भरतपुर. प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन का रुख बदल गया है. क्योंकि गहलोत सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण देने के लिए सिफारिश चिट्ठी केंद्र सरकार को भेज दी है. उसके बाद अब गहलोत सरकार ने यह गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने जाट प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया है, जिनके साथ धौलपुर-करौली से बीजेपी सांसद मनोज राजोरिया भी मौजूद रहेंगे.
दरअसल, राज्य में 31 जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण का लाभ पहले से ही मिला हुआ है. लेकिन भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण से वंचित रखा गया है. इस मांग के लिए दोनों जिलों के जाट आंदोलनरत हैं और विगत महीने भी जाटों ने इस मांग के लिए आंदोलन की घोषणा कर दी थी. उसके बाद राज्य सरकार ने वार्ता कर उनकी मांग पूरी करते हुए केंद्र को सिफारिश चिट्ठी लिख दी थी.
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उधर, जाट नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा मांग पूरी करने के बाद अब केंद्र सरकार को हमारी मांग पूरी करनी होगी, जिसके लिए दिल्ली में मंत्री ने वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को बुलाया है. केंद्र सरकार हमारी मांग के लिए सकारात्मक लगती है और वार्ता के बाद हम फैसला लेंगे की आगे क्या करना है.