भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान दुनिया भर के सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों का प्रवास स्थल है. कुछ साल पहले तक इसे साइबेरियन क्रेन के लिए भी पहचाना जाता था. बीते कई वर्षों से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में साइबेरियन क्रेन तो नहीं आते, लेकिन यहां पर दुनिया का सबसे अद्भुत साइबेरियन सारस का जोड़ा हमेशा मौजूद रहता है, जो कि पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहता है.
यूं बना सालिम अली इंटरप्रेटेशन सेन्टर
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पक्षी विशेषज्ञ भोलू अबरार ने बताया कि उद्यान को विश्व पटल पर पहचान दिलाने में डॉ. सालिम अली का विशेष योगदान था. इसी की वजह से ऑस्ट्रिया के क्रिस्टल किंग स्वारोवस्की को भी घना के बारे में पता चला. भोलू अबरार ने बताया कि स्वारोवस्की ने घना में साल 2006 में डॉ. सालिम अली की याद में इंटरप्रेटेशन सेन्टर तैयार करवाया, जिसका पूरा खर्चा स्वारोवस्की ने ही वहन किया था.
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कीमत सुनकर चौंक जाएंगे
भोलू अबरार ने बताया कि स्वारोवस्की ने सेंटर में एक विशेष प्रकार की साइबेरियन सारस के जोड़े की प्रतिमा भी लगवाई. साइबेरियन सारस के जोड़े की इस प्रतिमा की खास बात यह है कि यह पूरी प्रतिमा क्रिस्टल से बनी हुई है और साल 2006 में इसकी कीमत 60 लाख रुपए थी. लेकिन घना में पहुंचते पहुंचते इसकी कीमत 67 लाख हो गयी. क्योंकि जिस समय इस प्रतिमा को ऑस्ट्रिया से भरतपुर लाया जा रहा था उस समय कस्टम ड्यूटी के 7 लाख और चुकाने पड़े थे. ऐसे में इस प्रतिमा की कुल कीमत 67 लाख हो गई. लेकिन यह प्रतिमा घना के सालिम अली सेंटर में स्वारोवस्की ने तोहफा के रूप में भेंट की थी.
![siberian cranes of 67 million, World famous Keoladeo National Park](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10334545_852_10334545_1611306720249.png)
असली सारस के समान आकार
पक्षी विशेषज्ञ भोलू अबरार ने बताया कि क्रिस्टल के साइबेरियन सारस प्रतिमाओं का आकार असली साइबेरियन सारस के आकार के समान ही है. क्रिस्टल निर्मित इन प्रतिमाओं के प्रत्येक भाग का आकार और ऊंचाई असली सारस के समान ही रखी गई है. जिस तरह से असली सारस की ऊंचाई 1.6 मीटर होती है, उसी प्रकार इन प्रतिमाओं की ऊंचाई भी 1.6 मीटर है.
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ज्ञान और प्रशिक्षण का केंद्र बना
भोलू अबरार ने बताया कि सलीम अली सेंटर के निर्माण में किसी पेड़ पौधे को नहीं काटा गया. साथ ही सेंटर के अंदर पक्षियों के साथ ही प्रकृति के चक्र को भी चित्रों और डायग्राम्स के माध्यम से समझाया गया है. कौन सा पक्षी किस रूट के माध्यम से घना तक पहुंचता है इसकी भी जानकारी दी गई. ऐसे में अब सलीम अली सेंटर में आईएफएस और आरएसएस के प्रशिक्षु अधिकारियों की भी ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही पर्यटकों और विद्यार्थियों का भी ज्ञानार्जन होता है. इस सेंटर का सबसे बड़ा आकर्षण क्रिस्टल के साइबेरियन सारस हैं.
![siberian cranes of 67 million, World famous Keoladeo National Park](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10334545_921_10334545_1611306737621.png)
बता दें, साल 2006 में सालिम अली इंटरप्रेटेशन सेंटर के उद्घाटन के समय खुद स्वारोवस्की भरतपुर आए थे. भोलू अबरार यादें ताजा करते हुए बताते हैं कि उस समय स्वारोवस्की के साथ आया स्पेशल बैंड और पूरा उद्घाटन समारोह यादगार रहा था. भरतपुर के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने उस पूरी टीम को जयपुर बुलाकर भी समारोह आयोजित किया था.