ETV Bharat / city

गोल्ड मेडलिस्ट बेटी लड़ रही 'अपनों' से जंग, पिता कराना चाहता है बाल विवाह...आयोग से मदद की गुहार - भरतपुर बाल विवाह

भरतपुर की 14 वर्ष की एक बेटी को अपने पिता से ही जंग लड़नी पड़ रही है. बेटी पढ़ाई और खेलकूद में अपना भविष्य बनाना चाहती है, लेकिन उसके पिता कच्ची उम्र में ही उसके हाथ पीले कर देना चाहते हैं. मजबूर होकर पीड़िता और उसकी मां ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से गुहार लगाई है...

gold medalist girl player story, gold medalist girl player soliciting from Child Protection Commission, bharatpur latest hindi news
गोल्ड मेडलिस्ट पीड़िता बेटी...
author img

By

Published : Dec 22, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 6:28 AM IST

भरतपुर. महज 14 वर्ष की उम्र में खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा चुकी भरतपुर की एक बेटी को अपने सुनहरे भविष्य के लिए पिता से ही जंग लड़नी पड़ रही है. बेटी का कहना है कि वह पढ़ाई और खेलकूद में अपना भविष्य बनाना चाहती है, लेकिन उसके पिता जबरन उसका बाल विवाह करा देना चाहते हैं. ऐसे में मजबूरन पीड़िता और उसकी मां को खुद के परिजनों के ही खिलाफ खड़ा होना पड़ा है. पीड़िता और उसकी मां ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से मदद की गुहार लगाई है.

पीड़िता ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग से मदद की गुहार लगाई है...

जीत चुकी है पांच गोल्ड मेडल

पीड़िता ने बताया कि वह वेटलिफ्टिंग में अब तक राष्ट्रीय स्तर की 5 प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है. सभी 5 प्रतियोगिताओं में उसने स्वर्ण पदक जीते हैं. उसके खेल में रुचि है और वह भविष्य में भी खेलते रहना चाहती है. वह खेल के माध्यम से अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है, लेकिन उसके पिता और ताऊ उस पर लगातार विवाह करने का दबाव बना रहे हैं. यहां तक कि उसे खेलने से भी रोकते हैं.

पिता ने कर दिया मां-बेटी को बेघर

पीड़िता की मां ने बताया कि उसके पति बेटी का बाल विवाह कराने का दबाव बना रहे हैं. जब मां-बेटी ने बाल विवाह का विरोध किया तो परिजनों ने दोनों को घर से निकाल दिया. बाद में मां-बेटी ने पुलिस की सहायता ली और जिससे उन्हें फिर से छत नसीब हो पाई. बीते 1 महीने से मां-बेटी को ननिहाल पक्ष की मदद से दो वक्त की रोटी मिल रही हैं. पीड़िता के पिता और ताऊ घर का सामान भी उठा ले गए हैं, जिससे मजबूरन दोनों को जमीन पर सोना पड़ता है.

पढ़ें: राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने पीड़िताओं से की मुलाकात

गहने भी रख दिए गिरवी

पीड़िता की मां ने बताया कि उसके पास पीहर पक्ष के दिए हुए सोने के कुछ गहने थे, जिन्हें वो बेटी को खेलकूद में आगे बढ़ाने और पढ़ाई के लिए लगाना चाहती थी, लेकिन उसके पिता और ताऊ ने बेटी को भविष्य में पावर लिफ्टर बनाने का झांसा देकर गहने बैंक में गिरवी रख कर लोन उठा लिया. इतना ही नहीं, बेटी की स्कॉलरशिप का पैसा भी पिता के खाते में आए थे, जिसको वह पहले ही खर्च कर चुके हैं. अब हालात ये हैं कि पिता और ताऊ बेटी को ना तो खेलों में जाने देते हैं और ना ही पढ़ाई करने देते हैं. किसी ना किसी बहाने से बाल विवाह कराने की योजना बनाते रहते हैं.

gold medalist girl player story, gold medalist girl player soliciting from Child Protection Commission, bharatpur latest hindi news
आयोग की शरण में मां-बेटी...

आयोग की शरण में मां-बेटी

पीड़िता और मां ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की शरण ली है. मां ने आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से बेटी के पिता, ताऊ और ताई को पाबंद कराने, बेटी की पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए खर्चा उपलब्ध करवाने और बाल विवाह से बचाने में मदद मांगी है. इस पर संगीता बेनीवाल ने मां और बेटी को पूरी तरह से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आश्वस्त किया है. साथ ही कहा है कि जिला कलेक्टर को इस संबंध में अवगत करा कर अधिकारियों को इस बात के लिए पाबंद किया जाएगा कि बेटी का ना तो बाल विवाह कराया जाए, ना ही उसकी शिक्षा व खेल प्रशिक्षण पर पाबंदी लगाई जाए.

भरतपुर. महज 14 वर्ष की उम्र में खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा चुकी भरतपुर की एक बेटी को अपने सुनहरे भविष्य के लिए पिता से ही जंग लड़नी पड़ रही है. बेटी का कहना है कि वह पढ़ाई और खेलकूद में अपना भविष्य बनाना चाहती है, लेकिन उसके पिता जबरन उसका बाल विवाह करा देना चाहते हैं. ऐसे में मजबूरन पीड़िता और उसकी मां को खुद के परिजनों के ही खिलाफ खड़ा होना पड़ा है. पीड़िता और उसकी मां ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से मदद की गुहार लगाई है.

पीड़िता ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग से मदद की गुहार लगाई है...

जीत चुकी है पांच गोल्ड मेडल

पीड़िता ने बताया कि वह वेटलिफ्टिंग में अब तक राष्ट्रीय स्तर की 5 प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है. सभी 5 प्रतियोगिताओं में उसने स्वर्ण पदक जीते हैं. उसके खेल में रुचि है और वह भविष्य में भी खेलते रहना चाहती है. वह खेल के माध्यम से अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है, लेकिन उसके पिता और ताऊ उस पर लगातार विवाह करने का दबाव बना रहे हैं. यहां तक कि उसे खेलने से भी रोकते हैं.

पिता ने कर दिया मां-बेटी को बेघर

पीड़िता की मां ने बताया कि उसके पति बेटी का बाल विवाह कराने का दबाव बना रहे हैं. जब मां-बेटी ने बाल विवाह का विरोध किया तो परिजनों ने दोनों को घर से निकाल दिया. बाद में मां-बेटी ने पुलिस की सहायता ली और जिससे उन्हें फिर से छत नसीब हो पाई. बीते 1 महीने से मां-बेटी को ननिहाल पक्ष की मदद से दो वक्त की रोटी मिल रही हैं. पीड़िता के पिता और ताऊ घर का सामान भी उठा ले गए हैं, जिससे मजबूरन दोनों को जमीन पर सोना पड़ता है.

पढ़ें: राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने पीड़िताओं से की मुलाकात

गहने भी रख दिए गिरवी

पीड़िता की मां ने बताया कि उसके पास पीहर पक्ष के दिए हुए सोने के कुछ गहने थे, जिन्हें वो बेटी को खेलकूद में आगे बढ़ाने और पढ़ाई के लिए लगाना चाहती थी, लेकिन उसके पिता और ताऊ ने बेटी को भविष्य में पावर लिफ्टर बनाने का झांसा देकर गहने बैंक में गिरवी रख कर लोन उठा लिया. इतना ही नहीं, बेटी की स्कॉलरशिप का पैसा भी पिता के खाते में आए थे, जिसको वह पहले ही खर्च कर चुके हैं. अब हालात ये हैं कि पिता और ताऊ बेटी को ना तो खेलों में जाने देते हैं और ना ही पढ़ाई करने देते हैं. किसी ना किसी बहाने से बाल विवाह कराने की योजना बनाते रहते हैं.

gold medalist girl player story, gold medalist girl player soliciting from Child Protection Commission, bharatpur latest hindi news
आयोग की शरण में मां-बेटी...

आयोग की शरण में मां-बेटी

पीड़िता और मां ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की शरण ली है. मां ने आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से बेटी के पिता, ताऊ और ताई को पाबंद कराने, बेटी की पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए खर्चा उपलब्ध करवाने और बाल विवाह से बचाने में मदद मांगी है. इस पर संगीता बेनीवाल ने मां और बेटी को पूरी तरह से सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आश्वस्त किया है. साथ ही कहा है कि जिला कलेक्टर को इस संबंध में अवगत करा कर अधिकारियों को इस बात के लिए पाबंद किया जाएगा कि बेटी का ना तो बाल विवाह कराया जाए, ना ही उसकी शिक्षा व खेल प्रशिक्षण पर पाबंदी लगाई जाए.

Last Updated : Dec 23, 2020, 6:28 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.