भरतपुर. शहर के श्मशान घाट में नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही उस समय सामने आई, जब एक कोरोना के मरीज का दाह संस्कार करने के लिए उसे वहां ले जाया गया. लेकिन दाह संस्कार करने वाली मशीन पर तैनात कर्मचारियों ने शराब पी रखी थी और काम न करने की नीयत से दोनों कर्मचारी बेहोशी का बहाना बनाकर जमीन पर लेट गए. इतना ही नहीं जब मौके पर मौजूद निगम के जेईएन ने उन्हें काम करने के लिए कहा तो उन्होंने जेईएन पर पत्थर तक फेंकने शुरू कर दिए. इन सब में शव के दाह संस्कार में करीब 3 घंटे की देरी हो गई.
दरअसल, बीते 14 तारिख को शहर के इंद्रा कॉलोनी में रहने में वाले अजय सोनी नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसका कोरोना सैंपल लिया गया. मंगलवार को मृतक की आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद अटलबंद थाना पुलिस की ओर से उसे शहर के कुम्हेर गेट स्थित श्मशान ले जाया गया, जहां दाह संस्कार की मशीन पर तैनात नगर निगम के दोनों कर्मचारियों को इस बात की पहले ही सूचना दे दी गई थी.
पढ़ें- प्रवासियों के हिस्से का 3047 क्विंटल गेहूं और 186 क्विंटल चना डकार गया सहकारी समिति प्रबंधक
इतने में दोनों कर्मचारियों ने जेईएन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए और जैसे ही शव को श्मशान में प्रवेश कराया गया. तभी दोनों कर्मचारी बेहोशी का नाटक करने लगे करीब 3 घंटे चले इस ड्रामे के बाद मौके पर दूसरे कर्मचारियों को भेजा गया, तब जाकर शव का दाह संस्कार किया गया.
इस बारे में जब नगर निगम आयुक्त से बात की तो उन्होंने बताया कि शव के दाह संस्कार के लिए दाह संस्कार की मशीन पर दो कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई थी, लेकिन दोनों कर्मचारियों ने मंगलवार को निगम के जेईएन पर पथराव किया. शिकायत के बाद मौके पर निगम के अधिकारियों को भेजा गया और दोनों कर्मचारियों को मेडिकल के लिए आरबीएम अस्पताल भेज दिया गया है.
साथ ही बताया कि जब से गैस से संचालित दाह संस्कार की मशीन लगाई गई है, तब से 2 कर्मचारी मशीन पर तैनात रहते है, लेकिन जरूरी काम होने की वजह से दोनों छुट्टी पर गए हुए है, इसी के चलते इन दोनों को लगाया गया था. फिलहाल, जेईएन की शिकायत के बाद दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है.