भरतपुर. जिले के आगरा बॉर्डर पर कांग्रेस की बसों को अनुमति नहीं मिलने को लेकर हंगामा हो गया. जिसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हाइवे 21 पर जाम लगा दिया और काफी कोशिशों के बाद भी अभी तक कांग्रेस की बसों को एंट्री नहीं मिली है.
बता दें, कि आगरा बॉर्डर पर करीब 500 बसें लंबी कतारों में खड़ी में हैं, लेकिन अब बसों को इंतजार है तो बस अनुमति का. इसको लेकर सुबह से ही कांग्रेसी नेता बॉर्डर पर अड़े हुए हैं. हालांकि, जब कांग्रेसी नेताओं ने बसों को जबरन उत्तर प्रदेश बॉर्डर में एंट्री की कोशिश की तो आगरा पुलिस ने नाकेबंदी कर दी और किसी को सीमा में घुसने नहीं दिया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार का आरोप है, कि कांग्रेस की सरकार ने बसों की एंट्री के लिए जो नंबर भेजे है वह नंबर बाइक्स के है.
वहीं, जब एआइसीससी के सदस्य जुबैर खान से बात की तो उन्होंने कहा, कि ये सरासर गलत आरोप है. कांग्रेस की तरफ से 133 नंबर की लिस्ट दी गई है. अगर बाबू ने गलती से कोई नंबर चढ़ा दिया हो तो कांग्रेस की तरफ से कोई भी ऑथइंटिक लिस्ट नहीं दी गई है. ये सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार का छलावा है, जबकि कांग्रेस पार्टी लोगों की सेवा के लिए बसें देना चाहती है. कांग्रेस पार्टी मजदूरों के बारे में सोच रही है जो मजदूर देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए है.
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वहीं, उन्होंने कहा, कि उत्तर प्रदेश की सरकार आरोप लगा रही है जबकि सच्चाई देखनी है तो बॉर्डर पर आकर देखें की 3 किलोमीटर तक बसों की लाइन लगी हुई है. कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी हर आधे घंटे में फोन कर यहां के हालातों ता जाएजा ले रही हैं. अगर यहां से बसें रवाना हो जाती है तो हम मजदूरों की मदद कर सकेंगे. कांग्रेस सिर्फ मजदूरों की मदद करना चाहती है ये कोई राजनीति नहीं है किसी भी बस पर कांग्रेस पार्टी का झंडा नहीं लगा है. कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार की सादगी से मदद करना चाहती है. इसलिए कांग्रेस के नेता भी गर्मी में बॉर्डर पर टिके हुए हैं.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बात की तो उन्होंने कहा, कि लगातार सरकार दोहरा चरित्र अपना रही है. सुबह से बीजेपी सरकार के नेता और मंत्री भाषण दे रहे हैं, कि हम 1 हजार बसों का इंतजार कर रहे है, जबकि सुबह से कांग्रेस की बसें तैयार हैं, लेकिन आगरा के अधिकारियों ने बसों को रोक दिया. उनका कहना है, कि हमारे पास अभी अनुमति नहीं आई है.
उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया, कि अधिकारी कौन सी अनुमति की बात कर रहे हैं. कांग्रेस मजदूरों को घर पहुंचना चाहती है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार कर चुकी हैं. उत्तर प्रदेश सरकार नहीं चाहती, कि गरीब मजदूर अपने घरों तक जा सके.