भरतपुर. जिले में हुई ओलावृष्टि से रबी की फसल चौपट हो गयी है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा दिया जाता है और फसल बीमा योजना के तहत भी किसानों को फसल खराब होने पर बीमा राशि दी जाती है. लेकिन, इसी मुद्दे को लेकर पर्यटन और देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार का बीमा कंपनियों के साथ सामंजस्य सही नहीं बैठ रहा है.
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के आलस्य सामने उभर कर आ रहा है. किसानों की फसल का बीमा करने वाली कंपनी के पास 19 जिले है और उसके लिए सिर्फ एक हेल्पलाइन नंबर है, जो शर्म की बात है. बीमा कंपनियों के अधिकारीयों और रेवेन्यू अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों की फसल खराबे की रिपोर्ट सिर्फ 72 घंटे के अंदर आ जानी चाहिए.
पिछले साल भी फसल खराबे पर बीमा कंपनी ने 84 हजार किसानों में से महज 125 किसानों को मुआवजा दिया था, जो शर्म की बात है.
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दरअसल किसानों से पहले ही बीमा कंपनी फसल बीमा योजना के तहत राशि भरवा लेते हैं, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल नष्ट होती है तो बीमा कम्पनियां किसानों को मुआवजा नहीं देती हैं. इसकी जांच की जाएगी और किसानों को समय पर मुआवजा उपलब्ध कराया जायेगा.
रबी की फसल के आंकड़ेः कितने किसानों का बीमा हुआ और कितने किसानों को बीमा मिला
- साल 2016-17 में 134559 किसानों ने बीमा करवाया और 2573 किसानों को बीमा का लाभ मिला.
- साल 2017-18 में 122523 किसानों ने बीमा करवाया और 31877 किसानों को बीमा मिला.
- साल 2018-19 में 82325 किसानों ने बीमा करवाया और मात्र 88 किसानों को बीमा का लाभ मिला.