कामां (भरतपुर). राजस्थान सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के तमाम दावे जरूर कर रही है लेकिन भरतपुर जिले के कामां सरकारी अस्पताल की दुर्दशा का एक नमूना गुरूवार को देखने को मिला. बता दें कि गुरूवार को कामां कस्बे में स्थित मेवात क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में प्रसव कराने आई प्रसूता दर्द से तड़पती रही, लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई.
जानकारी के अनुसार कामां कस्बा के रामजी गेट मोहल्ला निवासी प्रसूता अस्पताल में प्रसव कराने के लिए बुधवार देर रात अस्पताल पहुंची, जहां वह दर्द से तड़पती रही लेकिन चिकित्सा कर्मियों द्वारा प्रसूता के परिजनों के बार-बार कहने के बाद भी कोई फरियाद नहीं सुनी गई. प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल में हल्ला किया तब जाकर ड्यूटी पर मौजूद नर्स द्वारा प्रसूता को प्रसव कक्ष में ले जाकर डिलीवरी कराई गई. प्रसूता के परिजन ने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रसव कराने आई महिलाओं से अवैध रूप से सुविधा शुल्क वसूल किया जाता है और सुविधा शुल्क नहीं देने पर जिला अस्पताल रेफर करने की धमकी दी जाती है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के जच्चा वार्ड में श्वान खुलेआम घूम रहे हैं, जो किसी दिन किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं.
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बता दें कि अस्पताल में पाई गांव से प्रसव कराने आई महिला से अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रसव कराने के नाम पर मोटी सुविधा शुल्क की मांग की गई. जिस पर प्रसव कराने के नाम पर 500 रुपए लिए गए, वहीं उसके बाद भी उनसे और सुविधा शुल्क मांगा गया. परिजनों ने बताया कि उनके द्वारा सुविधा शुल्क नहीं दिया गया तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया , लेकिन रेफर करने के कुछ देर बाद ही अस्पताल में प्रसव हो गया.
रात में जच्चा वार्ड में खुलेआम घूमते हैं श्वान
प्रसूताओं के परिजनों ने बताया कि रात्रि के समय अस्पताल में श्वान घूमते रहते हैं और लाइट जाने पर जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण अंधेरा रहता है. उन्होंने बताया कि प्रसूताओं और नवजातों की हवा हाथ के पंखे से की जाती है और श्वानों से भी नवजातों की सुरक्षा खुद ही करनी पड़ती है.