भरतपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं को पूरी तरह से पंगु बना दिया है. समय पर चुनाव नहीं कराए, वित्त पोषण की व्यवस्था नहीं की जिससे गांव का विकास रुक गया. दो वर्ष बाद टुकड़ों में चुनाव कराए हैं.
पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार की असफलता की कहानी लंबी है. कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसान कर्जा माफी समेत कई मुद्दे हैं. साथ ही प्रदेश में समय पर पंचायती राज के चुनाव नहीं कराए, इससे प्रदेश की पंचायती राज संस्थाएं असहाय सी हो गईं हैं.
सुबह से शाम तक पीएम मोदी को ही कोसते हैं
सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के पास अब सिर्फ एक ही काम रह गया है. गुड मॉर्निंग होने के साथ गुड नाइट होने तक पीएम मोदी को कोसते रहते हैं. केंद्र की प्रवर्तित योजना में राजस्थान सरकार का अपेक्षित सहयोग नहीं है. फिर चाहे जल जीवन मिशन हो या आयुष्मान भारत योजना, पीएम मोदी की योजनाओं को लोकप्रियता नहीं मिले इसलिए राजस्थान सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का नाम बदलकर चिरंजीवी योजना कर दिया. जल जीवन मिशन में भी राजस्थान सबसे पीछे हैं.
नदबई विधायक जोगिंदर अवाना का वीडियो वायरल होने के सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनावों में राजस्थान सरकार ने अपने सत्ताबल का भरपूर दुरुपयोग किया है. ऐसा लगता है कि जिन अन्य पार्टियों के विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया, उन्हें कांग्रेस सरकार ने गुंडागर्दी की खुली छूट दे दी है. गनीमत रही कि गांव के लोगों ने उनका विरोध किया. जयपुर में भी मतगड़ना में गड़बड़ी की बड़ी सूचनाएं मिलती रही हैं.
कांग्रेस की अंतर्कलह का असर राजस्थान पर
सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की अंतर्कलह का असर राजस्थान पर पड़ा है. कांग्रेस के घर के झगड़े से राजस्थान की शासन व्यवस्था पर फर्क पड़ा है. कमजोर शासन व्यवस्था से राजस्थान की जनता को परेशानी हुई है. ये सभी मुद्दे वर्ष 2023 में सत्ता विरोधी आक्रोश का बड़ा कारण बनेंगे.
कांग्रेस तो हाथी को हजम कर गई
सतीश पूनिया ने कहा कि 'नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को' यह कहावत कांग्रेस पर लागू होती है. देश के संविधान में अनुच्छेद 356 है जिसका कांग्रेस ने 100 से भी ज्यादा बार दुरुपयोग किया. यानी कांग्रेस ने 100 से भी ज्यादा बार चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करने का काम किया. उन्होंने जयपुर की निर्वाचित जिला परिषद को अपमानित किया, बहुमत की जिला प्रमुख को दल बदल कराया.
कांग्रेस का चरित्र ऐसा है कि रसगुल्ला खा कर तो आनंद लेंगे लेकिन मिर्चीबड़े का स्वाद चखना नागवार गुजरता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते हैं लेकिन वो खुद तो एलीफैंट ट्रेडिंग करते हैं. राजस्थान के बहुजन समाज पार्टी के जीते हुए 6 विधायकों को उन्होंने कांग्रेस में शामिल कर लिया. वे तो पूरा हाथी हजम कर गए. मायावती अब तक त्रस्त हैं. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
भाजपा को यहां मजबूती की जरूरत
जिले में 8 पंचायत समितियों में प्रधान पद पर भाजपा के उम्मीदवार खड़ा नहीं करने के सवाल पर पूनिया ने कहा कि हमें स्थानीय निकाय और पंचायती राज में राजनीतिक मजबूती की आवश्यकता है. हमें एक अच्छी कवायद करने की आवश्यकता है. भविष्य में हमें अच्छी रणनीति के साथ काम करना होगा. पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़े भले ही चुनाव हारे या जीते.