डीग. उड़िया बाबा के नाम से भक्तों के बीच पूजे जाने वाले परम संत बाबा श्री श्री 1008 योगानन्द सरस्वती की भरतपुर के डीग में शव यात्रा निकाली गई. अपने संत बाबा के दर्शनार्थ हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए. 80 साल के बाबा का देहावसान उड़ीसा के उनके पैतृक गांव बालासौर में 28 दिसंबर 2021 (मंगलवार) को हुआ था. शव यात्रा के दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती भी रही.
मंदिर की गोशाला में भू समाधि
मस्ता के नाम से मशहूर ब्रज के परम संत का पार्थिक देह बुधवार देर रात प्रीतमदास मंदिर आश्रम लाया गया. आज गुरुवार को शहर मे अंतिम दर्शन यात्रा के बाद उन्हें मंदिर परिसर स्थित गोशाला में भू-समाधि दी गई. बाबा उड़िया की दर्शन यात्रा आज सुबह 9 बजे मंदिर पीतमदास आश्रम से चलकर शहर के लक्ष्मन मंदिर, लोहामंडी, नई सडक, गणेश मंदिर आदि मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः मंदिर पंहुची. इस दौरान डीग के सभी बाजार बंद रहे. बंद की घोषणा बाबा के अनुयायियों सहित व्यापारिक संगठनों ने की थी.
रामानन्द सरस्वती (रामू बाबा) संभालेंगे गद्दी
अंतिम दर्शन यात्रा के बाद मंदिर परिसर मेें बाबा को सन्यासियों की परंपरा के अनुसार पूरे विधि-विधान के साथ भू-समाधि दी गई. बाबा के अनन्त समाधि में विलीन होने के बाद उनके उत्तराधिकारी महंत रामानन्द सरस्वती (रामू बाबा) मंदिर की गद्दी पर विराजमान होंगे.
बाबा बरसों पहले आए थे यहां
उड़िया बाबा को गुरुवार को प्रीतमदास की बगीची पर विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ समाधि दी गयी. बाबा को अंतिम विदाई देने के लिए विभिन्न स्थानों से साधु संत और कस्बेवासी पहुंचे. बाबा कस्बे स्थित प्रीतम दास की बगीची पर सन 1981 में पधारे थे. उन्होंने अपने 40 वर्ष के कार्यकाल में बगीची पर अनेकों कार्यक्रम किये थे जिसे डीग के लोग याद रखते हैं.