भरतपुर. जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकांचल में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ चल रहे आंदोलन (Saints movement against illegal mining) के दौरान बुधवार सुबह एक संत ने खुद को आग लगा ली. गंभीर रूप से झुलसे संत को तुरंत डीग के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से भरतपुर के आरबीएम अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. आंदोलन स्थल पर करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग मौजूद हैं. वहीं इस मामले में भाजपा ने सरकार पर निशाना साधा है.
जानकारी के अनुसार डीग के पासोपा में चल रहे साधु-संतों के आंदोलन स्थल पर बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे एक संत विजयसदास (65) ने खुद को आग लगा ली. धरना स्थल के पीछे जाकर संत ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली. आग की लपटें उठती देख कर मौके पर हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और अन्य लोगों ने तुरंत आग बुझाई और संत विजयदास को डीग के स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद झुलसे हुए संत को आरबीएम जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.
बताया जा रहा है कि संत विजयदास गांव पासोपा के मंदिर पर ही रहते हैं. वहीं, मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी तादाद में पुलिस जाप्ता मौजूद है. बुधवार सुबह से ही आंदोलन स्थल पर साधु संत और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा होना शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि मौके पर करीब डेढ़ हजार से अधिक लोगों की भीड़ मौजूद है. उधर, बाबा नारायणदास अभी भी मोबाइल टावर पर बैठे हुए हैं.
माइन होल्डर्स को शिफ्ट करने का ऑप्शन सरकार देख रही है- खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि सभी माइनिंग होल्डर को खनिज विभाग से लीज मिली हुई है, उन्हें एकदम से नहीं हटाया जा सकता है. लेकिन साधु संतों की भावना को देखते हुए माईन होल्डर्स को शिफ्ट करने का ऑप्शन सरकार देख रही है. इससे पहले भी ब्रज क्षेत्र के साधु-संतों ने प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी. उस समय भी प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था. सरकार कानूनी तरीके से समस्या का स्थाई समाधान निकालना चाहती है.
वहीं, अवैध खनन की रोकथाम के लिए सीएम गहलोत ने आज दोपहर आपात मीटिंग बुलाई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोपहर एक बजे अवैध खनन और भू माफिया को लेकर आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में भू माफियाओं और अवैध खनन की रोकथाम पर चर्चा होगी. बैठक में होम, माइन्स और फॉरेस्ट विभाग के संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे.
मंत्री विश्वेंद्र बोले, सभी मांगें मानने को तैयारः जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकांचल में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार साधु संतों की सभी मांगों को मानने के लिए तैयार है. लेकिन टावर पर बैठे बाबा को पहले नीचे उतरना होगा, उसके बाद ही हम उनको लिखित में दे पाएंगे. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि बीते 3 दिन से साधु संतों से वार्ता कर आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन जब तक मोबाइल टावर से बाबा नीचे नहीं उतरेंगे, तब तक उनकी मांगों के संबंध में लिखित में नहीं दिया जाएगा. उधर धरनास्थल पर एक साधु विजयदास ने खुद को आग लगा ली. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मंगलवार को कई बार वार्ता हुई. साधु संतों की सभी मांगें मानी जाएंगी. आदिबद्री व कनाकांचल में चल रहीं लीगल खदानों को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा, पूरे क्षेत्र को वन क्षेत्र में शामिल कर दिया जाएगा. साथ ही इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
भाजपा ने सरकार पर साधा निशानाः भरतपुर में आदि बद्रीनाथ में अवैध खनन के खिलाफ साधु संत सड़कों पर हैं. एक साधु तो मोबाइल टावर पर भी चढ़ गया. अब इस मामले में बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. भाजपा प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि सरकार की सांठगांठ के कारण ही खनन माफियाओं पर कोई अधिकारी कार्रवाई नहीं करता, जिसके चलते अवैध खनन लगातार जारी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अवैध खनन पर रोक लगाकर सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है. बुधवार को रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि जिस तरह साधु संत की लड़ाई इस मामले में आर पार की बन चुकी है और एक साधु आत्मदाह की कोशिश तक कर रहा है. ऐसे में इस गंभीर मामले में सरकार को तत्परता से कार्रवाई करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने में यदि सरकार ने कार्रवाई में देरी की तो बहुसंख्यक समाज के मन में आक्रोश होगा, जो सरकार को ही झेलना पड़ेगा. विधायक ने कहा कि वर्ग विशेष के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाली राज्य सरकार अब साधु-संतों के मान सम्मान को ध्यान में रखते हुए इस मामले में सख्त कार्रवाई करे. वहीं विधायक रामलाल शर्मा ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का नाम लिए बिना उन पर दोहरा चरित्र होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक दोहरा चरित्र रखते हैं. पहले मीडिया में मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ बयान देते हैं और फिर राज्यसभा चुनाव में सरकार के साथ आकर खड़े हो जाते हैं और अपना जायज और नाजायज काम करवाते हैं. उन्होंने कहा कि जनता सब देख और समझ रही है.