भरतपुर. बुधवार को जयपुर से आगरा जा रहे पैदल मजदूरों को पुलिस की सख्ती का शिकार होना पड़ा. श्रमिकों का आरोप है कि पुलिसवालों ने उन्हें जबरन एंबुलेंस और ट्रक में भेड़-बकरियों की तरह भरकर रारह बॉर्डर पर ले जाकर छोड़ दिया. इस दौरान पुलिसवालों ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं की. वहीं ये मजदूरों ने पुलिसवालों पर मारपीट का आरोप भी लगाया.
पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. जिसके कारण मजदूर पलायन कर रहे हैं. इतने दिन बीत जाने के बाद भी कुछ ऐसे मजदूर हैं, जो अपने घरों की तरफ पैदल ही निकल पड़े है. हालांकि, राज्य सरकारों ने अपनी-अपनी राज्यों के मजदूरों को लाने के लिए व्यवस्था करवाई थी, लेकिन उसके बावजूद भी कुछ ऐसे मजदूर हैं जो NH पर पैदल चलते देखे जा रहे हैं. काफी लोग आगरा की तरफ जा रहे है, जबकि आगरा कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ है.
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बुधवार को सैकड़ों मजदूरों को आगरा की सीमा से मथुरा की सीमा में ले जाया गया. उत्तर प्रदेश नंबर के एक ट्रक और एम्बुलेंस में मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरफ ठूंसा गया और उनको रारह बॉर्डर पर ले जाया गया. दरअसल, कुछ ऐसे मजदूर थे, जिनको उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जाना था. ये सभी जयपुर की तरफ से पैदल आ रहे थे. ये सभी मजदूर आगरा की सीमा पर पहुंचे लेकिन वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें एक ट्रक और एम्बुलेंस में भेड़-बकरियों की तरह भरवाया. जिसके बाद उनको रारह बॉर्डर पर छोड़ने वाली गाड़ियों को रवाना किया.
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वहीं सरकार ने रारह बॉर्डर पर बसों का इंतजाम किया हुआ है. जो सभी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का काम कर रही है लेकिन जब आगरा बॉर्डर से लाने वाले पुलिसकर्मियों से मजदूरों के बारे में पूछा तो वे स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए.