भरतपुर. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रशिक्षण वर्ग में भाग लेने भरतपुर आए (Satish Poonia in Bharatpur) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री गहलोत पर जमकर निशाना साधा. भारत जोड़ो यात्रा पर कटाक्ष करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि बेहतर होता कि (Satish Poonia target Rahul gandhi) राहुल गांधी पहले अपनी पार्टी को जोड़ लेते. यह सिर्फ एक सियासी पाखंड है.
वहीं 15 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरतपुर दौरे को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि उन्हें दौरे पड़ेंगे, जब उनके दौरे से कुछ हासिल नहीं होगा. सतीश पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर तो रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ सियासी पाखंड के अलावा कुछ नहीं. क्योंकि इतिहास यह कहता है कि उन्होंने भारत को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने का काम किया है.
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कांग्रेस ने जाति, मजहब के नाम पर देश को तोड़ा
कांग्रेस ने जाति और मजहब के नाम पर देश को तोड़ा है. कश्मीर जैसी समस्या की जनक भी कांग्रेस पार्टी (Poonia target congress party) ही है. राहुल गांधी को वर्षों बाद देश की सुध आई. बेहतर होता कि वो पहले अपनी पार्टी को जोड़ लेते. भाजपा में गुटबाजी के सवाल के जवाब में सतीश पूनिया ने कहा कि जिसको जैसे देखना है वैसे देखे, लेकिन हकीकत में पार्टी ने कोई गुटबाजी नहीं है.
ट्विटर पर आरएसएस के गणवेश को जलता हुआ दिखाकर ट्वीट करने के मामले में सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता रही है कि वो ना तो किसी संगठन का सम्मान करते हैं ना किसी विचार का. उनकी फितरत रहती है अपमान करने की. उन्होंने देश के जनमानस का भी अपमान किया है. वो देश के लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया, बाकी संगठन को कहां बख्शेंगे, ये उनके संस्कार हैं.
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भारत दौरे पर आ रहे सीएम, लेकिन उनको खुद दौरे पड़ेंगे
15 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरतपुर दौरे पर पूनिया ने कहा कि वो भरतपुर दौरे पर आ जरूर रहे हैं. लेकिन उनको खुद दौरे पड़ेंगे, जब उनके दौरे से कुछ हासिल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जहां तक AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बात है तो देश में बहुत सारे ऐसे संगठन है जिनको अपना अपना काम करने की छूट है. अभिव्यक्ति की आजादी है. बेशक वो अपना काम करेंगे, हम अपना काम करेंगे.
प्रदेश में तेजी से फैल रहे लंपी वायरस को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि पड़ोस में गुजरात सरकार ने लंपी को बहुत अच्छे से कंट्रोल किया. लेकिन प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार वर्चुअल मीटिंग करते रहे, चिट्ठी पत्री करते रहे, बयानबाजी करते रहे. धरातल पर कोई योजना नहीं बनाई. जरूरी यह था कि जब प्रदेश में लंपी वायरस की आहट हुई तो दरवाजे- दरवाजे जाकर गॉट पॉक्स को लगाना चाहिए था. वैक्सीन को और ज्यादा इंटेंसिटी के साथ पहुंचाना चाहिए था. बहुत सारी निजी गौशालाओं में इस बीमारी को रोकने के उपाय किए गए, सरकार भी रोक सकती थी.
सतीश पूनिया ने कहा कि फील्ड में निचले स्तर पर पशुधन सहायक की भारी कमी है. सरकार को पशुधन सहायकों की भर्ती करनी चाहिए थी. चाहे यूटीवी बेसिस पर करते. पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती करनी चाहिए थी, जो प्रयास होने चाहिए थे वो राजस्थान सरकार ने नहीं किए. यही वजह है कि लाखों की संख्या में गोवंश मारा गया.
प्रदेश में कानून व्यवस्था के सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी सरकार की सरपरस्ती में हर दिन सात हत्या और 17 बलात्कार होते हैं. पौने चार साल में 7 लाख 97 हजार मुकदमे दर्ज हुए हैं. गृह मंत्री के नाते अशोक गहलोत पूरी तरह से विफल हैं. कृपाल हत्याकांड मामले में परिजनों द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोप पर पूनिया ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार को पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से सीखना चाहिए. अपराधियों को सहूलियत के बजाय इतना कठोर दण्ड देना चाहिए कि वो अपराध करने से पहले चार बार सोचें.