भरतपुर. कृषि विभाग के परियोजना निदेशक (आत्मा) एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय खाद्य सुरक्षा समूह और किचन गार्डन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान सेवर क्षेत्र की 80 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किचन गार्डन का महत्व समझाया और प्रशिक्षण के साथ ही उन्हें 11 प्रकार की सब्जी और फलों के निशुल्क बीज भी वितरित किए गए.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने प्रशिक्षण में मौजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि आने वाले समय में किचन गार्डन बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा. किचन गार्डन से हम हर दिन ताजा और मनचाही सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही किचन गार्डन में तैयार की गई सब्जियां, फल पूरी तरह से जैविक होंगे, जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होंगे.
जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने प्रशिक्षणार्थियों से अपने आस-पड़ोस और अन्य साथियों को भी किचन गार्डन की जानकारी देने की अपील की है, ताकि इसका अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. पीके राय ने किसानों के हित में किए जा रहे अनुसंधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. महिला एवं बाल विकास विभाग की क्षेत्रीय उपनिदेशक मोनिका बलारा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से किचन गार्डन के काम को खुद अपनाने और अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार करने की बात कही है.
यह भी पढ़ें- डूंगरपुर: बेटे की मौत के 7 दिन बाद मां की भी कोरोना से मौत, परिवार के 11 सदस्य आए पॉजिटिव
कार्यशाला में कृषि विभाग के आत्मा के परियोजना निदेशक योगेश कुमार शर्मा ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य घर पर ही शुद्ध और जैविक सब्जियां प्राप्त करना है. साथ ही कोरोना संक्रमण काल में किचन गार्डन संक्रमण से बचाव में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है. सरसों अनुसंधान निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक शर्मा ने किचन गार्डन बनाने, लेआउट, मौसम के अनुसार सब्जियों का उत्पादन तथा सरसों की खल को जैविक खाद के रूप में उपयोग करने की जानकारी दी है.