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Job on fake documents : फर्जी दस्तावेज से नौकरी करने वाला मुख्य सुरक्षा अधिकारी और तत्कालीन GM गिरफ्तार - Job given on fake marksheet in Bharatpur

भरतपुर शहर की टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड में फर्जी शैक्षणिक फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने वाले मुख्य सुरक्षा अधिकारी एवं सिमको विरला लिमिटेड के तत्कालीन जनरल मैनेजर को उद्योग नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार (Accused of fraud in job arrested) कर लिया. आरोप है कि तत्कालीन जनरल मैनेजर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपी को नौकरी दी.

Job on fake documents
फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी
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Published : Jan 11, 2022, 9:40 PM IST

भरतपुर. शहर की टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने वाले मुख्य सुरक्षा अधिकारी एवं सिमको विरला लिमिटेड के तत्कालीन जनरल मैनेजर को उद्योग नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने स्नातक की फर्जी अंकतालिका के आधार पर कंपनी में नौकरी (Job given on fake marksheet in Bharatpur) पाई. जबकि तत्कालीन जनरल मैनेजर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपी को नौकरी दी.

पुलिस निरीक्षक महेंद्र सिंह राठी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी एकता बिहार कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय रामनारायण तिवारी पुत्र छगनलाल तिवारी तत्कालीन जनरल मैनेजर सिमको और अग्रसेन नगर निवासी 57 वर्षीय गिरजेश मिश्रा पुत्र सरस्वती नारायण मिश्रा मुख्य सुरक्षा अधिकारी हैं.

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इस संबंध में टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड के फैक्टरी मैनेजर मक्खनसिंह शेखावत पुत्र हजारी सिंह ने उद्योग नगर थाना में गत 7 दिसंबर को मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट के अनुसार, सिमको विरला लिमिटेड के वर्ष 2000 में बंद होने से पहले से ही गिरजेश बाबू मिश्रा सिमको में सिक्योरिटी विभाग में कार्यरत था. वर्ष 2008 में सिमको को टीटागढ वैगन्स लिमिटेड ने अधिग्रहित कर लिया. 15 सितंबर, 2008 को सिमको के तत्कालीन मैनेजर आरएन तिवारी ने गिरजेश मिश्रा को नए सिरे से नियुक्ति दे दी.

पढ़ें: SPECIAL : बीकानेर में बढ़ रहे फर्जी दस्तावेज से जमीन खरीदने के मामले...सावधान रहें, झांसे में न आएं

उस समय गिरजेश मिश्रा ने शैक्षणिक दस्तावेज के तौर पर हाई स्कूल, सीनियर स्कूल और बीए प्रथम वर्ष पास की अंकतालिका लगाई. 1 अक्टूबर, 2011 को गिरजेश मिश्रा ने अपना रिकॉर्ड अपडेट कराने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलाजी एंड साइंस, रायपुर से वर्ष 2005 में बीए पास करने संंबंधी अंकतालिका कंपनी में लगाई. जिसके आधार पर जनरल मैनेजर आरएन तिवारी ने गिरजेश बाबू को मुख्य सुरक्षा अधिकारी बना दिया.

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यूं पकड़ में आया फर्जीवाड़ा

सितंबर 2021 में टीटागढ़ लिमिटेड के रेगुलर कर्मचारियों की व्यक्तिगत पत्रावलियों को पूर्ण करवाने का कार्य किया गया. जब अधिकारियों ने गिरजेश बाबू की पत्रावली को देखा, तो अंकतालिका को देखकर शक हुआ. जब संबंधित यूनिवर्सिटी से संपर्क किया गया, तो पता चला कि गिरजेश बाबू ने बीए पास की जो अंकतालिका लगाई है, वह फर्जी है. जांच में गिरजेश बाबू और रामनारायण तिवारी की मिलीभगत और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

सवाल यह उठा कि जब गिरजेश मिश्रा ने 2005 में ही बीए पास कर लिया तो वर्ष 2008 में नियुक्ति के समय बीए प्रथम वर्ष पास की ही अंकतालिका क्यों लगाई. जनरल मैनेजर ने षडयंत्रपूर्वक फर्जी अंकतालिका को असली के तौर पर इस्तेमाल करते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर गिरजेश बाबू को लाभ पहुंचाया. ऐसे में पुलिस ने दोनों को ही दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया गया.

भरतपुर. शहर की टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने वाले मुख्य सुरक्षा अधिकारी एवं सिमको विरला लिमिटेड के तत्कालीन जनरल मैनेजर को उद्योग नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने स्नातक की फर्जी अंकतालिका के आधार पर कंपनी में नौकरी (Job given on fake marksheet in Bharatpur) पाई. जबकि तत्कालीन जनरल मैनेजर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपी को नौकरी दी.

पुलिस निरीक्षक महेंद्र सिंह राठी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी एकता बिहार कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय रामनारायण तिवारी पुत्र छगनलाल तिवारी तत्कालीन जनरल मैनेजर सिमको और अग्रसेन नगर निवासी 57 वर्षीय गिरजेश मिश्रा पुत्र सरस्वती नारायण मिश्रा मुख्य सुरक्षा अधिकारी हैं.

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इस संबंध में टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड के फैक्टरी मैनेजर मक्खनसिंह शेखावत पुत्र हजारी सिंह ने उद्योग नगर थाना में गत 7 दिसंबर को मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट के अनुसार, सिमको विरला लिमिटेड के वर्ष 2000 में बंद होने से पहले से ही गिरजेश बाबू मिश्रा सिमको में सिक्योरिटी विभाग में कार्यरत था. वर्ष 2008 में सिमको को टीटागढ वैगन्स लिमिटेड ने अधिग्रहित कर लिया. 15 सितंबर, 2008 को सिमको के तत्कालीन मैनेजर आरएन तिवारी ने गिरजेश मिश्रा को नए सिरे से नियुक्ति दे दी.

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उस समय गिरजेश मिश्रा ने शैक्षणिक दस्तावेज के तौर पर हाई स्कूल, सीनियर स्कूल और बीए प्रथम वर्ष पास की अंकतालिका लगाई. 1 अक्टूबर, 2011 को गिरजेश मिश्रा ने अपना रिकॉर्ड अपडेट कराने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलाजी एंड साइंस, रायपुर से वर्ष 2005 में बीए पास करने संंबंधी अंकतालिका कंपनी में लगाई. जिसके आधार पर जनरल मैनेजर आरएन तिवारी ने गिरजेश बाबू को मुख्य सुरक्षा अधिकारी बना दिया.

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यूं पकड़ में आया फर्जीवाड़ा

सितंबर 2021 में टीटागढ़ लिमिटेड के रेगुलर कर्मचारियों की व्यक्तिगत पत्रावलियों को पूर्ण करवाने का कार्य किया गया. जब अधिकारियों ने गिरजेश बाबू की पत्रावली को देखा, तो अंकतालिका को देखकर शक हुआ. जब संबंधित यूनिवर्सिटी से संपर्क किया गया, तो पता चला कि गिरजेश बाबू ने बीए पास की जो अंकतालिका लगाई है, वह फर्जी है. जांच में गिरजेश बाबू और रामनारायण तिवारी की मिलीभगत और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

सवाल यह उठा कि जब गिरजेश मिश्रा ने 2005 में ही बीए पास कर लिया तो वर्ष 2008 में नियुक्ति के समय बीए प्रथम वर्ष पास की ही अंकतालिका क्यों लगाई. जनरल मैनेजर ने षडयंत्रपूर्वक फर्जी अंकतालिका को असली के तौर पर इस्तेमाल करते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर गिरजेश बाबू को लाभ पहुंचाया. ऐसे में पुलिस ने दोनों को ही दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया गया.

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