भरतपुर. केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई कृषि कानूनों के खिलाफ और दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भरतपुर में जगह-जगह किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को भरतपुर जिले की भुसावर तहसील के गांव निठार में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 25 गांव के किसानों ने भाग लिया.
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महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में किसान और महिलाएं मौजूद रही. किसानों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी की अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वह रेल रोको आंदोलन करेंगे. इसको लेकर बुधवार को निठार गांव में किसानों ने रणनीति बनाई.
दरअसल, भरतपुर जिले के किसानों ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वह 18 फरवरी से रेल रोको आंदोलन को शुरू करेंगे. इसको लेकर जिले में जगह-जगह किसान इकट्ठा हो रहे हैं और रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति बना रहे हैं.
'कानून किसानों के हित में नहीं है'
महापंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून लागू किए हैं, वह किसानों के हित में नहीं है. देश के किसानों ने यह समझ लिया है कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा. पूरे देश का किसान 18 फरवरी को केंद्र सरकार को नींद से जगाने के लिए रेल रोको आंदोलन करने जा रहा है.
'केंद्र सरकार किसानों का शोषण कर रही है'
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार देश के किसानों का शोषण कर रही है. इसको पनपने नहीं दिया जाएगा. पूरे देश का किसान एकजुट है और किसान केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर देगा.