ETV Bharat / city

भरतपुर: कामां में निजी अस्पताल पर केस दर्ज, ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट की काट दी नस

भरतपुर जिले के कामां थानांर्गत एक निजी अस्पताल पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवा गया है. परिवादी का कहना है कि फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों की ओर से उसकी पत्नी का गलत ऑपरेशन किया गया है और उसके पेट की नस काट दी. फिलहाल, मामले में कामां थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है.

author img

By

Published : May 31, 2020, 6:36 PM IST

भरतपुर समाचार, bharatpur news
भरतपुर के एक निजी अस्पताल पर केस दर्ज

कामां (भरतपुर). जिले के कामां कस्बे के एक निजी अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दरअसल, फज्जर पुत्र चावसिंह जाति मेव निवासी अलवर ने निजी अस्पताल कामां थाने में मामला दर्ज करवाया था. उसने बताया कि उसकी पत्नी रिहाना की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी, जिस पर उसने अपने रिश्तेदार को पत्नी की तबीयत खराब होने के बारे में बताया, जिसके बाद ईसरी ने कामां कस्बा की एक निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कहा था, जिस पर 22 अप्रैल की सुबह रिहाना को वहां भर्ती करा दिया गया.

भरतपुर के एक निजी अस्पताल पर केस दर्ज

पीड़ित फज्जर ने बताया कि इस दौरान वो एक चिकित्सक से मिला और उनके कहने पर वो इस निजी अस्पताल में अपनी को भर्ती करा दिया. उस दौरान अस्पताल संचालक की ओर से 2 हजार रुपए जमा करवा लिए गए. जांच के बाद चिकित्सक की ओर से पित्त की थैली में पथरी होना बताया और तुरंत ऑपरेशन की बात कही. इसके बाद चिकित्सक के कहने पर उसने 15 हजार 500 रुपए जमा करवा लिए, जिसके बाद बीते 23 अप्रैल को एक दूसरे चिकित्सक से ऑपरेशन कराने की बात कही और कुछ समय बाद छुट्टी दे दी गई.

पढ़ें- मिट्टी के काम से अच्छी मजदूरी!...कोरोना के फेर में घटा 'देसी फ्रिज' मटका, नई पीढ़ी ने भी पुश्तैनी धंधे से हाथ झटका

पीड़ित ने बताया कि छुट्टी मिलने के बाद पत्नी को लेकर वो राधानगरी गांव ले गया, लेकिन रात को ही तबीयत फिर से खराब होने पर पत्नी को अस्पताल लाया, जहां पीलिया के इलाज के नाम पर 35 हजार रुपए जमा कराए गए. लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद पीड़ित अपनी पत्नी को 10 मई को एक दूसरे चिकित्सक के पास ले गया, जहां बताया गया कि उसकी पत्नी का गलत ऑपरेशन कर पित्त की थैली की नस काट दी गई है.

इसके बाद परिवादी निजी अस्पताल के चिकित्सकों के पास गया, जहां उसे दूसरे अस्पताल जाने की बात कही गई. इसके साथ उसे आश्वासन दिया गया कि रिहाना के समस्त इलाज का खर्चा निजी अस्पताल उठाएगी. लेकिन वहां 1 लाख रुपए जमा करवा लिए गए.

पढ़ें- भरतपुरः नदबई विधायक पर मुकदमा दर्ज, जातिवाद फैलाने का लगा आरोप

पीड़ित ने बताया कि बाद में पता चला जिन दोनों चिकित्सकों की ओर से फर्जी ऑपरेशन किया गया था, उन दोनों के पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं थी. वहीं, पीड़ित की ओर से इस मामले की तहरीर कामां थाने में दे दी गई है. इस संबंध में जब निजी अस्पताल संचालक से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई.

कामां (भरतपुर). जिले के कामां कस्बे के एक निजी अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दरअसल, फज्जर पुत्र चावसिंह जाति मेव निवासी अलवर ने निजी अस्पताल कामां थाने में मामला दर्ज करवाया था. उसने बताया कि उसकी पत्नी रिहाना की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी, जिस पर उसने अपने रिश्तेदार को पत्नी की तबीयत खराब होने के बारे में बताया, जिसके बाद ईसरी ने कामां कस्बा की एक निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कहा था, जिस पर 22 अप्रैल की सुबह रिहाना को वहां भर्ती करा दिया गया.

भरतपुर के एक निजी अस्पताल पर केस दर्ज

पीड़ित फज्जर ने बताया कि इस दौरान वो एक चिकित्सक से मिला और उनके कहने पर वो इस निजी अस्पताल में अपनी को भर्ती करा दिया. उस दौरान अस्पताल संचालक की ओर से 2 हजार रुपए जमा करवा लिए गए. जांच के बाद चिकित्सक की ओर से पित्त की थैली में पथरी होना बताया और तुरंत ऑपरेशन की बात कही. इसके बाद चिकित्सक के कहने पर उसने 15 हजार 500 रुपए जमा करवा लिए, जिसके बाद बीते 23 अप्रैल को एक दूसरे चिकित्सक से ऑपरेशन कराने की बात कही और कुछ समय बाद छुट्टी दे दी गई.

पढ़ें- मिट्टी के काम से अच्छी मजदूरी!...कोरोना के फेर में घटा 'देसी फ्रिज' मटका, नई पीढ़ी ने भी पुश्तैनी धंधे से हाथ झटका

पीड़ित ने बताया कि छुट्टी मिलने के बाद पत्नी को लेकर वो राधानगरी गांव ले गया, लेकिन रात को ही तबीयत फिर से खराब होने पर पत्नी को अस्पताल लाया, जहां पीलिया के इलाज के नाम पर 35 हजार रुपए जमा कराए गए. लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद पीड़ित अपनी पत्नी को 10 मई को एक दूसरे चिकित्सक के पास ले गया, जहां बताया गया कि उसकी पत्नी का गलत ऑपरेशन कर पित्त की थैली की नस काट दी गई है.

इसके बाद परिवादी निजी अस्पताल के चिकित्सकों के पास गया, जहां उसे दूसरे अस्पताल जाने की बात कही गई. इसके साथ उसे आश्वासन दिया गया कि रिहाना के समस्त इलाज का खर्चा निजी अस्पताल उठाएगी. लेकिन वहां 1 लाख रुपए जमा करवा लिए गए.

पढ़ें- भरतपुरः नदबई विधायक पर मुकदमा दर्ज, जातिवाद फैलाने का लगा आरोप

पीड़ित ने बताया कि बाद में पता चला जिन दोनों चिकित्सकों की ओर से फर्जी ऑपरेशन किया गया था, उन दोनों के पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं थी. वहीं, पीड़ित की ओर से इस मामले की तहरीर कामां थाने में दे दी गई है. इस संबंध में जब निजी अस्पताल संचालक से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.