भरतपुर. धौलपुर सीमा से सटे हुए भरतपुर जिले के रूपवास थाना इलाके में धौलपुर की चंबल नदी से लगातार अवैध बजरी खनन का काम किया जा रहा था. जिसे रोकने के लिए एक महीने पहले लगाए गए आरएसी के गार्ड को सिर्फ एक महीने बाद ही हटा लिया गया. जिसके बाद फिर से अवैध बजरी का परिवहन शुरू हो गया है. आरएसी के डीआईजी किशन सहाय ने बताया कि कही भी आरएसी के जवान तैनात करने की जिम्मेदारी जिला पुलिस अधीक्षक की होती है और जहां तक नाके से आरएसी के जवान हटाए गए है तो उसकी वजह भी जिला एसपी को ही पता होगी.
धौलपुर से भरतपुर जिले में अवैध बजरी परिवहन आसानी से हो जाता है क्योंकि बजरी माफिआओं के लिए ये रास्ता बेहद आसान है जहां से ना केवल भरतपुर बल्कि सटे हुए मथुरा और आगरा जिलों में भी बजरी परिवहन आसानी से हो जाता है. धौलपुर से अवैध बजरी खनन कर सैकड़ों ट्रेक्टर ट्राली रोजाना माफियाओं की ओर से भरतपुर के लिए जाते हैं जिनको रोकने पर बजरी माफिया पुलिस पर सीधे फायरिंग करते है.
धौलपुर की चम्बल नदी से खनन होकर भरतपुर में ट्रक ट्राली से बजरी परिवहन करने वाले बजरी माफियों पर लगाम लगाने के लिए पिछले महीने जिला पुलिस ने धौलपुर से लगने वाले भरतपुर के बॉर्डर पर बुलेट प्रूफ बंकर्स लगाए थे. जहां आरएसी के जवान तैनात किए गए थे और इसके बाद बजरी माफियाओं पर रोक लग गई थी.
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आज ये आरएसी के जवान वहां से हटा लिए गए है जिससे बजरी माफियाओं का संचालन फिर से शुरू हो गया है. दरअसल आज आरएसी के डीआईजी भरतपुर पहुंचे थे. जहां RAC कैम्प पर उनको गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जिसके बाद DIG ने एक प्रेस वार्ता भी की.