भीलवाड़ा. प्रदेश में पंचायत राज चुनाव का आगाज हो गया है. जिले के अगरपुरा गांव के किसान के बेटे नारायण लाल जाट ने कविता लिखकर इस चुनाव में युवाओं से व्यसन से दूर रहकर ईमानदारी से मतदान करने की अपील की है. साथ ही वे सरपंच प्रत्याशियों से अपील कर रहे हैं कि अपने पक्ष में मतदान के लिए युवाओं को नशे की लत में नहीं झोंके.
पंचायतराज चुनाव में प्रदेश में भाग्य आजमाने वाले जनप्रतिनिधि द्वारा अपने पक्ष में मतदान के लिए युवाओं को शराब और नशीला पदार्थ का लालच दिया जाता है. जिससे युवा नशा की बुरी लत का शिकार तो होते ही हैं मतदान पर भी प्रभाव पड़ता है. इसी बुरी लत को छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति भारत छोड़ो आंदोलन के संयोजक और जिले के अगरपुरा गांव के निवासी नारायण लाल जाट ने एक कविता लिखी है.
कविता के माध्मयम से नारायण लाल जाट इस पंचायत राज चुनाव में चुनाव मैदान में भाग्य आजमाने वाले राजस्थान के सभी प्रत्याशियों से अपील कर रहे हैं. वे प्रत्याशियों से कह रहे हैं कि अपने पक्ष में मतदान के लिए युवाओं को नशे की लत में नहीं झोंके. साथ ही युवाओं से भी इस नशे की लत से दूर रहकर मतदान करने की अपील कर रहे हैं.
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नारायण लाल जाट ने अब तक देश के कई जिलों में लगभग 15 हजार युवाओं को व्यसन से दूर रहने की शपथ दिलाई. वहीं जो युवा नशे से दूर होते हैं, उसे नारायण लाल जाट उपहार स्वरूप शरीर स्वस्थ बनाने के लिए 5 किलो देसी घी नि:शुल्क भेंट करते हैं. जाट ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मैं राजस्थान के युवाओं को नशे से दूर रहने का लगातार संकल्प दिला रहा हूं. चुनाव में सबसे ज्यादा नशे की बुरी लत लगने का खतरा युवाओं को होता है. इसलिए प्रदेश के सभी प्रत्याशियों और युवाओं के लिए एक कविता लिखी है. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि पंचायत चुनाव में वोट की लालच में युवाओं को नशे की लालच दी जाती है.
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जिससे युवा आपराधिक प्रवृत्ति के हो जाते हैं. एक बार लत लगने के बाद नशा करने के लिए युवा किसी भी हद में जा सकते हैं. इसलिए कविता का उद्देश्य है कि सरपंच प्रत्याशी चुनाव में ईमानदारी से वोट लें. साथ ही जनता को व्यसन से दूर रखें. जाट ने कहा कि संरपच प्रत्याशी युवाओं को नशा करवा कर घर को बर्बाद कर सरपंच नहीं बनें.
कविता...
'सरपंचों का चुनाव हो गया चालू,
अत्रिक बात तो मारी भी राख ज्य बालू'
'किधर बज रहे हैं बाजे, किधर बज रहे हैं ढ़ोल
भरबा लाग गी सूखा बा की पोल'