भरतपुर. अमरनाथ की गुफा के पास भूस्खलन और सैलाब के बीच (Amarnath Cloudburst) भरतपुर का 200 यात्रियों का जत्था सुरक्षित श्रीनगर पहुंच गया है. लेकिन इस जत्थे में शामिल भरतपुर के यात्री लोकेश कुमार ने बताया कि अमरनाथ गुफा के पास जिस समय बादल फटा था उनका जत्था बरारी टॉप पर था (Bharatpur pilgrims on Amarnath Yatra). इतनी दूर भी बादल फटने की गर्जना से दिल दहल गया. आवाज इतनी भयंकर थी कि सभी अमरनाथ यात्री सहम गए. घटना के समय सभी यात्री इतना डर गए कि अमरनाथ बाबा से सुरक्षित घर पहुंचाने की प्रार्थना करने लगे.
भरतपुर के लोकेश कुमार ने घटना के समय का आंखों देखा हाल बताया (Bharatpur Pilgrims On Kashmir Cloudburst). कहा कि भरतपुर के करीब 17 लोगों का दल एक साथ अमरनाथ यात्रा कर रहा था. यूं तो भरतपुर से करीब 400 यात्रियों ने पंजीयन कराया है लेकिन उसमें से करीब 200 यात्री अमरनाथ की यात्रा पर हैं. यात्री लोकेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 5:30 बजे उनका दल बरारी टॉप पर था. खराब मौसम की वजह से यात्रा को रोक दिया गया. बालटाल के पास भी भूस्खलन की घटनाएं हुई थी. हिमालय की ऊंची पहाड़ियों में बर्फीली हवाओं से सभी यात्री परेशान थे. पानी से भरे बादल भी हवा के झोंके के साथ गुजर रहे थे.
इसी दौरान अचानक से बादलों की भयंकर गर्जना सुनाई दी. यात्री भयंकर गर्जना सुनकर जहां थे वहीं पर बैठ गए. सभी यात्री हाथ जोड़कर बाबा अमरनाथ से सभी को सुरक्षित घर पहुंचाने की प्रार्थना करने लगे. सभी के मन में रह रह कर आशंका उठ रही थी कि कहीं कोई आपदा तो नहीं आई. कुछ समय बाद ही सूचना मिली की पवित्र अमरनाथ गुफा के पास भूस्खलन और बादल फटने की घटना हुई है, जिसमें कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और दर्जनों लापता हैं. लोकेश कुमार ने बताया कि उसके बाद भरतपुर के अन्य यात्रियों से संपर्क साधने का प्रयास किया गया और सभी के सुरक्षित होने की सूचना मिली. लोकेश कुमार अपने सभी 17 साथियों के साथ रविवार शाम को सुरक्षित श्रीनगर पहुंच गए.