भरतपुर. आधुनिकता की दौड़ में हर कोई लग्जरी गाड़ियां और बाइक खरीदने की होड़ में लगा हुआ है. लोग अपने जीवन में इतने व्यस्त हो गए हैं कि पैदल चलना और साइकिल चलाना तो मानों भूल ही गए हैं. साइकिल खरीदना और राइडिंग करना गुजरे जमाने की बातें लगने लगी हैं. लेकिन भरतपुर शहर में अब सड़कों पर साइकिल लवर्स की संख्या बढ़ने लगी है. इतना ही नहीं कुछ लोगों की तो साइकिलिंग ने जिंदगी ही बदलकर रख दी. जहां दुनिया महंगी गाड़ियों की तरफ भाग रही है तो भरतपुर के ये लोग वापस साइकिल की और क्यों बढ़ रहे हैं इसके पीछे कई हैरान करने वाली कहानियां हैं.
साइकिलिंग ने दिलाई बीमारियों से निजात
व्यवसाई लोकेश अग्रवाल 3 साल पहले तक ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड और ओवरवेट से परेशान थे. लोकेश ने बताया कि स्कूल टाइम में वो साइकिल चलाते थे. उसके बाद वो गाड़ी चलाने लगे और इसके साथ ही उनका वजन भी बढ़ने लगा. 3 साल पहले उनका वजन बढ़कर 93 किलो हो गया. बढ़े हुए वजन के चलते लोकेश को कई बीमारियों ने घेर लिया. डॉक्टर्स ने कहा कि अगर वजन कम नहीं किया तो हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है.
पढ़ें: शिक्षक दिवस विशेष: इनकी पहल से 12 साल बाद बच्चों के कंधे से कम हुआ बोझ
अपने बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए लोकेश ने साइकिल की तरफ रूख किया. 3 साल पहले साइकिल चलाना शुरू किया. उसके बाद से उन्होंने नियमित रूप से साइकिलिंग करना शुरू कर दिया. इसका लोकेश की सेहत पर काफी पॉजिटिव असर हुआ. उनका 3 साल में 21 किलो वजन कम हो गया, अब उनका 72 किलो वजन है. यही नहीं बीपी, शुगर और थायराइड की सभी दवाइयां लेना भी उन्होंने बंद कर दिया है. लोकेश पिछले 3 साल में 30 हजार किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं.
लॉकडाउन में 9 किलो वजन कम किया
भरतपुर साइकिल क्लब से जुड़े तुषार ने बताया कि वो 2 साल पहले इस क्लब से जुड़े थे. शुरुआत में वो रोजाना 5 किलोमीटर साइकिल चलाते थे. बाद में धीरे-धीरे इसकी आदत हो गई और अब वो नियमित रूप से 40 से 50 किलोमीटर साइकिलिंग करते हैं. तुषार ने कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में 2700 से 2800 किलोमीटर साइकिलिंग करके करीब 9 किलो वजन घटा लिया है. वजन घटाने के लिए जहां लोग हजारों रुपए जिम, दवाइयों और दूसरी चीजों पर खर्च कर देते हैं. वहां तुषार ने केवल नियमित रूप से साइकिलिंग से ही अपना वजन घटा लिया.
लोगों को कर रहें हैं जागरूक
भरतपुर साइकिल क्लब के सदस्य अब दूसरे लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. जिसका नतीजा ये हुआ कि आज इनके साथ 50 लोग जुड़ गए हैं. जो नियमित रूप से साइकिलिंग करते हैं और लोगों को साइकिल की तरफ फिर से लौटने के लिए जागरूक और प्रेरित कर रहे हैं. क्लब की तरफ से लोगों को स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. पिछले साल क्लब के सदस्यों ने भरतपुर से दिल्ली के इंडिया गेट तक साइकिल यात्रा निकाली थी. उसके बाद गांव-गांव जाकर शहीदों के परिवारों से मिलकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. क्लब की ओर से समय-समय पर पौधारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
साइकिलिंग स्वास्थ्य के लिहाज से तो फायदेमंद है ही लेकिन पर्यावरण के लिए भी बहुत जरूरी है. भारत के सभी शहर वायु प्रदूषण की समस्या से दो चार हो रहे हैं. कारों, बाइक्स से निकलने वाले धुएं के चलते वातावरण लगातार जहरीला हो रहा है. अब लोग भी धीरे-धीरे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए फायदेमंद इस पुरानी सवारी की तरफ लौट रहे हैं. सरकारों को भी लोगों को मोटिवेट करने के लिए इस दिशा में कदम उठाने चाहिए. सभी शहरों में साइकिल ट्रैक बनाए जाएं. समय-समय पर लोगों को साइकिलिंग के प्रति जागरूक किया जाए.