ETV Bharat / city

अस्पताल की लापरवाही से एक प्रसूता ने खोया अपना बच्चा, मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा- शर्मनाक!

भरतपुर के जनाना अस्पताल में डिलीवरी कराने पहुंची प्रसूता मे डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है. पीड़ित प्रसूता का आरोप है कि उसको इलाज करने की बजाए जयपुर जाने के लिए कह दिया गया.

author img

By

Published : Apr 4, 2020, 8:11 PM IST

pregnant lady, bharatpur news, muslim pregnant lady,  child dies in bharatpur, doctor denies to operate,चिकित्सक ने नहीं किया इलाज, मां ने खोया नवजात,  भरतपुर  न्यूज, जनाना अस्पताल
मां ने खोया नवजात

भरतपुर. एक तरफ कोरोना से लड़ते डॉक्टर्स को पूरी दुनिया सलाम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ भरतपुर में गर्भवती महिला का इलाज करने से मना करने का डॉक्टर पर आरोप लगा है. जिसके बाद प्रसूता को अपने बच्चे को गंवाना पड़ा. पूरी घटना भरतपुर के जनाना अस्पताल की है. जहां डिलीवरी कराने पहुंची प्रसूता का आरोप है कि चिकित्सकों ने धार्मिक भेदभाव करते हुए अस्पताल में नहीं घुसने दिया. साथ ही महिला को जयपुर जाने के लिए कह दिया गया. उसे गेट से ही जयुपर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन जयुपर जाने के दौरान रास्ते में ही महिला की डिलीवरी हो गई और उसके बच्चे की मौत हो गई.

मां ने खोया नवजात

यह भी पढें- बांसवाड़ा में कोरोना की दस्तक, बाप-बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव, 1 km का एरिया सील

इस घटना को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा की अस्पताल की यह लापरवाही शर्मनाक है. चिकित्सा राज्य मंत्री को इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने ट्वीट कर इस मामले को गंभीरता से लिया है.

वहीं नगर थाना इलाके के गांव निवासी पीड़ित महिला के पति का कहना है कि दर्द शुरू होने पर वे उसे सीकरी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से जनाना अस्पताल रेफर कर दिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चिकित्सकों ने धर्म के नाम पर भेदभाव कर इलाज करने से मना कर दिया और उन्हें जयपुर भेज दिया. जहां रास्ते में ही डिलीवरी हो गई और बच्चे की मौत हो गई. महिला के पति ने कहा- मेरे और मेरी पत्नी के साथ अत्याचार हुआ है और आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

यह भी पढें- कोरोना के खिलाफ 'जंग' के लिए मैदान में उतरा नन्हा 'सिपाही', दान की अपनी बचत और हाथ जोड़कर की अपील

वहीं अस्पताल की इस लापरवाही के बाद ना केवल जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है बल्कि राजनीति में उठा-पठक मच गई है. इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है. वहीं पर्यटन और देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इस पर एतराज करते हुए खुद चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, जो भरतपुर शहर से विधायक हैं, आड़े हाथों लिया है. वहीं अब सवाल उठता है कि राज्य सरकार जहां आमजन को फ्री मेडिकल सुविधाएं देने का वादा करती हैं, वहां उसके राज में सरकार के ही अस्पताल में एक मुस्लिम प्रसूता के साथ भेदभाव किया जाता है. जिससे एक बच्चे को जान गंवानी पड़ी.

अब पीड़िता के पति का कहना है कि यदि अस्पताल ने ध्यान दिया होता और लापरवाही ना बरती होती तो आज बच्चा उनके पास होता. मगर चिकित्सकों की लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ले ली. वहीं अस्पताल में बात करने पर चिकित्सक पूरी बात बताने से बचते नजर आए. अपनी लापरवाही के सवाल पर उन्होंने जांच के बाद जवाब देने को कहा.

भरतपुर. एक तरफ कोरोना से लड़ते डॉक्टर्स को पूरी दुनिया सलाम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ भरतपुर में गर्भवती महिला का इलाज करने से मना करने का डॉक्टर पर आरोप लगा है. जिसके बाद प्रसूता को अपने बच्चे को गंवाना पड़ा. पूरी घटना भरतपुर के जनाना अस्पताल की है. जहां डिलीवरी कराने पहुंची प्रसूता का आरोप है कि चिकित्सकों ने धार्मिक भेदभाव करते हुए अस्पताल में नहीं घुसने दिया. साथ ही महिला को जयपुर जाने के लिए कह दिया गया. उसे गेट से ही जयुपर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन जयुपर जाने के दौरान रास्ते में ही महिला की डिलीवरी हो गई और उसके बच्चे की मौत हो गई.

मां ने खोया नवजात

यह भी पढें- बांसवाड़ा में कोरोना की दस्तक, बाप-बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव, 1 km का एरिया सील

इस घटना को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा की अस्पताल की यह लापरवाही शर्मनाक है. चिकित्सा राज्य मंत्री को इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने ट्वीट कर इस मामले को गंभीरता से लिया है.

वहीं नगर थाना इलाके के गांव निवासी पीड़ित महिला के पति का कहना है कि दर्द शुरू होने पर वे उसे सीकरी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से जनाना अस्पताल रेफर कर दिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चिकित्सकों ने धर्म के नाम पर भेदभाव कर इलाज करने से मना कर दिया और उन्हें जयपुर भेज दिया. जहां रास्ते में ही डिलीवरी हो गई और बच्चे की मौत हो गई. महिला के पति ने कहा- मेरे और मेरी पत्नी के साथ अत्याचार हुआ है और आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

यह भी पढें- कोरोना के खिलाफ 'जंग' के लिए मैदान में उतरा नन्हा 'सिपाही', दान की अपनी बचत और हाथ जोड़कर की अपील

वहीं अस्पताल की इस लापरवाही के बाद ना केवल जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है बल्कि राजनीति में उठा-पठक मच गई है. इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है. वहीं पर्यटन और देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इस पर एतराज करते हुए खुद चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, जो भरतपुर शहर से विधायक हैं, आड़े हाथों लिया है. वहीं अब सवाल उठता है कि राज्य सरकार जहां आमजन को फ्री मेडिकल सुविधाएं देने का वादा करती हैं, वहां उसके राज में सरकार के ही अस्पताल में एक मुस्लिम प्रसूता के साथ भेदभाव किया जाता है. जिससे एक बच्चे को जान गंवानी पड़ी.

अब पीड़िता के पति का कहना है कि यदि अस्पताल ने ध्यान दिया होता और लापरवाही ना बरती होती तो आज बच्चा उनके पास होता. मगर चिकित्सकों की लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ले ली. वहीं अस्पताल में बात करने पर चिकित्सक पूरी बात बताने से बचते नजर आए. अपनी लापरवाही के सवाल पर उन्होंने जांच के बाद जवाब देने को कहा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.