भरतपुर. यह किसी फिल्म की पटकथा नहीं, वास्तविक घटना है. एक व्यक्ति जो पिछले ढाई साल से मानसिक विमंदित की स्थिति में रह रहा था, असल में वो एक शहर का नामी व्यक्ति और करोड़पति शख्स निकला. जी हां, सुनकर भले ही अचंभित लगे, लेकिन ऐसा ही हुआ भरतपुर के अपना घर आश्रम में निवास कर रहे राहुल मेहता के साथ.
चंडीगढ़ निवासी राहुल मेहता बीते करीब ढाई साल से भरतपुर के अपना घर आश्रम में मानसिक विमंदित की स्थिति में निवास कर रहे थे. अपनों को गंवाने के बाद राहुल पर बदमाशों ने ऐसा जुल्म ढहाया कि वह मानसिक संतुलन खो बैठा. इसी बीच आरोपियों ने पहले तो फिल्मी अंदाज में पीड़ित के करोड़ों के मकान और करीब 20 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा किया और उसके बाद उसे टॉर्चर कर मानसिक विमंदित के हालात में गुजरात के भुज में लावारिस स्थिति में छोड़ फरार हो गए. इस पूरी फिल्मी कहानी में कई हाईप्रोफाइल लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है, जिसके बाद जांच करते हुए चंडीगढ़ पुलिस पीड़ित राहुल को लेने के लिए भरतपुर के अपना घर आश्रम पहुंची.
चंडीगढ़ के करोड़पति राहुल की कहानी...
अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि अगस्त 2018 में चंडीगढ़ निवासी राहुल मेहता मानसिक विमंदित की स्थिति में महाराष्ट्र के करजत के एक संस्थान के माध्यम से भरतपुर के अपना घर आश्रम लाये गए. यहां इनकी नियमित रूप से उपचार और देखभाल की जा रही थी. लेकिन, हाल ही में करीब 3 माह पहले चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अधिकारी भरतपुर के अपना घर आश्रम पहुंचे. उनसे पता चला कि राहुल मेहता चंडीगढ़ के एक जाने पहचाने व्यक्ति हैं. चंडीगढ़ स्थित उनके करोड़ों के मकान पर कुछ शराब माफिया और हाईप्रोफाइल लोगों ने मिलकर कब्जा कर लिया.
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परिवार में अकेले हैं राहुल...
जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ निवासी राहुल मेहता के पिता वेद प्रकाश मेहता, मां और भाई मोहित मेहता की पहले ही मौत हो चुकी थी, जिसके बाद वो चंडीगढ़ स्थित अपने करोड़ों की कोठी में अकेले ही रहते थे. साथ ही, राहुल मेहता बीमार भी थे. ऐसे में आरोपी मौके का फायदा उठाकर वर्ष 2017 में उनके घर में जबरन घुस गए और घर की पहली मंजिल पर जबरन कब्जा कर उनके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया.
खुद के घर में रहे कैद...
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि करीब 6 महीने तक राहुल मेहता को उन्हीं के मकान में बंदी बनाकर रखा गया और उन पर तरह-तरह के टॉर्चर किए गए. इसे राहुल मेहता के मानसिक हालात बिगड़ते गए और एक वक्त आने पर आरोपी राहुल मेहता को मानसिक विमंदित के हालात में ही गुजरात के भुज में लावारिस छोड़ गए. वहां से राहुल महाराष्ट्र की सामाजिक संस्था के करजत स्थित होम में पहुंचे, जहां से जुलाई 2018 में उस संस्था ने इन्हें भरतपुर के अपना घर आश्रम तक पहुंचाया.
आश्रम पहुंची चंडीगढ़ पुलिस...
पूरे मामले की लंबे समय से पड़ताल कर रही पुलिस ने पीड़ित को भरतपुर के अपना घर आश्रम में ढूंढ निकाला. उसके बाद पीड़ित के बयान के आधार पर करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ चंडीगढ़ में मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें चंडीगढ़ पुलिस अधिकारी का रिश्तेदार, पत्रकार, प्रॉपर्टी डीलर और शराब माफिया समेत कई हाईप्रोफाइल लोग शामिल हैं. गुरुवार को चंडीगढ़ पुलिस के 3 अधिकारियों की टीम अपना घर आश्रम पहुंचे और यहां से पीड़ित राहुल मेहता को चंडीगढ़ लेकर गई है. अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि सभी जरूरी कागजी कार्रवाई के बाद पीड़ित राहुल मेहता को चंडीगढ़ पुलिस को सुपुर्द कर दिया है.