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भीलवाड़ा: यादगार लम्हों को कैमरे में कैद करने वालों पर Corona की मार, बेरोजगार हुए Photographers

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Published : Sep 10, 2020, 5:46 PM IST

भीलवाड़ा जिले के सभी फोटोग्राफर्स की हालत इन दिनों कोरोना के कारण बिगड़ गई है. लोगों के अच्छे पलों को अपने कैमरों में कैद करने वाले इन फोटोग्राफर्स पर आर्थिक संकट छा गया है.

भीलवाड़ा समाचार, bhilawara news
लम्हों को कैमरे में कैद करने वालों पर Corona की मार

भीलवाड़ा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने देश के लगभग सभी छोटे-बड़े व्यापार पर असर डाला. इसके कहर से लोगों के अच्छे पलों अपने कैमरे में कैद करने वाले भी नहीं बच सके. जी हीं, हम बात कर रहे हैं फोटोग्राफर की, जिनका काम-धंधा कोरोना के चलते चौपट हो गया है. इसके चलते कैमरा और बाकी के समान स्टूडियो में पड़े-पड़े धूल खा रहा है और फोटोग्राफर भी बेरोजगार सा हो गया है.

लम्हों को कैमरे में कैद करने वालों पर Corona की मार

दरअसल, इन फोटोग्राफर्स का व्यवसाय शादी, पार्टी, मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों पर निर्भर रहता है. लेकिन सीजन नहीं होने और कोरोना की वजह से किसी भी तरह के कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया. इससे फोटोग्राफर की आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ गई है.

इस संबंध में फोटोग्राफर पवन नकवाल ने कहा कि जहां पूरे देश में हर क्षेत्र के व्यवसाय पर कोरोना का काफी असर पड़ा है. ऐसे में फोटोग्राफी से जुड़े लोगों पर भी इसका काफी बुरा असर देखने को मिला है. कहीं फोटोग्राफर तो ऐसे भी है, जो कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार हो गए हैं. कहीं की तो आर्थिक स्थिति तक बिगड़ चुकी है.

पढ़ें- Exclusive : खून का एक-एक कतरा BJP के लिए : गोपाल लाल शर्मा

कुछ फोटोग्राफर ऐसे भी है, जिन्होंने इस महामारी के वजह से अपना व्यवसाय तक बदल लिया. हमारा कैमरे का खर्च, स्टूडियो का किराया यहां तक कि हम हमारे लाइट के बिल तक जमा नहीं करवा पा रहे. अनलॉक-4 तक सरकार ने कुछ हुए सहयोग में राहत प्रदान की मगर अभी तक हमारे स्टूडियो और काम धंधे पर सन्नाटा और मायूसी छाई हुई है. वैसे तो उम्मीद पर दुनिया टिकी हुई है, आने वाले नवंबर और दिसंबर के वेडिंग सीजन चालू होने वाला है. अब उम्मीद है कि इस सीजन में हमारा कुछ काम चल सके, ताकि हम हमारी बिगड़ी हुई स्थिति को सुधार सकें.

इसके अलावा शादी के दौरान जॉन से विशेष शूट होता है. एलईडी और वॉल के साथ ही क्रेन प्लाज्मा भी शादी में देखे जाते हैं. इसी के साथ ही शादी में 4 से 5 कैमरे लगते हैं. लेकिन मार्च महीने में फोटोग्राफरों का काम पूरी तरह से ठप हो चुका है, इनका सारा माल गोदाम में पड़े-पड़े धूल खा रहा है.

पढ़ें- भीलवाड़ाः राज्य कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, वित्त विभाग के आदेशों की जलाई होली

वहीं, दूसरी ओर फोटोग्राफी एसोसिएशन के संरक्षक ओम प्रकाश चंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते भीलवाड़ा शहर में 700 से 800 लोग फोटोग्राफी से जुड़े हैं, जो इस कोरोना महामारी के चलते या तो बेरोजगार हुए हैं या फिर उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है. कहीं फोटोग्राफर तो ऐसे भी है, जिनका घर का खर्च तक निकालना मुश्किल हो रहा है. अब सरकार से गुजारिश हैं कि फोटोग्राफर जगत से जुड़े लोगों को कुछ राहत प्रदान करें, ताकि फोटोग्राफर अपनी आर्थिक स्थिति की गाड़ी को फिर दोबारा पटरी पर ला सकें.

वेडिंग मिक्सर एडिटर त्रिलोक चंद ने कहा कि कोरोना के वजह से फोटोग्राफर तो बेरोजगार हुआ ही है. वहीं, मिक्सिंग करने वाले वीडियो एडिटर भी इससे अछूते नहीं है. अगर वेडिंग नहीं होगी तो फोटोग्राफी नहीं होगी. ऐसे में हम भी बेरोजगार ही हो गए हैं. वहीं, आने वाले वेडिंग सीजन में हमें ऐसी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, जिससे हमारे घर का खर्च और हमारे पास काम करने वाले लेबर का तनख्वाह निकल सके.

भीलवाड़ा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने देश के लगभग सभी छोटे-बड़े व्यापार पर असर डाला. इसके कहर से लोगों के अच्छे पलों अपने कैमरे में कैद करने वाले भी नहीं बच सके. जी हीं, हम बात कर रहे हैं फोटोग्राफर की, जिनका काम-धंधा कोरोना के चलते चौपट हो गया है. इसके चलते कैमरा और बाकी के समान स्टूडियो में पड़े-पड़े धूल खा रहा है और फोटोग्राफर भी बेरोजगार सा हो गया है.

लम्हों को कैमरे में कैद करने वालों पर Corona की मार

दरअसल, इन फोटोग्राफर्स का व्यवसाय शादी, पार्टी, मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों पर निर्भर रहता है. लेकिन सीजन नहीं होने और कोरोना की वजह से किसी भी तरह के कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया. इससे फोटोग्राफर की आर्थिक स्थिति बेहद बिगड़ गई है.

इस संबंध में फोटोग्राफर पवन नकवाल ने कहा कि जहां पूरे देश में हर क्षेत्र के व्यवसाय पर कोरोना का काफी असर पड़ा है. ऐसे में फोटोग्राफी से जुड़े लोगों पर भी इसका काफी बुरा असर देखने को मिला है. कहीं फोटोग्राफर तो ऐसे भी है, जो कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार हो गए हैं. कहीं की तो आर्थिक स्थिति तक बिगड़ चुकी है.

पढ़ें- Exclusive : खून का एक-एक कतरा BJP के लिए : गोपाल लाल शर्मा

कुछ फोटोग्राफर ऐसे भी है, जिन्होंने इस महामारी के वजह से अपना व्यवसाय तक बदल लिया. हमारा कैमरे का खर्च, स्टूडियो का किराया यहां तक कि हम हमारे लाइट के बिल तक जमा नहीं करवा पा रहे. अनलॉक-4 तक सरकार ने कुछ हुए सहयोग में राहत प्रदान की मगर अभी तक हमारे स्टूडियो और काम धंधे पर सन्नाटा और मायूसी छाई हुई है. वैसे तो उम्मीद पर दुनिया टिकी हुई है, आने वाले नवंबर और दिसंबर के वेडिंग सीजन चालू होने वाला है. अब उम्मीद है कि इस सीजन में हमारा कुछ काम चल सके, ताकि हम हमारी बिगड़ी हुई स्थिति को सुधार सकें.

इसके अलावा शादी के दौरान जॉन से विशेष शूट होता है. एलईडी और वॉल के साथ ही क्रेन प्लाज्मा भी शादी में देखे जाते हैं. इसी के साथ ही शादी में 4 से 5 कैमरे लगते हैं. लेकिन मार्च महीने में फोटोग्राफरों का काम पूरी तरह से ठप हो चुका है, इनका सारा माल गोदाम में पड़े-पड़े धूल खा रहा है.

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वहीं, दूसरी ओर फोटोग्राफी एसोसिएशन के संरक्षक ओम प्रकाश चंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते भीलवाड़ा शहर में 700 से 800 लोग फोटोग्राफी से जुड़े हैं, जो इस कोरोना महामारी के चलते या तो बेरोजगार हुए हैं या फिर उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है. कहीं फोटोग्राफर तो ऐसे भी है, जिनका घर का खर्च तक निकालना मुश्किल हो रहा है. अब सरकार से गुजारिश हैं कि फोटोग्राफर जगत से जुड़े लोगों को कुछ राहत प्रदान करें, ताकि फोटोग्राफर अपनी आर्थिक स्थिति की गाड़ी को फिर दोबारा पटरी पर ला सकें.

वेडिंग मिक्सर एडिटर त्रिलोक चंद ने कहा कि कोरोना के वजह से फोटोग्राफर तो बेरोजगार हुआ ही है. वहीं, मिक्सिंग करने वाले वीडियो एडिटर भी इससे अछूते नहीं है. अगर वेडिंग नहीं होगी तो फोटोग्राफी नहीं होगी. ऐसे में हम भी बेरोजगार ही हो गए हैं. वहीं, आने वाले वेडिंग सीजन में हमें ऐसी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, जिससे हमारे घर का खर्च और हमारे पास काम करने वाले लेबर का तनख्वाह निकल सके.

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