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भरतपुर के जनाना अस्पताल में नहीं मिला कोई नसबंदी करने वाला Doctors

सरकार जनसंख्या रोकने के लिए नई योजना बना रही है. उसी के तहत सरकार नसबंदी के लिए लोगों को जागरुक कर रही है. जगह-जगह शिविर लगाए जा रहे हैं. ताकि हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जा सके. लेकिन बुधवार को भरतपुर के जनाना अस्पताल में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ती देखी गई.

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जनाना अस्पताल में नहीं मिला कोई नसबंदी करने वाला Doctors
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Published : Jan 8, 2020, 2:56 PM IST

भरतपुर. जनाना अस्पताल में नसबंदी के लिए जिले दूर-दराज गांव से आईं महिलाओं को बिना नसबंदी का ऑपरेशन करवाये अपने घर जाना पड़ा. क्योंकि अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर्स छुट्टी पर था. वहीं महिलाओं को ऑपरेशन पर लाने वाली ANM ने बताया कि उनको महिलाओं की नसबंदी करवाने के लिए टारगेट दिया जाता है, जिसकी वजह से वे ग्रामीण महिलाओं को बड़ी समझाइश के बाद नसबंदी करवाने के लिए राजी करती हैं और जनाना अस्पताल लेकर आती हैं.

जनाना अस्पताल में नहीं मिला कोई नसबंदी करने वाला Doctors

लेकिन यहां डॉक्टर्स नहीं मिलते, ऐसे में अगर डॉक्टर्स मिल भी जाते हैं तो उनको घंटों तक डॉक्टर्स का इंतजार करना पड़ता है. जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाएं अपने घर चली जाती हैं और टारगेट पूरा नहीं होने की स्तिथि में ANM की तनख्वाह रोक ली जाती है.

वहीं नसबंदी करवाने आई महिला ने बताया कि अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर ऑपरेशन करवाने आई है. लेकिन यहां डॉक्टर्स न होने कारण उनको बिना ऑपरेशन करवाये वापस अपने घर जाना पड़ रहा है. अब वे शायद दोबारा ऑपरेशन के लिए अस्पताल न सकें.

यह भी पढ़ेंः खबर का असर: आखिर 17 दिन इंतजार के बाद एमएसजे कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर को कराया कार्यभार ग्रहण

इस बारे में जब डिप्टी CMHO असित श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 5 डॉक्टर्स को नसबंदी करने की ट्रेनिंग दिलाई हुई है. लेकिन वे डॉक्टर्स नसबंदी करने से साफ मना कर देते हैं. कहते हैं कि अगर मरीज को कुछ होता है तो उनकी जिम्मेदारी होगी.

आज भी नसबंदी के लिए लाने वाली ANM ने जब इसकी शिकायत असित श्रीवास्तव से की तो उन्होंने जनाना अस्पताल की HOD मोहिनी वालिया से बात की. तुरंत डॉक्टर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. लेकिन उसके बावजूद कोई भी डॉक्टर नसबंदी का ऑपरेशन के लिए वहां नहीं पहुंचा. जिसके बाद डिप्टी CMHO का कहना है कि इस मामले की जांच होगी और उच्च अधिकारियों को भी इस घटना को लेकर बताया जाएगा.

भरतपुर. जनाना अस्पताल में नसबंदी के लिए जिले दूर-दराज गांव से आईं महिलाओं को बिना नसबंदी का ऑपरेशन करवाये अपने घर जाना पड़ा. क्योंकि अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर्स छुट्टी पर था. वहीं महिलाओं को ऑपरेशन पर लाने वाली ANM ने बताया कि उनको महिलाओं की नसबंदी करवाने के लिए टारगेट दिया जाता है, जिसकी वजह से वे ग्रामीण महिलाओं को बड़ी समझाइश के बाद नसबंदी करवाने के लिए राजी करती हैं और जनाना अस्पताल लेकर आती हैं.

जनाना अस्पताल में नहीं मिला कोई नसबंदी करने वाला Doctors

लेकिन यहां डॉक्टर्स नहीं मिलते, ऐसे में अगर डॉक्टर्स मिल भी जाते हैं तो उनको घंटों तक डॉक्टर्स का इंतजार करना पड़ता है. जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाएं अपने घर चली जाती हैं और टारगेट पूरा नहीं होने की स्तिथि में ANM की तनख्वाह रोक ली जाती है.

वहीं नसबंदी करवाने आई महिला ने बताया कि अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर ऑपरेशन करवाने आई है. लेकिन यहां डॉक्टर्स न होने कारण उनको बिना ऑपरेशन करवाये वापस अपने घर जाना पड़ रहा है. अब वे शायद दोबारा ऑपरेशन के लिए अस्पताल न सकें.

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इस बारे में जब डिप्टी CMHO असित श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 5 डॉक्टर्स को नसबंदी करने की ट्रेनिंग दिलाई हुई है. लेकिन वे डॉक्टर्स नसबंदी करने से साफ मना कर देते हैं. कहते हैं कि अगर मरीज को कुछ होता है तो उनकी जिम्मेदारी होगी.

आज भी नसबंदी के लिए लाने वाली ANM ने जब इसकी शिकायत असित श्रीवास्तव से की तो उन्होंने जनाना अस्पताल की HOD मोहिनी वालिया से बात की. तुरंत डॉक्टर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. लेकिन उसके बावजूद कोई भी डॉक्टर नसबंदी का ऑपरेशन के लिए वहां नहीं पहुंचा. जिसके बाद डिप्टी CMHO का कहना है कि इस मामले की जांच होगी और उच्च अधिकारियों को भी इस घटना को लेकर बताया जाएगा.

Intro:भरतपुर के जनाना अस्पताल में नही मिला कोई नसबंदी करने वाला डॉक्टर्स


Body:भरतपुर-08-01-2020
एंकर- सरकार जनसंख्या रोकने के लिए नई योजना बना रही है उसकी के तहत सरकार नसबंदी के लिए लोगों को जागरूक कर रही जगह जगह शिविर लगाए जा रहे है। ताकि हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या पर रोक लग सके। लेकिन आज भरतपुर के जनाना अस्पताल खुलेआम नियमों की झांझीया उड़ती देखी जा सकती है।
जनाना अस्पताल में नसबंदी के लिए जिले दूरदराज गाँव से आई महिलाओं को बिना नसबंदी का ऑपरेशन करवाये अपने घर जाना पड़ा। क्योंकि अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर्स छुट्टी पर था। वही महिलाओं को ऑपरेशन पर लाने वाली ANM ने बताया कि उनको महिलाओं की नसबंदी करवाने के लिए टारगेट दिया जाता है जिसकी वजह से वे ग्रामीण महिलाओं को बड़ी समझाइश के बाद नसबंदी करवाने के लिए राजी करती है और जनाना अस्पताल लेकर आती है लेकिन यहाँ डॉक्टर्स नही मिलते अगर डॉक्टर्स मिल भी जाते है तो उनको घंटो तक डॉक्टर्स का इंतजार करना पड़ता है। जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाएं अपने घर चली जाती है। और टारगेट पूरा नही होने की स्तिथि में ANM की तनख्वाह रोक ली जाती है।
वही नसबंदी करवाने आई महिला ने बताया कि अपने छोटे छोटे बच्चों को घर पर छोड़ पर ऑपरेशन करवाने आई है लेकिन यहाँ डॉक्टर्स न होने कारण उनको बिना ऑपरेशन करवाये बापस अपने घर जाना पड़ रहा है। अब वे शायद दुबारा ऑपरेशन के लिए अस्पताल न सके।
इस बारे में जब डिप्टी CMHO असित श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने 05 डॉक्टर्स को नसबंदी करने की ट्रेनिंग दिलाई हुई है। लेकिन वे डॉक्टर्स नसबंदी करने से साफ मना कर देते है और कहते है कि अगर मरीज को कुछ होता है तो उनकी जिम्मेदारी होगी आज भी नसबंदी के लिए लाने वाली ANM ने जब इसकी शिकायत असित श्रीवास्तव से की तो उन्होंने जनाना अस्पताल की HOD मोहिनी वालिया से बात की तुरंत डॉक्टर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए लेकिन उसके बावजूद कोई भी डॉक्टर नसबंदी का ऑपरेशन के लिए वहाँ नही पहुँचा। जिसके बाद डिप्टी CMHO का कहना है कि इस मामले की जांच होगी और उच्च अधिकारियों को भी इस घटना को लेकर बताया जाएगा।


Conclusion:जनाना अस्ताल में नसबंदी के लिए आई महिलाओं को बिना ऑपरेशन करवाये बापस अपने घर लौटना पड़ा।
बाइट- सरोज, ANM
बाइट- असित श्रीवास्तव, डिप्टी CMHO
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