भरतपुर. जिले के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में नवजात बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. यहां आईसीयू वार्ड और सामान्य वार्ड में आग बुझाने के उपकरण तक मौजूद नहीं हैं. जबकि यहाँ रोजाना बड़ी तादाद में मरीज आते हैं. इसके अलावा रोजाना दर्जनों महिलाएं डिलीवरी के लिए यहाँ भर्ती होती हैं. ऐसे में नवजात बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होता अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है.
गौरतलब है कि हाल में महाराष्ट्र के भंडारा के अस्पताल में अग्निकांड से दस बच्चों की मौत हो गई थी. ऐसे में अस्पताल में फायर फायटिंग सिस्टम होना जरूरी है. ताकि आपात स्थितियों में आग पर काबू पाया जा सके. राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का कहना है कि अस्पताल में आग बुझाने के संयंत्र लगाने के लिए बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. अस्पताल में आग बुझाने के संयंत्र लगाने के लिए 3 लाख रूपये स्वीकृत भी किए गये हैं.