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भरतपुर : सेवर केंद्रीय कारागार के प्रहरियों ने किया मैस का बहिष्कार, वेतन विसंगति दूर करने की मांग - सेवर केंद्रीय कारागार प्रहरी मामला

प्रहरियों ने हाथों पर काली पट्‌टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. ज्ञापन में वेतन विसंगति दूर करने की मांग करते हुए लिखा है कि चौथे वेतन आयोग तक उनका वेतन राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल के बराबर ही था. लेकिन 5 वें वेतन आयोग से अब तक उनका वेतनमान महज 1900 की श्रंखला में ही है.

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प्रहरियों ने किया मैस का बहिष्कार
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Published : Mar 9, 2021, 9:07 PM IST

भरतपुर. वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर मंगलवार को सेवर केंद्रीय कारागार के प्रहरियों सहित महिला जेल, सब जेल डीग एवं सब जेल बयाना के प्रहरियों ने प्रदेश स्तरीय आह्वान पर मैस का बहिष्कार कर दिया.

साथ ही प्रहरियों ने हाथों पर काली पट्‌टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रहरियों ने महानिदेशक जेल के नाम जेल अधीक्षक अशोक वर्मा काे ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में वेतन विसंगति दूर करने की मांग करते हुए लिखा है कि चौथे वेतन आयोग तक उनका वेतन राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल के बराबर ही था. लेकिन 5 वें वेतन आयोग से अब तक उनका वेतनमान महज 1900 की श्रंखला में ही है. प्रहरियों ने लिखा है कि बार-बार वेतनमान बढ़ाए जाने की मांग किए जाने के बावजूद प्रहरियों का वेतनमान नहीं बढ़ाया जा रहा है.

पढ़ें- राजस्थान विधानसभा: सदन में विधायक घोघरा ने खुद को हिंदू मानने से किया इनकार...ओबीसी आरक्षण में भी उठी वर्गीकरण की मांग

चार साल से मांग

वर्ष 2017 से जेल प्रहरी अपने वेतन की विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं. वर्ष 2019 में जब जेल प्रहरियों ने मैस का बहिष्कार किया था. उस वक्त जेल प्रशासन और सरकार ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनके वेतन की विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है.

जेल प्रहरियों ने चेतावनी दी कि जब तक वेतन की विसंगतियां दूर नहीं की जाएंगी, तब तक मैस का बहिष्कार जारी रहेगा.

ये है मांग

प्रहरियों की मांग है कि उनका वेतनमान राजस्थान पुलिस के सिपाही के बराबर किया जाए. ताकि प्रहरी मंहगाई के दौर में अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सकें.

भरतपुर. वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर मंगलवार को सेवर केंद्रीय कारागार के प्रहरियों सहित महिला जेल, सब जेल डीग एवं सब जेल बयाना के प्रहरियों ने प्रदेश स्तरीय आह्वान पर मैस का बहिष्कार कर दिया.

साथ ही प्रहरियों ने हाथों पर काली पट्‌टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रहरियों ने महानिदेशक जेल के नाम जेल अधीक्षक अशोक वर्मा काे ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में वेतन विसंगति दूर करने की मांग करते हुए लिखा है कि चौथे वेतन आयोग तक उनका वेतन राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल के बराबर ही था. लेकिन 5 वें वेतन आयोग से अब तक उनका वेतनमान महज 1900 की श्रंखला में ही है. प्रहरियों ने लिखा है कि बार-बार वेतनमान बढ़ाए जाने की मांग किए जाने के बावजूद प्रहरियों का वेतनमान नहीं बढ़ाया जा रहा है.

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चार साल से मांग

वर्ष 2017 से जेल प्रहरी अपने वेतन की विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं. वर्ष 2019 में जब जेल प्रहरियों ने मैस का बहिष्कार किया था. उस वक्त जेल प्रशासन और सरकार ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनके वेतन की विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है.

जेल प्रहरियों ने चेतावनी दी कि जब तक वेतन की विसंगतियां दूर नहीं की जाएंगी, तब तक मैस का बहिष्कार जारी रहेगा.

ये है मांग

प्रहरियों की मांग है कि उनका वेतनमान राजस्थान पुलिस के सिपाही के बराबर किया जाए. ताकि प्रहरी मंहगाई के दौर में अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सकें.

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