भरतपुर. मेयर अभिजीत कुमार जाटव और आयुक्त नीलिमा तक्षक के बीच बीते कई दिन से चल रहे विवाद के बाद शहर के विकास कार्य बंद हो गए हैं. दरअसल, नगर निगम की आयुक्त नीलिमा तक्षक के खिलाफ पार्षद द्वारा जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं आयुक्त ने पार्षद के खिलाफ राजकार्य में बांधा डालने का मामला दर्ज दिया है. ऐसे में अब नगर निगम फिलहाल विवाद का केंद्र बन चुका है. इस विवाद को खत्म करने के लिए बुधवार को 40 पार्षद मेयर से मिले और आपसी कलहबंद करने को लेकर चर्चा की.
मेयर अभिजीत कुमार ने कहा कि मेरा अधिकार ही मुझे नहीं मिल रहा है. एक ओर मेयर होने के नाते मेरे अधिकारों का न केवल हनन हो रहा है, बल्कि पूरी संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है. नगर निगम का गठन संवैधानिक तरीके से होता है और एक मेयर को यह अधिकार होता है कि वह बजट को पास करने और निगम की प्रशासनिक व्यवस्था पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी मेयर की होती है. लेकिन मुझे ये अधिकार भी पूरे नहीं करने दिए जा रहे हैं. जब मुझे मेरे अधिकार के मुताबिक काम नहीं करने दिया जा रहा है तो फिर संवैधानिक व्यवस्था नगर निगम को ध्वस्त ही क्यों न कर दिया जाए.
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नगर निगम के मीटिंग हॉल में 40 पार्षदों और मेयर की बीच बैठक हुई, जिससे निगम के विवाद को खत्म कर शहर के विकास पर काम किया जा सके. लेकिन इसी बीच मेयर ने कहा कि मुझे तो मेरे अधिकारों से ही वंचित किया जा रहा है. लेकिन अधिकारों को लेने की मेरी लड़ाई है, जिसे लेने के लिए मैं लड़ता ही रहूंगा. मेरे सिर पर बन्दूक रखकर कोई भी मुझसे गलत फैसला नहीं करा सकता है.
वहीं, पार्षदों का नेतृत्व कर रहे पार्षद और पूर्व चेयरमैन राजेंद्र सिंह ने कहा कि एक पार्षद ने आयुक्त नीलिमा तक्षक पर जातिसूचक धारा में मुकदमा दर्ज कराया है और निगम का माहौल खराब हो रहा है, जिसे शांत कराने के लिए हम सभी पार्षद मेयर के पास आए हैं. लेकिन मेयर साहब शांति कायम रखने में इच्छुक नहीं हैं.