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Bharatpur Government School: वर्षों से गंदे पानी में डूबा स्कूल, बच्चे शिवालय में पढ़ने को मजबूर...और सरकार मना रही सफलता का जश्न

गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रदेश भर में सरकार की सफलता और उपलब्धियों के झंडे गाड़े जा रहे हैं लेकिन भरतपुर का सरकारी स्कूल (Bharatpur Government School) सभी वादों की पोल खोल रहा है. कई साल से यहां के विद्यालय में पानी भरा हुआ है. हालात ये है कि विद्यालय के पास स्थित एक मंदिर में शिक्षण कार्य कराया जा रहा है, लेकिन न तो अफसर और न नेता इस ओर ध्यान दे रहे हैं. शिक्षा के लिए बच्चे एक मंदिर में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Bharatpur Government School
स्कूल में भरा पानी मंदिर में चल रहीं कक्षाएं
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Published : Dec 20, 2021, 6:06 PM IST

भरतपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार अपने 3 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रही है. हर तरफ 3 साल में किए गए विकास कार्यों का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन भरतपुर के सरकारी स्कूल (Bharatpur Government School) के हालात उपलब्धियों की जमीनी हकीकत खुद ही बयां करते दिखेंगे. जिले से चार मंत्री होने के बावजूद यहां के सरकारी विद्यालय के हालात बदतर हैं. स्कूल में पानी भरा (dirty water in Bharatpur Government School) होने के कारण बच्चों के बैठने के लिए जगह तक नहीं है.

यह समस्या है शहर के अनाह क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों की. स्कूल में बरसात और नाले का गंदा पानी भरा होने की वजह से विद्यार्थी स्कूल परिसर के बजाए एक शिवालय में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. स्थानीय लोगों और स्कूल प्रशासन की ओर से बार-बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कलेक्टर और राजनेताओं से शिकायत के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

स्कूल में भरा पानी मंदिर में चल रहीं कक्षाएं

पढ़ें Public hearing at Rajasthan Congress Headquarter: जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या पहुंची घुमंतू महिलाएं...पुलिस ने रोका बाहर

55 बच्चे हैं, पढ़ने को जगह नहीं

शिक्षिका देवकी रानी शर्मा ने बताया कि वह वर्ष 2018 से इस स्कूल में अपनी सेवाएं दे रही हैं. स्कूल में 55 विद्यार्थियों का नामांकन है और प्रधानाध्यापिका समेत दो स्टाफ हैं. शिक्षिका ने बताया कि जबसे उन्होंने स्कूल में पढ़ाना शुरू किया है. तब से हर वर्ष बरसात के मौसम में स्कूल जलमग्न हो जाता है. इतना ही नहीं बरसात के मौसम के बाद भी गंदे नाले का पानी स्कूल में भरा रहता है.

Bharatpur Government School
बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित

श्रद्धालुओं के आवागमन के बीच कैसे करें पढ़ाई

शिक्षिका देवकी रानी शर्मा ने बताया कि स्कूल परिसर में पानी भरा होने की वजह से मंदिर परिसर में बच्चों की कक्षाएं चलानी पड़ रही है. लेकिन बीच-बीच में पूजा करने के लिए श्रद्धालु भी मंदिर आते जाते रहते हैं जिससे बच्चों की एकाग्रता भंग होती है. मजबूरी यह है कि स्कूल में बैठने की जगह ही नहीं है और श्रद्धालुओं को मंदिर आने से भी रोका नहीं जा सकता है.

Bharatpur Government School
मंदिर में पढ़ने को मजबूर बच्चे

पढ़ें Gehlot Government 3rd Anniversary : सरकार के तीन साल की उपलब्धि पुस्तिका विमोचन कार्यक्रम में खाली रही सीटें, कांग्रेस कार्यकर्ता और कर्मचारी ही रहे मौजूद

मंत्री को भी अवगत कराया

वार्ड नंबर सात के पार्षद प्रतिनिधि समंदर सिंह ने बताया कि बीते कई वर्षों से स्कूल में जलभराव की समस्या बनी हुई है. इस संबंध में स्थानीय प्रशासन के साथ ही राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को भी अवगत करा दिया गया है. बताया कि समस्या ये है कि स्कूल का भवन सड़क से भी नीचा है जिसकी वजह से बरसात का पानी भी सड़क से होकर विद्यालय परिसर में भर जाता है. यदि शिक्षा विभाग, स्थानीय प्रशासन और मंत्रीगण चाहें तो समस्या का समाधान जल्द हो सकता है.

समय-समय पर सरकारी विद्यालयों के शैक्षणिक स्तर और विकास को लेकर राजनेताओं और अधिकारियों की ओर से बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन राजकीय प्राथमिक विद्यालय अनाह, सरकारी विद्यालयों के प्रति विभाग के अधिकारियों और राजनेताओं की उदासीनता की तस्वीर खुद ही बयां करता है.

भरतपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार अपने 3 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रही है. हर तरफ 3 साल में किए गए विकास कार्यों का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन भरतपुर के सरकारी स्कूल (Bharatpur Government School) के हालात उपलब्धियों की जमीनी हकीकत खुद ही बयां करते दिखेंगे. जिले से चार मंत्री होने के बावजूद यहां के सरकारी विद्यालय के हालात बदतर हैं. स्कूल में पानी भरा (dirty water in Bharatpur Government School) होने के कारण बच्चों के बैठने के लिए जगह तक नहीं है.

यह समस्या है शहर के अनाह क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों की. स्कूल में बरसात और नाले का गंदा पानी भरा होने की वजह से विद्यार्थी स्कूल परिसर के बजाए एक शिवालय में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. स्थानीय लोगों और स्कूल प्रशासन की ओर से बार-बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कलेक्टर और राजनेताओं से शिकायत के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

स्कूल में भरा पानी मंदिर में चल रहीं कक्षाएं

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55 बच्चे हैं, पढ़ने को जगह नहीं

शिक्षिका देवकी रानी शर्मा ने बताया कि वह वर्ष 2018 से इस स्कूल में अपनी सेवाएं दे रही हैं. स्कूल में 55 विद्यार्थियों का नामांकन है और प्रधानाध्यापिका समेत दो स्टाफ हैं. शिक्षिका ने बताया कि जबसे उन्होंने स्कूल में पढ़ाना शुरू किया है. तब से हर वर्ष बरसात के मौसम में स्कूल जलमग्न हो जाता है. इतना ही नहीं बरसात के मौसम के बाद भी गंदे नाले का पानी स्कूल में भरा रहता है.

Bharatpur Government School
बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित

श्रद्धालुओं के आवागमन के बीच कैसे करें पढ़ाई

शिक्षिका देवकी रानी शर्मा ने बताया कि स्कूल परिसर में पानी भरा होने की वजह से मंदिर परिसर में बच्चों की कक्षाएं चलानी पड़ रही है. लेकिन बीच-बीच में पूजा करने के लिए श्रद्धालु भी मंदिर आते जाते रहते हैं जिससे बच्चों की एकाग्रता भंग होती है. मजबूरी यह है कि स्कूल में बैठने की जगह ही नहीं है और श्रद्धालुओं को मंदिर आने से भी रोका नहीं जा सकता है.

Bharatpur Government School
मंदिर में पढ़ने को मजबूर बच्चे

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मंत्री को भी अवगत कराया

वार्ड नंबर सात के पार्षद प्रतिनिधि समंदर सिंह ने बताया कि बीते कई वर्षों से स्कूल में जलभराव की समस्या बनी हुई है. इस संबंध में स्थानीय प्रशासन के साथ ही राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को भी अवगत करा दिया गया है. बताया कि समस्या ये है कि स्कूल का भवन सड़क से भी नीचा है जिसकी वजह से बरसात का पानी भी सड़क से होकर विद्यालय परिसर में भर जाता है. यदि शिक्षा विभाग, स्थानीय प्रशासन और मंत्रीगण चाहें तो समस्या का समाधान जल्द हो सकता है.

समय-समय पर सरकारी विद्यालयों के शैक्षणिक स्तर और विकास को लेकर राजनेताओं और अधिकारियों की ओर से बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन राजकीय प्राथमिक विद्यालय अनाह, सरकारी विद्यालयों के प्रति विभाग के अधिकारियों और राजनेताओं की उदासीनता की तस्वीर खुद ही बयां करता है.

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