भरतपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरा जिला प्रशासन और पुलिस प्रयासरत है. देश में लॉक डाउन के बाद से ही पुलिस और प्रशासन पूरे शहर में गश्त कर रही है. जिससे कोई भी व्यक्ति अपने घरों से बाहर न आए. लेकिन लॉक डाउन का फायदा इस समय फर्जी डॉक्टर्स जम कर उठा रहे हैं. इतना ही नहीं फर्जी डॉक्टर्स अपने यहां मरीजों को भर्ती कर रहे हैं और उनका एक डॉक्टर की तरह इलाज भी कर रहे हैं.
ऐसे कुछ क्लीनिक पर जिला प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को कार्रवाई की. बता दें कि प्रशासन को सूचना मिली थी कि शहर के पक्का बाग रोड पर कुछ क्लीनिक्स पर मरीजों का इलाज हो रहा है और जो डॉक्टर्स मरीजो का इलाज कर रहे हैं. उनके पास कोई डिग्री नहीं है, जिसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे. जब वहां मौजूद डॉक्टर्स की डिग्री देखी तो उनमें से कोई ग्रेजुएट निकला तो कोई 12वीं पास. इतना ही नहीं चिराग हॉस्पिटल पर तो दवाओं का भंडार मिला. इसके अलावा हॉस्पिटल में करीब मरीजों के 10 बेड भी पड़े हुए थे.
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एसडीएम और चिकित्सा अधिकारियों ने तुरंत सभी दवाओं को जब्त किया और हॉस्पिटल को सीज किया. इसके अलावा टीमों ने 2 और क्लीनिक पर छापा मारा, जिसमें दोनों डॉक्टर्स फर्जी निकले. उन दोनों क्लीनिकों को भी प्रशासन ने सीज कर दिया. वहीं एसडीएम संजय गोयल ने बताया कि प्रशासन को सूचना मिली थी कि ब्रज नगर इलाके में के. एस क्लीनिक, चिराग हॉस्पिटल, दीक्षित क्लीनिक में अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं, जिसके बाद डिप्टी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी क्लीनिक को सीज किया. तीनों क्लीनिक के डॉक्टर्स की डिग्री नोटिस के द्वारा प्राप्त की जाएगी. उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी.