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पश्चिम बंगाल से लौट रहे राजस्थानी प्रवासी मजदूर, भरतपुर बॉर्डर पर हो रही मेडिकल जांच

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Published : May 4, 2020, 6:35 PM IST

पश्चिम बंगाल में मजदूरी करने वाले राजस्थानी प्रवासी मजदूरों की वापसी का क्रम जारी है. बसों के जरिए उन्हें भरतपुर बॉर्डर पर लाया जा रहा है, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण करके उन्हें खाना दिया जा रहा है. इसके बाद उन्हें बसों से उनके जिले में भेजा जा रहा है.

Rajasthani migrant laborers, भरतपुर न्यूज
पश्चिम बंगाल से लौट रहे राजस्थानी प्रवासी मजदूर

भरतपुर. पक्षिम बंगाल से वापस लौट रहे सैकड़ों राजस्थानी प्रवासी मजदूरों को बसों के जरिेए भरतपुर लाया जा रहा है. देर रात से अब तक यहां इनके आने का क्रम जारी है. उत्तर प्रदेश की सीमा से लगने वाले प्रदेश के भरतपुर बॉर्डर पर इनकी मेडिकल विभाग की ओर से स्क्रीनिंग करने और उनको खाना दिया जा रहा है. उसके बाद उन्हीं बसों से अलग-अलग जिलों में भेजने का काम जारी है.

पश्चिम बंगाल से लौट रहे राजस्थानी प्रवासी मजदूर

तीन दिन पहले से प्रवासी मजदूरों को बसों के जरिए पश्चिम बंगाल से लाने के अभियान सरकार की ओर से शुरू किया गया था. सोमवार को ये लोग भरतपुर पहुंचे हैं. जहां से प्रवासी मजदूरों को उनके जिलों में भेजा जा रहा है.

पढ़ें- कोटा: 1,215 बच्चों को लेकर बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन, मंगलवार सुबह पहुंचेगी दरभंगा

सोमवार सुबह से शाम तक 27 बसें राजस्थान बॉर्डर भरतपुर पहुंची. जिसमें 16 बसें असम से मजदूरों को लेकर आई थी. तकरीबन प्रदेश के 600 प्रवासी वापस आ चुके हैं. जिन्हें बसों के जरिए उनके जिले में भेज दिया गया है.

प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में मजदूरी खत्म होने के बाद उन लोगों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था. सरकार की ओर से भी खाने का सामान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था. इसके अलावा सरकार चिकित्सकीय सुविधाएं भी मुहैया नहीं करा रही थी. जिससे उन लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: ठेकों में खत्म हो गई शराब, लोगों को लौटना पड़ा खाली हाथ

वहीं भरतपुर जिला प्रशासन ने उनको बॉर्डर पर खाने-पीने, शौच और नहाने की पूरी व्यवस्था कराई. मेडिकल टीम की ओर से सभी की स्क्रीनिंग की गई. मजदूरों ने बताया कि वहां मकान मालिक उन पर किराया देने के लिए आए दिन दबाव बनाता था. उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे, ऐसे में वे किराया कैसे भरते.

भरतपुर. पक्षिम बंगाल से वापस लौट रहे सैकड़ों राजस्थानी प्रवासी मजदूरों को बसों के जरिेए भरतपुर लाया जा रहा है. देर रात से अब तक यहां इनके आने का क्रम जारी है. उत्तर प्रदेश की सीमा से लगने वाले प्रदेश के भरतपुर बॉर्डर पर इनकी मेडिकल विभाग की ओर से स्क्रीनिंग करने और उनको खाना दिया जा रहा है. उसके बाद उन्हीं बसों से अलग-अलग जिलों में भेजने का काम जारी है.

पश्चिम बंगाल से लौट रहे राजस्थानी प्रवासी मजदूर

तीन दिन पहले से प्रवासी मजदूरों को बसों के जरिए पश्चिम बंगाल से लाने के अभियान सरकार की ओर से शुरू किया गया था. सोमवार को ये लोग भरतपुर पहुंचे हैं. जहां से प्रवासी मजदूरों को उनके जिलों में भेजा जा रहा है.

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सोमवार सुबह से शाम तक 27 बसें राजस्थान बॉर्डर भरतपुर पहुंची. जिसमें 16 बसें असम से मजदूरों को लेकर आई थी. तकरीबन प्रदेश के 600 प्रवासी वापस आ चुके हैं. जिन्हें बसों के जरिए उनके जिले में भेज दिया गया है.

प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में मजदूरी खत्म होने के बाद उन लोगों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था. सरकार की ओर से भी खाने का सामान उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था. इसके अलावा सरकार चिकित्सकीय सुविधाएं भी मुहैया नहीं करा रही थी. जिससे उन लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.

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वहीं भरतपुर जिला प्रशासन ने उनको बॉर्डर पर खाने-पीने, शौच और नहाने की पूरी व्यवस्था कराई. मेडिकल टीम की ओर से सभी की स्क्रीनिंग की गई. मजदूरों ने बताया कि वहां मकान मालिक उन पर किराया देने के लिए आए दिन दबाव बनाता था. उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे, ऐसे में वे किराया कैसे भरते.

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