भरतपुर: उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मेवात क्षेत्र (Mewat Kshetra) से सटे भरतपुर जिले में गौतस्करों के हौसले बुलंद हैं. यहां आए दिन गौ तस्करी और पुलिस के साथ गौ तस्करों की मुठभेड़ की घटनाएं सामने आती रहती हैं. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मेवात क्षेत्र से सटा होने की वजह से राजस्थान में सर्वाधिक गौतस्करी के मामले भरतपुर में सामने आते हैं.बीते 2 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान में गौतस्करी के सर्वाधिक मामले भरतपुर जिले में दर्ज किए गए. आखिर भरतपुर में सर्वाधिक गौतस्करी के मामले क्यों सामने आते हैं? किस किस तरह से तस्कर गायों को तस्करी कर ले जाते हैं? इस पर ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.
दो साल में 134 मामले
पुलिस विभाग के आंकड़ों की मानें तो 1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2021 तक पूरे राजस्थान में गौतस्करी (Cattle Smuggling) के कुल 628 मामले सामने आए. चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से 134 गौतस्करी के मामले अकेले भरतपुर जिले में दर्ज किए गए. ये आंकड़ा पूरे राजस्थान में सर्वाधिक हैं. जबकि दूसरे नंबर पर भिवाड़ी में 119 और अलवर जिले में 89 मामले दर्ज किए गए.
इसलिए तस्करों की पहली पसंद भरतपुर
असल में भरतपुर जिला उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मेवात क्षेत्र से सटा हुआ है. भरतपुर जिले के अंदर मेवात क्षेत्र भी काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है. जिले में सर्वाधिक गौतस्करी की घटनाएं मेवात क्षेत्र में ही सामने आती हैं. तस्कर गायों की तस्करी कर जिले के मेवात क्षेत्र के ग्रामीण और दुर्गम रास्तों से आसानी से निकलकर पड़ोसी राज्यों तक पहुंच जाते हैं. जिले से सर्वाधिक गाय, तस्करी कर हरियाणा के नूंह मेवात क्षेत्र ले जाई जाती हैं. इतना ही नहीं भरतपुर जिले में कई बार तो ऐसी घटनाएं भी सामने आई है कि तस्कर लग्जरी गाड़ियों में गायों की तस्करी करके ले जाते हैं. सड़कों और गलियों में घूमने वाला आवारा गोवंश तस्करों के सर्वाधिक निशाने पर रहता है.
आए दिन फायरिंग और मुठभेड़
जिले में गौ तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वो अवैध हथियार के साथ रात के अंधेरे में तस्करी की घटना को अंजाम देते हैं. यदि रास्ते में कहीं पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास करती है, तो वो पुलिस के ऊपर भी फायरिंग करने से नहीं कतराते.
फिर से सक्रिय कीं गौ रक्षक चौकी
पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि जिले में गौ तस्करी की घटना को देखते हुए मेवात क्षेत्र में फिर से गौ रक्षक (Gau Rakshaks) पुलिस चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है. साथ ही गौ तस्करी की रोकथाम के लिए स्थानीय संगठनों से भी मदद ली जा रही है. सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस दल मौके पर पहुंचकर घटनाओं को रोकने का प्रयास करता है. जिले में पूरे पुलिस स्टाफ को गौ तस्करी की घटनाओं पर सख्ती से लगाम लगाने के निर्देश दिए गए हैं.