भरतपुर. जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र के एक युवक ने सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 8 लाख रुपए ठगी होने का मामला दर्ज कराया (Fraud in the name of govt job) है. इतना ही नहीं आरोपी ने पीड़ित को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर 11 महीने तक नौकरी भी करवाई और वेतन भी नहीं दिलाया.
पीड़ित ने नामजद 4 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला थाना चिकसाना पुलिस में दर्ज कराया है. बछामदी निवासी संजय जाटव ने रिपोर्ट में बताया कि वह ग्वालियर में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है. उसके गांव बछामदी में गोपाल जाटव अपने मामा भानु सिंह के साथ रहता है. संजय छुट्टी पर जब गांव आया तो उसकी मुलाकात गोपाल से हुई. गोपाल ने बताया कि उसका दोस्त संजय सरकारी नौकरी लगवाता है. उसकी अच्छी जुगाड़ है. वो 8 लाख रुपए में गारंटी से नौकरी लगवा देगा.
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पीड़ित संजय आरोपी के झांसे में आ गया. पीड़ित ने अपने परिचित रविन्द्र को 8 लाख रुपए में नौकरी लगवाने की बात बताई, तो वह राजी हो गया. जब संजय ने गोपाल को रविंद्र की नौकरी लगवाने के लिए दस्तावेज दिए, तो उसने आश्वासन दिया कि ज्वाइनिंग लेटर आने के बाद पैसा दे देना. उसके बाद 25 मार्च, 2021 को आरोपी गोपाल, संजय, दलवीर सिंह और संजय का जीजा पीड़ित संजय के गांव रविंद्र का नियुक्ति पत्र लेकर आए. जिसपर संजय ने रविंद्र को ग्वालियर से बुला लिया. शर्त के अनुसार आरोपियों को 6 लाख रुपए दे दिए. बाकी पैसा नियुक्ति के बाद देना तय हुआ.
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आरोपियों ने कुछ दिन बार रविंद्र को कानपुर ले जाकर उसकी नियुक्ति करवा दी, जिस पर आरोपियों को पीड़ित ने 2 लाख रुपए और दे दिए. लेकिन रविंद्र को 11 माह नौकरी करने के बावजूद वेतन नहीं मिला. इस पर संजय ने 18 जून को आरोपी गोपाल से रविंद्र को वेतन दिलाने की शिकायत की. उसने अपने अन्य साथियों से बात की और कहा कि तुम्हारे द्वारा दिया गया 8 लाख रुपए वापस लौटा दिया जाएगा. 23 जून को पीड़ित संजय ने फिर से आरोपी गोपाल से तकादा किया, तो उसने संजय के साथ गालीगलौच और मारपीट की, जान से मारने की धमकी देते हुए पैसा वापस करने से मना कर दिया. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.