे वापस लेने की मांग की गई है. उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदी मांगे नहीं मानी जाती है तो आंदोलन किया जाएगा.

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भीलवाड़ा में चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Dec 8, 2020, 8:12 PM IST

भीलवाड़ा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भीलवाड़ा के चिकित्‍सकों ने महात्‍मा गांधी चिकित्‍सालय में स्थित गांधी की प्रतिमा के सामने सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया है. इस दौरान चिकित्सकों ने राजपत्र में प्रकाशित आयुर्वेदिक चिकित्सा को जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला, नेत्र और दंत सर्जरी तथा अन्य कुल 58 तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति प्रदान करने का विरोध किया है. साथ ही इसे वापस लेने की मांग की है. उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन किया जाएगा.

भीलवाड़ा में चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

आईएमए भीलवाड़ा के अध्‍यक्ष डॉ. दुष्‍यन्‍त शर्मा ने कहा कि राजपत्र में आयुर्वेद चिकित्‍सकों को सर्जरी करने का प्रावधान दिया गया है, उसका हम विरोध करते हैं. इस तरह के प्रावधान से मिक्‍सोपैथी हो जायेगी और इसके कारण मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा भी उत्पन्न हो सकता है. उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों पूर्व सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिकल सिस्टम प्रकाशित राजपत्र में एक ही आयुर्वेदिक चिकित्सा को 2 वर्ष के कोर्स के बाद जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला, नेत्र और दंत सर्जरी तथा अन्य कुल 58 तरह के ऑपरेशन करने के लिए अधिकृत किया गया है जो उचित नहीं है.

यह भी पढ़ें- भारत बंद के तहत कोटा में निकली किसानों की रैली, व्यापारियों से की दुकान बंद करने की अपील

उन्होंने कहा कि वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा पद्धति में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग विशेषज्ञ होना आवश्यक है. इस राजपत्र में स्पष्ट उल्लेखित नहीं है कि प्रीएनेस्थेटिक, एनेस्थेटिक एवं पोस्ट ऑपरेटिव पीरियड में वह किस पद्धति की दवाइयां उपयोग में लेंगे. उन्होंने कहा कि यह मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न करने वाला प्रयास साबित हो सकता है.

भीलवाड़ा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भीलवाड़ा के चिकित्‍सकों ने महात्‍मा गांधी चिकित्‍सालय में स्थित गांधी की प्रतिमा के सामने सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया है. इस दौरान चिकित्सकों ने राजपत्र में प्रकाशित आयुर्वेदिक चिकित्सा को जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला, नेत्र और दंत सर्जरी तथा अन्य कुल 58 तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति प्रदान करने का विरोध किया है. साथ ही इसे वापस लेने की मांग की है. उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन किया जाएगा.

भीलवाड़ा में चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

आईएमए भीलवाड़ा के अध्‍यक्ष डॉ. दुष्‍यन्‍त शर्मा ने कहा कि राजपत्र में आयुर्वेद चिकित्‍सकों को सर्जरी करने का प्रावधान दिया गया है, उसका हम विरोध करते हैं. इस तरह के प्रावधान से मिक्‍सोपैथी हो जायेगी और इसके कारण मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा भी उत्पन्न हो सकता है. उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों पूर्व सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिकल सिस्टम प्रकाशित राजपत्र में एक ही आयुर्वेदिक चिकित्सा को 2 वर्ष के कोर्स के बाद जनरल सर्जरी, नाक, कान, गला, नेत्र और दंत सर्जरी तथा अन्य कुल 58 तरह के ऑपरेशन करने के लिए अधिकृत किया गया है जो उचित नहीं है.

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उन्होंने कहा कि वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा पद्धति में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग विशेषज्ञ होना आवश्यक है. इस राजपत्र में स्पष्ट उल्लेखित नहीं है कि प्रीएनेस्थेटिक, एनेस्थेटिक एवं पोस्ट ऑपरेटिव पीरियड में वह किस पद्धति की दवाइयां उपयोग में लेंगे. उन्होंने कहा कि यह मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न करने वाला प्रयास साबित हो सकता है.

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