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Conservation of Biodiversity in Keoladeo : फ्रांसीसी विकास एजेंसी जैव विविधता के संरक्षण के लिए करेगी आर्थिक मदद, दल ने किया दौरा - French Development Agency visited Keoladeo

विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Bharatpur Bird Sanctuary) में शुक्रवार को फ्रांसीसी विकास एजेंसी 'फ्रेंसेज डी डेवलपमेंट (एएफडी)' के चार सदस्यीय दल ने भ्रमण किया. फ्रांस के दल ने उद्यान में जैव विविधता और वाटर मैनेजमेंट देखा. फ्रांस की एजेंसी वन एवं जैव विविधता के संरक्षण (Conservation of Biodiversity in Keoladeo) के लिए राजस्थान सरकार को आर्थिक मदद भी करेगी.

Conservation of Biodiversity in Keoladeo
फ्रांसीसी विकास एजेंसी का भरतपुर दौरा
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Published : Nov 26, 2021, 9:52 PM IST

भरतपुर. फ्रांस के चार सदस्यीय दल ने शुक्रवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) के मलाह, रामनगर, अघापुर का वन क्षेत्र, काला डहर का ग्रासलैंड, समेत कई ब्लॉक का भ्रमण किया. दल ने अजानबांध, चंबल द्वारा पानी की सप्लाई की व्यवस्था देखी.

AFD की टीम ने दिन में घना प्रशासन (Bharatpur Bird Sanctuary Administration) के साथ बैठक कर यहां की जरूरतों के बारे में चर्चा की. साथ ही शाम के वक्त पूरे दल ने घना में नौकायन कर प्रवासी पक्षियों और वाटर मैनेजमेंट के बारे में गहनता से जाना. टीम के साथ वन विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, एपीसीसीएफ अरिजित बनर्जी, मुख्य वन संरक्षक टीजे. कविता, घना निदेशक मोहित गुप्ता एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे.

फ्रांसिसी एजेंसी करेगी आर्थिक मदद...

जानकारी के अनुसार फ्रांसीसी विकास एजेंसी (French Development Agency) एएफडी राजस्थान के पूर्वी जिलों में वन एवं जैव विविधता के सरंक्षण (Conservation of Biodiversity in Keoladeo) के लिए राजस्थान सरकार को आर्थिक मदद करेगी. परियोजना को लेकर वन विभाग के उच्च अधिकारी और फ्रांसीसी एजेंसी के बीच बीते दिनों जयपुर में बैठक भी आयोजित की गई थी. फ्रांस की एजेंसी द्वारा इस परियोजना में निवेश किया जाएगा.

पढ़ें : राजस्थान: केवलादेव घना में प्रवासी पक्षियों ने डाला डेरा, पर्यटन के पटरी पर लौटने की उम्मीद

परियोजना में 13 जिले शामिल...

राजस्थान वानिकी व जैव विविधता परियोजना में भरतपुर समेत अलवर, बारां, भीलवाड़ा बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाईमाधोपुर और टोंक जिलों को शामिल किया गया है. परियोजना से स्थानीय समुदायों के साथ ही स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा. इन समूहों को परियोजना के अधीन जोड़कर प्राकृतिक संपदा आधारित आय के साधनों को बढ़ावा दिया जाएगा.

पढ़ें : Keoladeo National Park: साइबेरियन सारस के बाद राजहंस ने भी मोड़ा मुंह, प्रदूषित पानी बड़ी वजह

परियोजना के तहत होंगे ये कार्य...

परियोजना के तहत प्रदेश के लक्षित जिलों में 33 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे. करीब 40 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र को सघन बनाने का कार्य किया जाएगा.

शनिवार को भी फ्रांस का दल और वन विभाग के उच्च अधिकारी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण करेंगे. साथ ही उद्यान के नेचर गाइड और रिक्शा चालकों के साथ भी चर्चा करेंगे. उसके बाद वन विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा स्थानीय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक करेंगी.

भरतपुर. फ्रांस के चार सदस्यीय दल ने शुक्रवार को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) के मलाह, रामनगर, अघापुर का वन क्षेत्र, काला डहर का ग्रासलैंड, समेत कई ब्लॉक का भ्रमण किया. दल ने अजानबांध, चंबल द्वारा पानी की सप्लाई की व्यवस्था देखी.

AFD की टीम ने दिन में घना प्रशासन (Bharatpur Bird Sanctuary Administration) के साथ बैठक कर यहां की जरूरतों के बारे में चर्चा की. साथ ही शाम के वक्त पूरे दल ने घना में नौकायन कर प्रवासी पक्षियों और वाटर मैनेजमेंट के बारे में गहनता से जाना. टीम के साथ वन विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, एपीसीसीएफ अरिजित बनर्जी, मुख्य वन संरक्षक टीजे. कविता, घना निदेशक मोहित गुप्ता एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे.

फ्रांसिसी एजेंसी करेगी आर्थिक मदद...

जानकारी के अनुसार फ्रांसीसी विकास एजेंसी (French Development Agency) एएफडी राजस्थान के पूर्वी जिलों में वन एवं जैव विविधता के सरंक्षण (Conservation of Biodiversity in Keoladeo) के लिए राजस्थान सरकार को आर्थिक मदद करेगी. परियोजना को लेकर वन विभाग के उच्च अधिकारी और फ्रांसीसी एजेंसी के बीच बीते दिनों जयपुर में बैठक भी आयोजित की गई थी. फ्रांस की एजेंसी द्वारा इस परियोजना में निवेश किया जाएगा.

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परियोजना में 13 जिले शामिल...

राजस्थान वानिकी व जैव विविधता परियोजना में भरतपुर समेत अलवर, बारां, भीलवाड़ा बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाईमाधोपुर और टोंक जिलों को शामिल किया गया है. परियोजना से स्थानीय समुदायों के साथ ही स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा. इन समूहों को परियोजना के अधीन जोड़कर प्राकृतिक संपदा आधारित आय के साधनों को बढ़ावा दिया जाएगा.

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परियोजना के तहत होंगे ये कार्य...

परियोजना के तहत प्रदेश के लक्षित जिलों में 33 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे. करीब 40 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र को सघन बनाने का कार्य किया जाएगा.

शनिवार को भी फ्रांस का दल और वन विभाग के उच्च अधिकारी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण करेंगे. साथ ही उद्यान के नेचर गाइड और रिक्शा चालकों के साथ भी चर्चा करेंगे. उसके बाद वन विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा स्थानीय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक करेंगी.

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