भरतपुर. जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र में 7 साल पूर्व 8वीं कक्षा की एक छात्रा को गिरोह बनाकर आरोपियों ने इतना परेशान कर दिया कि उसने आत्महत्या कर ली थी. पिता की ओर से दर्ज कराए गए मामले में अब पॉक्सो कोर्ट ने सुनवाई कर 4 आरोपियों को 7 साल का कठोर कारावास (Court sent convicts to 7 years Jail) एवं एक अन्य आरोपी को 2 साल के कठोर कारावास और 20 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
पॉक्सो कोर्ट प्रथम के विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि दिसंबर 2015 में चिकसाना थाने में एक छात्रा के पिता ने मामला दर्ज कराया, जिसमें बताया कि 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी बेटी को आरोपियों ने गिरोह बनाकर इतना परेशान कर दिया कि उसने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू की.
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गुरुवार को पूरे मामले में पॉक्सो कोर्ट प्रथम न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने तमाम गवाहों और सबूतों को सुनते हुए आरोपी दिलीप, लीले, जगराम, राकेश को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसी मामले के आरोपी हरीश को 2 साल के कठोर कारावास और 20 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई. विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि इस पूरे मामले में 16 गवाह और 18 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. आखिर में 7 साल बाद नाबालिग मृतका और उसके पिता को न्याय मिल सका.