भरतपुर. शहर के ब्रज क्षेत्र में बढ़ते अवैध खनन और पहाड़ों पर माफिया दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण करने में लगे हुए है. इसको लेकर ब्रज क्षेत्र के साधु संतों में भारी आक्रोश है. शुक्रवार को ब्रज क्षेत्र के सैकड़ों की संख्या में साधु संत भरतपुर के जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे. जहां उन्होंने अवैध खनन और पहाड़ों को लीज पर नहीं देने की मांग की. सभी साधु संतों ने जिला कलेक्ट्रेट से शहर के बिजलीघर चौराहे तक एक रैली निकाली, जिसमे सभी साधु संत भजनों पर थिरकते हुए निकले.
साधु संतों की रैली दोबारा जिला कलक्ट्रेट पर पहुंची, लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने जैसे ही उन्हें कलेक्ट्रेट के अंदर घुसने से रोका, तभी साधु संतों ने बेरिकेडिंग को हटा कर कलेक्ट्रेट के अंदर प्रवेश किया. इस दौरान साधु संतों और पुलिस की मामूली झड़प भी हुई.
साधु संतों का आरोप है कि जिला कलेक्टर खनन माफियाओं के हाथ की कठपुतली बने हुए है. साधु संतों ने खनन माफियाओं के रास्ते बंद किए तो प्रशाशन ने एक अलग रास्ता तैयार करवा दिया है. 38 नई लीज देने की स्वकृति प्रदान की गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशाशन के अधिकारी खनन से करोड़ों का घोटाला कर रहे है. 2008-09 भरतपुर का ब्रज इलाका आरक्षित वन घोषित हुआ था, लेकिन उस समय कुछ हिस्सा आरक्षित वन में आने से रह गया था, लेकिन बचे हुए हिस्से की आड़ में अब आरक्षित वन क्षेत्र भी नष्ट होता जा रहा है.
इस ब्रज में क्षेत्र में भगवान कृष्ण खेले है और भगवान कृष्ण ने इन इलाकों में लीलाएं की है. अब प्रशाशन की सह पर बृज क्षेत्र में खनन किया जा रहा है. जिससे सारी संपदा नष्ट हो रही है. इसके अलावा लोगों की आस्था पर भी ठेस पहुंच रही है. अगर आज जिला कलेक्टर हमारी मांगे नहीं सुनते तो लाखों की संख्या में साधु संतों को बुलाया जाएगा और पूरे परिसर का घेराव किया जाएगा.
बता दें कि भरतपुर का आदि बद्री नाथ मंदिर के इलाके में काफी पुराने समय के पहाड़ जंगल और वृक्ष मौजूद है. स्थानीयों लोगों का कहना है भगवान श्री कृष्ण इन जंगल पहाड़ों में खेला करते है. इसलिए उस इलाके से लोगों को कई आस्थाएं जुड़ी हुई है. लेकिन खनन माफिया लगातार पहाड़ों के दोहन करते जा रहे है. जिससे लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई है.