भरतपुर. कहते हैं कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, ऐसा ही एक वाकया भरतपुर में सामने आया है. उड़ीसा के सीनापली नापड़ा निवासी बेलमती मांझी का पति पिछले 2 साल से गायब था. जिसकी हर जगह तलाश की जा रही थी लेकिन उसका कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा था. लेकिन बेलमती ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार तलाश जारी रखी. आखिर में उड़ीसा पुलिस ने बेलमती को उसके पति के भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम (Apna Ghar Ashram Bharatpur) में होने की सूचना दी. सूचना मिलते ही बेलमती अपने परिजनों के साथ अपना घर आश्रम (Missing Husband Found in Apna Ghar Ashram) पहुंची और अपने पति विश्वनाथ के साथ खुशी खुशी उड़ीसा लौट गई.
2 साल तक नहीं मिला कोई सुराग
बेलमती मांझी ने बताया कि विश्वनाथ करीब 2 साल पहले घर से काम पर जाने के लिए निकले थे, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटे. इसके बाद पत्नी बेलमती और परिजनों ने विश्वनाथ को बहुत तलाश किया लेकिन कहीं पता नहीं चला. परिजनों ने पुलिस में भी गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन विश्वनाथ का कहीं पता नहीं चला. फिर भी बेलमती ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार तलाश जारी रखी.
अपना घर आश्रम से मिली जानकारी के अनुसार विश्वनाथ मांझी को गत वर्ष तमिलनाडु के एक आश्रम से उपचार के लिए अपना घर आश्रम में भर्ती कराया गया था. उस समय किसी को इनका नाम नहीं पता था ऐसे में सभी उसे माजिद के नाम से जानने लगे. और आश्रम में लगातार उपचार के बाद वो स्वस्थ हो गया. स्वस्थ होते ही माजिद ने अपना असली नाम विश्वनाथ बताया. साथ ही उड़ीसा के सीनापली नापड़ा स्थित अपने घर का पता बताया. इसके बाद अपना घर आश्रम प्रबंधन ने अपने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों सूचना प्रसारित की, साथ ही संबंधित पुलिस को भी सूचित किया.
कागजी औपचारिकताओं के बाद घर लौटा
पुलिस से सूचना मिलते ही बेलमती और उसके परिजन विश्वनाथ को लेने अपना घर आश्रम भरतपुर (Lost Husband found in Apna Ghar Ashram) पहुंचे. परिजनों से मिलकर विश्वनाथ की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. सभी कागजी औपचारिकताओं के बाद विश्वनाथ को परिजनों के साथ घर भेज दिया गया.