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राजस्व बढ़ाने के लिए व्यापारियों पर कसेगा नकेल सेल टैक्स विभाग, तय किए टैक्स वसूली के लक्ष्य - भरतपुर न्यूज

जीएसटी लागू होने के ढ़ाई साल बाद भी सरकार के राजस्व में मात्र 3 से 4 फिसदी प्रतिवर्ष वृद्धि प्राप्त हुई है. ऐसे में सरकार ने प्रदेशभर के व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए कदम उठाया है, जिसके तहत वाणिज्यिक कर विभाग ने प्रदेश के सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं, इनमें से अकेले भरतपुर जोन के 10 करोड़ 70 लाख का लक्ष्य है.

भरतपुर न्यूज, bharatpur news
अब व्यापारियों पर वाणिज्यिक कर विभाग कसेगा नकेल
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Published : Dec 28, 2019, 5:49 PM IST

भरतपुर. केंद्र सरकार ने देशभर में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू किया था, जिसके तहत प्रदेशभर के व्यापारियों को जीएसटी की प्रक्रिया को समझाने और उसे फाइल करने के लिए ढाई साल की छूट दी गई थी, लेकिन व्यापारियों की ओर से समय पर पूरा जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया गया.

अब व्यापारियों पर वाणिज्यिक कर विभाग कसेगा नकेल

यही वजह है कि सरकार जहां हर वर्ष राजस्व की 15 फिसदी तक की वृद्धि का अनुमान लगाकर चल रही थी. वहीं मात्र 3 से 4 फिसदी प्रतिवर्ष राजस्व वृद्धि प्राप्त हुई है. ऐसे में व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए और राजस्व वृद्धि अर्जित करने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की प्रदेश के सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं.

भरतपुर जोन को 10 करोड़ 70 लाख का लक्ष्य

वाणिज्यिक कर विभाग के भरतपुर जोन में भरतपुर समेत धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर जिले शामिल हैं. भरतपुर के संयुक्त आयुक्त एचडी मीणा ने बताया कि वर्ष 2019-20 का प्रतिकरापवंचन टीम को जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली का 10 करोड़ 70 लाख रुपए का लक्ष्य दिया गया है. ऐसे में टीम को हर माह जीएसटी और अन्य टैक्स चोरी करने वालों से करीब 90 लाख की राजस्व वसूली करनी होगी.

पढ़ें- नागौर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिये मेले का आयोजन

डिफॉल्टर के बैंक खातों से वसूली, संपत्ति होगी कुर्क

वहीं विभाग ने प्रदेश के टैक्स डिफॉल्टर व्यापारियों से टैक्स वसूली के लिए भी नए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर ( एसओपी) जारी की है. इसके तहत जो टैक्स डिफॉल्टर लंबे समय से रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं, उनके बैंक खातों से टैक्स की राशि की वसूली की जाएगी. साथ ही जिनके खाते से यह राशि अर्जित नहीं कि जा सकेगी उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा.

पूरे प्रदेश को इस साल का 340 करोड़ 15 लाख का लक्ष्य

जानकारी के अनुसार सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं, इनमें भरतपुर सर्कल को 1070 लाख, अजमेर को 1700 लाख, भिवाड़ी को 1800 लाख, भीलवाड़ा 1500 लाख का लक्ष्य है.

पढ़ेंः कांग्रेस स्थापना दिवस : सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यालय पर फहराया तिरंगा

वहीं बीकानेर को 1135 लाख, झुंझुनूं 860 लाख, जोधपुर 1280 लाख, कोटा 2000 लाख, पाली 720 लाख, आबूरोड 720 लाख, गंगानगर 860 लाख, उदयपुर 910 लाख, बांसवाड़ा 780 लाख, जयपुर (1,2,3) को 7500 लाख और राजस्थान (1,2,3) को 9600 लाख समेत पूरे प्रदेश की टीम को 340 करोड़15 लाख का लक्ष्य दिया गया है.

गौरतलब है कि अब तक वाणिज्यिक कर विभाग की प्रतिकरापवंचन टीम को अलग से टैक्स वसूली का कोई लक्ष्य नहीं था, लेकिन अब पहली बार टीम को जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली का लक्ष्य दिया गया है.

भरतपुर. केंद्र सरकार ने देशभर में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू किया था, जिसके तहत प्रदेशभर के व्यापारियों को जीएसटी की प्रक्रिया को समझाने और उसे फाइल करने के लिए ढाई साल की छूट दी गई थी, लेकिन व्यापारियों की ओर से समय पर पूरा जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया गया.

अब व्यापारियों पर वाणिज्यिक कर विभाग कसेगा नकेल

यही वजह है कि सरकार जहां हर वर्ष राजस्व की 15 फिसदी तक की वृद्धि का अनुमान लगाकर चल रही थी. वहीं मात्र 3 से 4 फिसदी प्रतिवर्ष राजस्व वृद्धि प्राप्त हुई है. ऐसे में व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए और राजस्व वृद्धि अर्जित करने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की प्रदेश के सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं.

भरतपुर जोन को 10 करोड़ 70 लाख का लक्ष्य

वाणिज्यिक कर विभाग के भरतपुर जोन में भरतपुर समेत धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर जिले शामिल हैं. भरतपुर के संयुक्त आयुक्त एचडी मीणा ने बताया कि वर्ष 2019-20 का प्रतिकरापवंचन टीम को जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली का 10 करोड़ 70 लाख रुपए का लक्ष्य दिया गया है. ऐसे में टीम को हर माह जीएसटी और अन्य टैक्स चोरी करने वालों से करीब 90 लाख की राजस्व वसूली करनी होगी.

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डिफॉल्टर के बैंक खातों से वसूली, संपत्ति होगी कुर्क

वहीं विभाग ने प्रदेश के टैक्स डिफॉल्टर व्यापारियों से टैक्स वसूली के लिए भी नए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर ( एसओपी) जारी की है. इसके तहत जो टैक्स डिफॉल्टर लंबे समय से रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं, उनके बैंक खातों से टैक्स की राशि की वसूली की जाएगी. साथ ही जिनके खाते से यह राशि अर्जित नहीं कि जा सकेगी उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा.

पूरे प्रदेश को इस साल का 340 करोड़ 15 लाख का लक्ष्य

जानकारी के अनुसार सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं, इनमें भरतपुर सर्कल को 1070 लाख, अजमेर को 1700 लाख, भिवाड़ी को 1800 लाख, भीलवाड़ा 1500 लाख का लक्ष्य है.

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वहीं बीकानेर को 1135 लाख, झुंझुनूं 860 लाख, जोधपुर 1280 लाख, कोटा 2000 लाख, पाली 720 लाख, आबूरोड 720 लाख, गंगानगर 860 लाख, उदयपुर 910 लाख, बांसवाड़ा 780 लाख, जयपुर (1,2,3) को 7500 लाख और राजस्थान (1,2,3) को 9600 लाख समेत पूरे प्रदेश की टीम को 340 करोड़15 लाख का लक्ष्य दिया गया है.

गौरतलब है कि अब तक वाणिज्यिक कर विभाग की प्रतिकरापवंचन टीम को अलग से टैक्स वसूली का कोई लक्ष्य नहीं था, लेकिन अब पहली बार टीम को जीएसटी और अन्य टैक्स वसूली का लक्ष्य दिया गया है.

Intro:स्पेशल -
भरतपुर.
केंद्र सरकार ने देशभर में 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया। इसके तहत राजस्थान समेत प्रदेशभर के व्यापारियों को जीएसटी की प्रक्रिया को समझने और उसे फाइल करने के लिए ढाई साल के डील दी गई लेकिन व्यापारियों की ओर से बावजूद इसके समय पर और पूरा जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किया गया। यही वजह है कि सरकार जहां हर वर्ष राजस्व की 15% तक की वृद्धि का अनुमान लगाकर चल रही थी वही मात्र 3 से 4% प्रतिवर्ष राजस्व वृद्धि प्राप्त हुई है। ऐसे में व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए और राजस्व वृद्धि अर्जित करने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की प्रदेश के सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी व अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं।


Body:भरतपुर जोन को 10 करोड़ 70 लाख का लक्ष्य
वाणिज्यिक कर विभाग के भरतपुर जोन में भरतपुर समेत धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर जिले शामिल हैं। भरतपुर के संयुक्त आयुक्त एचडी मीणा ने बताया कि वर्ष 2019-20 का
प्रतिकरापवंचन टीम को जीएसटी व अन्य टैक्स वसूली का 10 करोड़ 70 लाख रुपए का लक्ष्य दिया गया है। ऐसे में टीम को हर माह जीएसटी व अन्य टैक्स चोरी करने वालों से करीब 90 लाख की राजस्व वसूली करनी होगी।

डिफॉल्टर के बैंक खातों से वसूली, संपत्ति होगी कुर्क
वहीं विभाग ने प्रदेश के टैक्स डिफॉल्टर व्यापारियों से टैक्स वसूली के लिए भी नए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर ( एसओपी) जारी की है। इसके तहत जो टैक्स डिफॉल्टर लंबे समय से रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं उनके बैंक खातों से टैक्स की राशि की वसूली की जाएगी। साथ ही जिनके खाते से यह राशि अर्जित नहीं कि जा सकेगी उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा।

पूरे प्रदेश को इस साल का 340 करोड़ 15 लाख का लक्ष्य
वाणिज्यिक कर विभाग की प्रदेश के सभी सर्कल की प्रतिकरापवंचन टीम को पहली बार 340 करोड़ 15 लाख जीएसटी व अन्य टैक्स वसूली के लक्ष्य दिए गए हैं। इनमें
भरतपुर सर्कल को 1070 लाख, अजमेर को 1700 लाख, भिवाडी को 1800 लाख, भीलवाड़ा 1500 लाख, बीकानेर 1135 लाख, झुंझुनूं 860 लाख, जोधपुर 1280 लाख, कोटा 2000 लाख, पाली 720 लाख, आबूरोड 720 लाख, गंगानगर 860 लाख, उदयपुर 910 लाख, बांसवाड़ा 780 लाख , जयपुर (1,2,3) को 7500 लाख ओर राजस्थान (1,2,3) को 9600 लाख समेत पूरे प्रदेश की टीम को 340 करोड़15 लाख का लक्ष्य दिया गया है।


Conclusion:गौरतलब है कि अब तक वाणिज्यिक कर विभाग की प्रतिकरापवंचन टीम को अलग से टैक्स वसूली का कोई लक्ष्य नही था। लेकिन अब पहली बार टीम को जीएसटी व अन्य टैक्स वसूली का लक्ष्य दिया गया है।

बाईट - एस डी मीना, संयुक्त आयुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग, भरतपुर।

सादर
श्यामवीर सिंह
भरतपुर
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