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मानवता शर्मसारः दर्द से तड़पती रही प्रसूता, अस्पताल वसूलने में लगा था सुविधा शुल्क

राजस्थान सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के तमाम दावे जरूर कर रही है, लेकिन गुरूवार को कामां कस्बे के सबसे बड़े अस्पताल में प्रसव कराने आई प्रसूता दर्द से तड़पती रही, लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई. वहीं प्रसव कराने के नाम पर प्रसूताओं के परिवारजनों से अस्पताल प्रबंधन द्वारा मोटा सुविधा शुल्क वसूल किया जाता है.

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Published : Aug 15, 2019, 8:24 PM IST

Bharatpur News Kaman Hospital News

कामां (भरतपुर). राजस्थान सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के तमाम दावे जरूर कर रही है लेकिन भरतपुर जिले के कामां सरकारी अस्पताल की दुर्दशा का एक नमूना गुरूवार को देखने को मिला. बता दें कि गुरूवार को कामां कस्बे में स्थित मेवात क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में प्रसव कराने आई प्रसूता दर्द से तड़पती रही, लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई.

अस्पताल में परेशान प्रसूता

जानकारी के अनुसार कामां कस्बा के रामजी गेट मोहल्ला निवासी प्रसूता अस्पताल में प्रसव कराने के लिए बुधवार देर रात अस्पताल पहुंची, जहां वह दर्द से तड़पती रही लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई. प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल में हल्ला किया तब जाकर ड्यूटी पर मौजूद नर्स द्वारा प्रसूता को प्रसव कक्ष में ले जाकर डिलीवरी कराई गई. प्रसूता के परिजन ने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रसव कराने आई महिलाओं से अवैध रूप से सुविधा शुल्क वसूल किया जाता है और सुविधा शुल्क नहीं देने पर जिला अस्पताल रेफर करने की धमकी दी जाती है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के जच्चा वार्ड में श्वान खुलेआम घूम रहे हैं, जो किसी दिन किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं.

पढ़ें- नेहरू की एक गलती के कारण सालों तक देश को भुगतना पड़ता, लेकिन अब भारत हुआ अखंड : माथुर

बता दें कि अस्पताल में पाई गांव से प्रसव कराने आई महिला से अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रसव कराने के नाम पर मोटी सुविधा शुल्क की मांग की गई. जिस पर प्रसव कराने के नाम पर 500 रुपए लिए गए, वहीं उसके बाद भी उनसे और सुविधा शुल्क मांगा गया. परिजनों ने बताया कि उनके द्वारा सुविधा शुल्क नहीं दिया गया तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया , लेकिन रेफर करने के कुछ देर बाद ही अस्पताल में प्रसव हो गया.

रात में जच्चा वार्ड में खुलेआम घूमते हैं श्वान

प्रसूताओं के परिजनों ने बताया कि रात्रि के समय अस्पताल में श्वान घूमते रहते हैं और लाइट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण अंधेरा रहता है. उन्होंने बताया कि प्रसूताओं और नवजातों की हवा हाथ के पंखे से की जाती है और श्वानों से भी नवजातों की सुरक्षा खुद ही करनी पड़ती है.

कामां (भरतपुर). राजस्थान सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के तमाम दावे जरूर कर रही है लेकिन भरतपुर जिले के कामां सरकारी अस्पताल की दुर्दशा का एक नमूना गुरूवार को देखने को मिला. बता दें कि गुरूवार को कामां कस्बे में स्थित मेवात क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में प्रसव कराने आई प्रसूता दर्द से तड़पती रही, लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई.

अस्पताल में परेशान प्रसूता

जानकारी के अनुसार कामां कस्बा के रामजी गेट मोहल्ला निवासी प्रसूता अस्पताल में प्रसव कराने के लिए बुधवार देर रात अस्पताल पहुंची, जहां वह दर्द से तड़पती रही लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई. प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल में हल्ला किया तब जाकर ड्यूटी पर मौजूद नर्स द्वारा प्रसूता को प्रसव कक्ष में ले जाकर डिलीवरी कराई गई. प्रसूता के परिजन ने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रसव कराने आई महिलाओं से अवैध रूप से सुविधा शुल्क वसूल किया जाता है और सुविधा शुल्क नहीं देने पर जिला अस्पताल रेफर करने की धमकी दी जाती है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के जच्चा वार्ड में श्वान खुलेआम घूम रहे हैं, जो किसी दिन किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं.

पढ़ें- नेहरू की एक गलती के कारण सालों तक देश को भुगतना पड़ता, लेकिन अब भारत हुआ अखंड : माथुर

बता दें कि अस्पताल में पाई गांव से प्रसव कराने आई महिला से अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रसव कराने के नाम पर मोटी सुविधा शुल्क की मांग की गई. जिस पर प्रसव कराने के नाम पर 500 रुपए लिए गए, वहीं उसके बाद भी उनसे और सुविधा शुल्क मांगा गया. परिजनों ने बताया कि उनके द्वारा सुविधा शुल्क नहीं दिया गया तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया , लेकिन रेफर करने के कुछ देर बाद ही अस्पताल में प्रसव हो गया.

रात में जच्चा वार्ड में खुलेआम घूमते हैं श्वान

प्रसूताओं के परिजनों ने बताया कि रात्रि के समय अस्पताल में श्वान घूमते रहते हैं और लाइट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण अंधेरा रहता है. उन्होंने बताया कि प्रसूताओं और नवजातों की हवा हाथ के पंखे से की जाती है और श्वानों से भी नवजातों की सुरक्षा खुद ही करनी पड़ती है.

Intro:

कामां भरतपुर

हैडलाइन - दर्द से तड़पती रही प्रसूता , अस्पताल में प्रसूताओं से बसूला जाता है सुबिधा शुल्क, उसके बाद होता है प्रसव।
एंकर - राजस्थान सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सकीय सुबिधाएँ उपलब्ध कराने के तमाम दावे जरूर कर रही है लेकिन यहाँ सरकारी अस्पताल की किस तरह दुर्दशा है इसका एक नमूना इस समय देखने को मिला जब कामांं कस्बे में स्थित मेवात क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में प्रसव कराने आई प्रसूता दर्द से तड़पती रही लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई। अस्पताल में लाइट जाने पर जनरेटर भी नहीं चलाया गया,अस्पताल में भर्ती प्रसूता के परिवारजनों द्वारा हाथ के पंखे से हवा की जा रही थी जिसे लेकर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रसव कराने आई महिलाओं से अवैध रूप से सुविधा शुल्क वसूल किया जाता है और सुविधा शुल्क नहीं देने पर जिला अस्पताल रेफर करने की धमकी दी जाती है साथ ही अस्पताल के जच्चा बार्ड में खुलेआम श्वान घूम रहे हैं जो किसी दिन किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं |
कामांं कस्बा के रामजी गेट मोहल्ला निवासी प्रसूता अस्पताल में प्रसव कराने के लिए विगत रात पहुंच गई जहां वह दर्द से तड़पती रही | प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल में हल्ला गुल्ला किया तब जाकर ड्यूटी पर मौजूद नर्स द्वारा प्रसूता को प्रसव कक्ष में ले जाकर डिलीवरी कराई | अस्पताल में प्रसव के लिए आयी महिलाओं के परिजनों ने सुबिधा के नाम पर शुल्क बसूलने का आरोप लगाया साथ ही आरोप लगाया की सुविधा शुल्क नहीं दिए जाने पर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है |
अस्पताल में पाई गांव से प्रसव कराने आई महिला से प्रसव कराने के नाम पर मोटी सुविधा शुल्क की मांग की गई जिस पर उनके द्वारा 500 रुपए प्रसव कराने के नाम पर ले लिए गए लेकिन उसके बाद भी उनसे और सुविधा शुल्क मांगा गया और उनके द्वारा सुविधा शुल्क नहीं दिया गया तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन रेफर करने के कुछ देर बाद ही अस्पताल में प्रसव हो गया जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है प्रसव कराने के नाम पर प्रसूताओं के परिवारजनों से अस्पताल प्रबंधन द्वारा मोटा सुविधा शुल्क वसूल किया जाता है जिसे लेकर प्रसूताओं के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध नाराजगी जताई है।
रात्रि के समय अस्पताल में श्वान घूमते रहते है और लाइट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण अँधेरा रहता है जहां परिजनों द्वारा प्रसूताओं व् नवजातों की हवा हाथ के पंखे से की जाती है और श्वानों से अपने नवजातों की खुद ही सुरक्षा करनी पड़ती है |
बाइट, डॉ के डी शर्मा, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कामां।
बाइट, मूवीना,दर्द से तड़पती प्रसूता की रिश्तेदार
बाइट- नवनीत शर्मा,सुविधा शुल्क का आरोप लगाते हुएBody: दर्द से तड़पती रही प्रसूता , अस्पताल में प्रसूताओं से बसूला जाता है सुबिधा शुल्क, उसके बाद होता है प्रसव।Conclusion:
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