भरतपुर. जनाना अस्पताल में नसबंदी के लिए जिले दूर-दराज गांव से आईं महिलाओं को बिना नसबंदी का ऑपरेशन करवाये अपने घर जाना पड़ा. क्योंकि अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर्स छुट्टी पर था. वहीं महिलाओं को ऑपरेशन पर लाने वाली ANM ने बताया कि उनको महिलाओं की नसबंदी करवाने के लिए टारगेट दिया जाता है, जिसकी वजह से वे ग्रामीण महिलाओं को बड़ी समझाइश के बाद नसबंदी करवाने के लिए राजी करती हैं और जनाना अस्पताल लेकर आती हैं.
लेकिन यहां डॉक्टर्स नहीं मिलते, ऐसे में अगर डॉक्टर्स मिल भी जाते हैं तो उनको घंटों तक डॉक्टर्स का इंतजार करना पड़ता है. जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाएं अपने घर चली जाती हैं और टारगेट पूरा नहीं होने की स्तिथि में ANM की तनख्वाह रोक ली जाती है.
वहीं नसबंदी करवाने आई महिला ने बताया कि अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर ऑपरेशन करवाने आई है. लेकिन यहां डॉक्टर्स न होने कारण उनको बिना ऑपरेशन करवाये वापस अपने घर जाना पड़ रहा है. अब वे शायद दोबारा ऑपरेशन के लिए अस्पताल न सकें.
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इस बारे में जब डिप्टी CMHO असित श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 5 डॉक्टर्स को नसबंदी करने की ट्रेनिंग दिलाई हुई है. लेकिन वे डॉक्टर्स नसबंदी करने से साफ मना कर देते हैं. कहते हैं कि अगर मरीज को कुछ होता है तो उनकी जिम्मेदारी होगी.
आज भी नसबंदी के लिए लाने वाली ANM ने जब इसकी शिकायत असित श्रीवास्तव से की तो उन्होंने जनाना अस्पताल की HOD मोहिनी वालिया से बात की. तुरंत डॉक्टर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. लेकिन उसके बावजूद कोई भी डॉक्टर नसबंदी का ऑपरेशन के लिए वहां नहीं पहुंचा. जिसके बाद डिप्टी CMHO का कहना है कि इस मामले की जांच होगी और उच्च अधिकारियों को भी इस घटना को लेकर बताया जाएगा.