ETV Bharat / state

अदालती आदेश की अवमानना करने पर दो आईएएस सहित तीन को अवमानना नोटिस - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं कने पर दो आईएएस समेत तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

ISSUED CONTEMPT NOTICES,  CONTEMPT NOTICES TO THREE OFFICIALS
दो आईएएस सहित तीन को अवमानना नोटिस जारी. (ETV Bharat jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 21, 2024, 9:02 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी के पास बताशे वालों की बगीची के स्वामित्व से जुड़े मामले में अदालती आदेश के बावजूद आपत्तियों को तय नहीं करने पर तत्कालीन प्रमुख यूडीएच सचिव टी रविकांत, ग्रेटर नगर निगम आयुक्त रुक्मणी रियाड और मालवीय नगर जोन के उपायुक्त अर्शदीप बरार को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश जयसिंह सैनी की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश कुमार टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता अपने पूर्वजों के जमाने से मोती डूंगरी के पास बताशे वालों की बगीची के नाम से मशहूर जगह पर रहते आ रहे हैं. तत्कालीन मयखाना खास जयपुर कौंसिल ने 16 अगस्त, 1934 को प्रस्ताव लेकर इस 2.17 बीघा जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में धार्मिक श्रेणी में दर्ज किया था. वहीं, 2 मार्च, 1951 को हुए सिटी सर्वे में भी इसे धार्मिक भूमि माना. याचिका में कहा गया कि पूर्व में यह तय किया गया था कि इस धार्मिक श्रेणी की भूमि का रखरखाव बताशे वालों की कमेटी करेगी.

पढ़ेंः अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अफसरों को अवमानना नोटिस जारी - Rajasthan High Court

इसके बावजूद इस कमेटी ने 1 जनवरी, 1966 को प्रस्ताव लेकर भूमि का स्वामित्व श्री हलवाई समिति को सौंप दिया. याचिका में बताया गया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में इस भूमि का पट्टा लेने के लिए याचिकाकर्ता ने आवेदन किया था. इस पर निगम ने आम सूचना जारी कर आपत्तियां मांगी. इस दौरान हलवाई समिति ने 2 नवंबर, 2021 को आपत्ति दर्ज करा दी, लेकिन निगम ने उसकी आपत्ति को तय नहीं किया और याचिकाकर्ता को पट्टा भी जारी नहीं किया. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट ने गत 23 फरवरी को याचिका का निपटारा करते हुए निगम को तीन माह में समिति व याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने को कहा, लेकिन इस आदेश की पालना भी नहीं की गई. इस पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी के पास बताशे वालों की बगीची के स्वामित्व से जुड़े मामले में अदालती आदेश के बावजूद आपत्तियों को तय नहीं करने पर तत्कालीन प्रमुख यूडीएच सचिव टी रविकांत, ग्रेटर नगर निगम आयुक्त रुक्मणी रियाड और मालवीय नगर जोन के उपायुक्त अर्शदीप बरार को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश जयसिंह सैनी की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश कुमार टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता अपने पूर्वजों के जमाने से मोती डूंगरी के पास बताशे वालों की बगीची के नाम से मशहूर जगह पर रहते आ रहे हैं. तत्कालीन मयखाना खास जयपुर कौंसिल ने 16 अगस्त, 1934 को प्रस्ताव लेकर इस 2.17 बीघा जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में धार्मिक श्रेणी में दर्ज किया था. वहीं, 2 मार्च, 1951 को हुए सिटी सर्वे में भी इसे धार्मिक भूमि माना. याचिका में कहा गया कि पूर्व में यह तय किया गया था कि इस धार्मिक श्रेणी की भूमि का रखरखाव बताशे वालों की कमेटी करेगी.

पढ़ेंः अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर अफसरों को अवमानना नोटिस जारी - Rajasthan High Court

इसके बावजूद इस कमेटी ने 1 जनवरी, 1966 को प्रस्ताव लेकर भूमि का स्वामित्व श्री हलवाई समिति को सौंप दिया. याचिका में बताया गया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में इस भूमि का पट्टा लेने के लिए याचिकाकर्ता ने आवेदन किया था. इस पर निगम ने आम सूचना जारी कर आपत्तियां मांगी. इस दौरान हलवाई समिति ने 2 नवंबर, 2021 को आपत्ति दर्ज करा दी, लेकिन निगम ने उसकी आपत्ति को तय नहीं किया और याचिकाकर्ता को पट्टा भी जारी नहीं किया. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट ने गत 23 फरवरी को याचिका का निपटारा करते हुए निगम को तीन माह में समिति व याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने को कहा, लेकिन इस आदेश की पालना भी नहीं की गई. इस पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.