भरतपुर. जिले में बीते कई वर्षों से कम बरसात होने, गंभीर नदी, रूपारेल और बाणगंगा नदी सूखी होने के चलते भूमि का लगातार जलस्तर गिर रहा है. जिले के किसानों ने गिरते भूजल को देखते हुए राज्य सरकार से गंभीर नदी में पानी छोड़ने की मांग की है. साथ ही किसानों ने मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
पढे़ं: गहलोत सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी दिखने लगी है, उपचुनाव में भाजपा को मिलेगा फायदा: पूनिया
पांचना बांध से गंभीर नदी में नियमित तौर पर पानी छोड़ने की मांग को लेकर सीदपुर गांव के भैरवनाथ मंदिर पर भूरा भगत की अध्यक्षता में एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों की पंचायत हुई. इस अवसर पर भूरा भगत ने कहा कि तीन दशकों से इलाके की लाइफलाइन कही जाने वाली गंभीर नदी सूखी पड़ी हुई है. भूरा भगत ने कहा कि जब से करौली जिले में पांचना बांध बनाया गया है, तब से गंभीर नदी पानी के लिए तरस गई है. गंभीर नदी में पानी नहीं आने से इलाके का जलस्तर काफी नीचे चला गया है.
अगर यही हालात रहे तो एक दिन ऐसा आएगा जब पानी के अभाव में लोगों को खेती-किसानी व पशुपालन का कार्य छोड़कर पलायन करना पड़ेगा. किसानों ने चंबल से पांचना बांध में पानी डालने तथा पांचना बांध से गंभीर नदी में नियमित रूप से पानी छोड़ने की मांग की है. किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही गंभीर नदी में पानी नहीं छोड़ा गया, तो किसान आंदोलन करेंगे.