भरतपुर. जिले के अधिकतर किसान परंपरागत फसलों की खेती करके जीवन यापन कर रहे हैं. लेकिन बदलते दौर के साथ ही खेती में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. जिले के कुछ किसान अब परंपरागत खेती सरसों और गेहूं की बजाए ऐसी फसलों की तरफ (Bharatpur Potato Farmers Benefited) रुझान कर रहे हैं, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हासिल हो सके.
इसी में से एक है आलू की खेती. जिले में इस बार आलू का रकबा गत वर्ष की तुलना में करीब 1000 हेक्टेयर कम हो गया है. लेकिन आलू के बंपर पैदावार और मंडियों में मिल रहे (Production of Potato in Bharatpur) अच्छे भाव से किसान उत्साहित हैं.
बेदाग आलू के लिए खेतों तक पहुंच रहे व्यापारीः सांतरुक गांव के किसान मुकेश चंद्र ने बताया कि इस बार बरसात अच्छी होने की वजह से आलू की अच्छी पैदावार हुई है. अभी किसान खेतों से आलू खुदाई में लगा हुआ है. आलू की फसल भी बेदाग हैं, इसलिए व्यापारी (Financial Condition of Bharatpur Farmers) आलू खरीदने के लिए खेतों तक पहुंच रहे हैं.
आलू की बंपर पैदावार, अच्छे दामः किसान मुकेश चंद्र ने बताया कि इस बार आलू की बंपर पैदावार हुई है. पिछले वर्ष प्रति बीघा 100 से 110 बोरे/कट्टा (50 किलो) तक आलू की फसल हुई थी. लेकिन इस बार अधिकतम 125 से 130 बोरे/कट्टा (50 किलो) तक (Price of Potato in Bharatpur) आलू हुआ है. मनोज कुंतल ने बताया कि अभी शुरुआती समय में ही आलू के अच्छे भाव मिल रहे हैं. प्रति कट्टा 650 रुपए तक किसान को मिल रहे हैं. इससे कुछ समय बाद आलू के भाव में उछाल आने की संभावना है.
रकबा घटने से भाव बढ़ेंगेः उद्यान विभाग के सहायक निदेशक जनकराज मीना ने बताया गत वर्ष की तुलना में जिले में आलू का रकबा घटा है. गत वर्ष करीब 2200 हेक्टेयर में आलू की बुवाई हुई थी. लेकिन इस वर्ष 1256 हेक्टेयर में ही आलू की फसल की गई है. किसान अरुण पाल और मुकेश ने बताया कि गत वर्ष आलू के अच्छे भाव नहीं मिले थे. जिसकी वजह से कुछ किसानों ने आलू का रकबा घटा कर सरसों की फसल की है. इस बार आलू का रकबा घटने और अच्छी पैदावार होने की वजह से आलू के अच्छे भाव मिलने की संभावना है.
ऐसे समझें आलू का गणितः किसान अरुण पाल ने बताया कि आलू की फसल का 3 महीने का चक्र होता है. आलू की बुवाई, सिंचाई और खुदाई तक प्रति बीघा औसतन 19 से 20 हजार रुपए तक लागत आती है. ऐसे में इस बार पैदावार की बात करें तो प्रति बीघा 130 कट्टा तक आलू पैदा हुआ है.
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वर्तमान में मिल रहे आलू के भाव से ही अनुमान लगाया जाए, तो प्रति बीघा किसान को करीब 85 हजार रुपए तक आय हो सकती है. यानी 20 हजार रुपए की लागत घटाने के बाद किसान को प्रति बीघा 65 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा मिल रहा है. भविष्य में आलू के भाव और बढ़ने पर यह मुनाफा और बढ़ सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार आलू किसान की झोली भरेगा.