भरतपुर. गुर्जर संघर्ष समिति के पदाधिकारी सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अपनी गिरफ्तारी की मांग की. विगत दिनों बयाना तहसील के अड्डा गांव में हुई गुर्जर महापंचायत को लेकर बयाना थाने में कोरोना की गाइडलाइन और बिना अनुमति के महापंचायत बुलाने को लेकर एक मामला दर्ज किया गया था, जिसको लेकर गुर्जर संघर्ष समिति ने अपनी गिरफ्तारी की मांग की.
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर महापंचायत के खिलाफ प्रशासन ने 100 से ज्यादा लोग बुलाने और शामियाना लगाकर बैठक करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है. इसको लेकर हमने अपनी गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया. उसके बाद हमने मांग रखी है कि जैसे महापंचायत के बाद 24 घंटे के अंदर मामला दर्ज किया गया है. ऐसे ही सामान्य न्याय के तहत तीन नेताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए.
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बैंसला ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस नेता अजय माकन जैसे नेता बीच शहर में बैठकें करते हैं. उससे लोगों को खतरा रहता है. उनकी बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी मिल सकती हैं. इसलिए हमारी राज्यपाल से यही अपील है कि जब हमारे खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है तो कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज करें.
इसके अलावा गुर्जर नेता भूरा भगत ने कहा कि हम गिरफ्तारी देने के लिए आए हैं. अगर हमको गिरफ्तार नहीं किया जाता तो कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज होने चाहिए. इसके अलावा गुर्जर नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार 1 तारीख तक किसी डिसीजन पर नहीं पहुंचती तो वापस गुर्जर समाज आंदोलन की राह पकड़ेगा. समाज के लोगों ने शांति पूर्वक बैठक की, लेकिन सरकार ने समाज के लोगों को एक विपरीत दिशा दी.