भरतपुर. इस बार तेज गर्मी राष्ट्रीय पक्षी मोर के लिए जानलेवा साबित हो रही है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार समय से पहले शुरू हुई तेज गर्मी के कारण बीते 2 माह में जिले में करीब 50 मोरों की मौत हो चुकी है. तेज गर्मी के कारण मोर डिहाइड्रेशन और वैक्टीरियल इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं, जिससे लगातार मोरों की मौत हो रही (50 peacocks died in heatwave) है. विभाग मोरों को डिहाइड्रेशन और इन्फेक्शन से बचाने के लिए गांव-गांव दवाई और ग्लूकोज वितरित कर रहा (Medicines and glucose distribution in villages) है.
श्वसन नली चौक: डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि इस बार समय से पहले और तेजी से गर्मी बढ़ी है. इस कारण मोर डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे हैं. साथ ही गर्मी के चलते मोरों में वैक्टीरियल इन्फेक्शन भी देखने को मिल रहा है. इन्फेक्शन के कारण मोरों की श्वसन नली चौक हो रही है, जिसके कारण मोर सांस नहीं ले पाते और मौत हो जाती है. सहारण ने बताया कि इस बार तेजी से बढ़ी गर्मी के कारण गांव-गांव से मोरों के मरने की सूचना मिली थी.
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इस बार की गर्मी के सीजन में अब तक करीब 50 मोरों की तेज गर्मी, डीहाइड्रेशन और इन्फेक्शन के चलते मौत हो चुकी है. ऐसे में विभाग की टीमें अलग-अलग गांवों में जाकर ग्रामीणों को मोरों के लिए इन्फेक्शन की दवाई और ग्लूकोज पाउडर वितरित कर रही हैं. ताकि ग्रामीण मोरों के पीने के लिए रखे जाने वाले पानी में दवाई और ग्लूकोज मिला सकें. इससे मोरों को गर्मी और संक्रमण से बचाया जा सकेगा. सहारण ने बताया कि पशुपालन विभाग की टीम ने मृत मोरों का पोस्टमार्टम किया, जिसमें डिहाइड्रेशन और बैक्टीरियल इनफेक्शन की पुष्टि हुई है. इसके अलावा एवियन इन्फ्लूएंजा और बर्डफ्लू की जांच के लिए सैंपल भोपाल लैब भेज जाएंगे. हालांकि बर्डफ्लू और एवियन इन्फ्लूएंजा की आशंका कम ही है, फिर भी जांच रिपोर्ट से स्थिति और साफ हो जाएगी.