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स्पेशल: 26 साल बाद भरतपुर को मिलेगा पर्याप्त पानी, जल्द शुरू होगा कार्य

एक समझौते के करीब 26 साल बाद भरतपुर में किसानों को खुशी मिली है. दरअसल, साल 1994 में हुए समझौते के तहत गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर में करोड़ों के कार्य करवाए जाएंगे. ऐसा अनुमान है कि जिले के करीब 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में इस पानी से सिंचाई हो सकेगी.

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गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर में होंगे 84 करोड़ के कार्य
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Published : Jun 19, 2020, 7:14 PM IST

भरतपुर. किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए साल 1994 में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के साथ 'यमुना जल समझौता' हुआ था. करीब 26 साल के लंबे इंतजार के बाद पहली बार जिले के किसानों को समझौते के तहत गुड़गांवा कैनाल से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा. इसके लिए राज्य सरकार गुड़गांवा कैनाल में करीब 59 करोड़ और भरतपुर फीडर में 24 करोड़ से अधिक के मरम्मत और अन्य कार्य कराने जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि यदि पानी उपलब्ध हो गया तो करीब 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी.

गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर में होंगे 84 करोड़ के कार्य

यह हुआ था समझौता

साल 1994 में राजस्थान के जल संसाधन विभाग के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब राज्यों के बीच यमुना जल समझौता हुआ था. समझौते के तहत भरतपुर जिले को गुड़गांवा कैनाल से पानी मिलना था, लेकिन ओखला बैराज से कभी भी इस समझौते के अनुसार जिले को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल पाया. इस दौरान राजस्थान का जल संसाधन विभाग और राज्य सरकार, हरियाणा सरकार को कई बार पत्र व्यवहार भी किया. फिर भी जिले को पूरा पानी तो दूर, पर्याप्त मात्रा में भी पानी नहीं मिल पाया. पानी की मांग को लेकर कई साल तक जिले के किसान धरना और विरोध प्रदर्शन करते रहे, लेकिन फिर भी उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई.

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जल्द शुरू होगा कार्य

यह भी पढ़ेंः विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस: राजस्थान में गिरने लगा है भूजल स्तर, अब नहीं संभले तो...

भरतपुर जिले को गुडगांव कैनाल से साल भर में 1 हजार 807 क्यूसेक पानी मिलना था. लेकिन अधिकारियों की माने तो बीते 26 साल में बड़ी मुश्किल से 20 से 30 प्रतिशत पानी ही मिलता आया है.

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यमुना जल समझौता

गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर में 84 करोड़ के कार्य

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता बने सिंह ने बताया कि गुड़गांवा कैनाल में मरम्मत कार्य के लिए हरियाणा सरकार को 135 लाख और भरतपुर फीडर में मरम्मत के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को 69 लाख रुपए दिए गए हैं. भरतपुर फीडर का उत्तर प्रदेश में 14 किलोमीटर क्षेत्र है, जिसमें मरम्मत कार्य शुरू हो गया है और 15 जुलाई तक काम पूरा हो जाएगा. वहीं राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान वाटर सेक्टर लाइवलीहुड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (RWSLIP) के तहत गुड़गांवा कैनाल में पांच चरण में 58 करोड़ के कार्य कराए जाएंगे. इसके लिए जल्द ही टेंडर निकलेंगे, जो कि 15 जुलाई को खुलेंगे. साथ ही भरतपुर फीडर में 24 करोड़ के कार्य कराए जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL: अब नहीं झोंका जाएगा किसानों के आंखों में धूल, यहां होगी बीज के गुणवत्ता की जांच

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता आर डी शर्मा ने बताया कि यदि गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर से पूरा पानी मिलना शुरू हो जाए तो भरतपुर में 58 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई हो सकेगी. इसके तहत गुड़गांवा कैनाल से कामां, पहाड़ी और नगर के 47 हजार हेक्टेयर में और भरतपुर फीडर से कुम्हेर व डीग क्षेत्र के 11 हजार 235 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी.

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26 साल बाद भरतपुर को मिलेगा पानी

इस बार 100 तालाब भरे

अधिशासी अभियंता आर डी शर्मा ने बताया कि इस साल गुड़गांवा कैनाल से 63 प्रतिशत पानी मिला है. इससे जहां करीब 2 हजार हेक्टेयर कपास की फसल में एवं करीब 3 हजार हेक्टेयर ज्वार चरी में सिंचाई की गई है. इतना ही नहीं जिले के करीब 100 तालाबों में भी जल भर गया है.

गौरतलब है कि भरतपुर जिले के मेवात, डीग और कुम्हेर क्षेत्र हमेशा से जल संकट का सामना करते आए हैं. ऐसे में इन क्षेत्रवासियों के लिए गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर संजीवनी का काम करते हैं.

भरतपुर. किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए साल 1994 में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के साथ 'यमुना जल समझौता' हुआ था. करीब 26 साल के लंबे इंतजार के बाद पहली बार जिले के किसानों को समझौते के तहत गुड़गांवा कैनाल से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा. इसके लिए राज्य सरकार गुड़गांवा कैनाल में करीब 59 करोड़ और भरतपुर फीडर में 24 करोड़ से अधिक के मरम्मत और अन्य कार्य कराने जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि यदि पानी उपलब्ध हो गया तो करीब 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी.

गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर में होंगे 84 करोड़ के कार्य

यह हुआ था समझौता

साल 1994 में राजस्थान के जल संसाधन विभाग के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब राज्यों के बीच यमुना जल समझौता हुआ था. समझौते के तहत भरतपुर जिले को गुड़गांवा कैनाल से पानी मिलना था, लेकिन ओखला बैराज से कभी भी इस समझौते के अनुसार जिले को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल पाया. इस दौरान राजस्थान का जल संसाधन विभाग और राज्य सरकार, हरियाणा सरकार को कई बार पत्र व्यवहार भी किया. फिर भी जिले को पूरा पानी तो दूर, पर्याप्त मात्रा में भी पानी नहीं मिल पाया. पानी की मांग को लेकर कई साल तक जिले के किसान धरना और विरोध प्रदर्शन करते रहे, लेकिन फिर भी उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई.

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जल्द शुरू होगा कार्य

यह भी पढ़ेंः विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस: राजस्थान में गिरने लगा है भूजल स्तर, अब नहीं संभले तो...

भरतपुर जिले को गुडगांव कैनाल से साल भर में 1 हजार 807 क्यूसेक पानी मिलना था. लेकिन अधिकारियों की माने तो बीते 26 साल में बड़ी मुश्किल से 20 से 30 प्रतिशत पानी ही मिलता आया है.

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यमुना जल समझौता

गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर में 84 करोड़ के कार्य

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता बने सिंह ने बताया कि गुड़गांवा कैनाल में मरम्मत कार्य के लिए हरियाणा सरकार को 135 लाख और भरतपुर फीडर में मरम्मत के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को 69 लाख रुपए दिए गए हैं. भरतपुर फीडर का उत्तर प्रदेश में 14 किलोमीटर क्षेत्र है, जिसमें मरम्मत कार्य शुरू हो गया है और 15 जुलाई तक काम पूरा हो जाएगा. वहीं राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान वाटर सेक्टर लाइवलीहुड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट (RWSLIP) के तहत गुड़गांवा कैनाल में पांच चरण में 58 करोड़ के कार्य कराए जाएंगे. इसके लिए जल्द ही टेंडर निकलेंगे, जो कि 15 जुलाई को खुलेंगे. साथ ही भरतपुर फीडर में 24 करोड़ के कार्य कराए जाएंगे.

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जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता आर डी शर्मा ने बताया कि यदि गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर से पूरा पानी मिलना शुरू हो जाए तो भरतपुर में 58 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई हो सकेगी. इसके तहत गुड़गांवा कैनाल से कामां, पहाड़ी और नगर के 47 हजार हेक्टेयर में और भरतपुर फीडर से कुम्हेर व डीग क्षेत्र के 11 हजार 235 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी.

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26 साल बाद भरतपुर को मिलेगा पानी

इस बार 100 तालाब भरे

अधिशासी अभियंता आर डी शर्मा ने बताया कि इस साल गुड़गांवा कैनाल से 63 प्रतिशत पानी मिला है. इससे जहां करीब 2 हजार हेक्टेयर कपास की फसल में एवं करीब 3 हजार हेक्टेयर ज्वार चरी में सिंचाई की गई है. इतना ही नहीं जिले के करीब 100 तालाबों में भी जल भर गया है.

गौरतलब है कि भरतपुर जिले के मेवात, डीग और कुम्हेर क्षेत्र हमेशा से जल संकट का सामना करते आए हैं. ऐसे में इन क्षेत्रवासियों के लिए गुड़गांवा कैनाल और भरतपुर फीडर संजीवनी का काम करते हैं.

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