अलवर. अलवर में 20 उद्योगी क्षेत्र हैं, जिनमें 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. इन इकाइयों में लाखों श्रमिक काम करते हैं. लॉकडाउन के चलते फूड इंडस्ट्री को छोड़कर सभी औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई थी. यहां काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए थे. ऐसे में लगातार देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ता हुआ नजर आ रहा है. क्योंकि अलवर में जापानी जोन, कोरियन जोन सहित कई जोन हैं, जिनमें देश के अलावा विदेशी कंपनियां भी हैं.
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार की तरफ से सकारात्मक कदम उठाते हुए सभी औद्योगिक क्षेत्रों को शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए रीको के अधिकारियों को खास जिम्मेदारियां दी गई है. अलवर की बात करें तो अलवर के भिवाड़ी क्षेत्र में करीब एक हजार और अलवर क्षेत्र में करीब 600 से अधिक औद्योगिक इकाइयां शुरू हुई हैं. इसके अलावा लगातार इकाइयों को शुरू करने के लिए रीको के अधिकारी एंटरप्रेन्योरशिप और औद्योगिक इकाई संचालकों से बातचीत कर रहे हैं.
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सरकार की तरफ से शुरूआत से ही उद्योगों को राहत देते हुए उनको पास उपलब्ध कराए गए. सभी तरह की छूट दी गई तो अब उद्योग संचालकों को उद्योग धंधे शुरू करने के लिए कहा जा रहा है. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग सहित नियमों की पालना करते हुए सभी उद्योगपति कारोबार शुरू कर सकते हैं. रीको के अधिकारियों ने कहा कि सरकार सकारात्मक सोच रही है. औद्योगिक क्षेत्रों को खुलवाने के साथ ही उद्योग कर्मियों को सब तरह की सरकार की तरफ से मदद उपलब्ध कराई जा रही है. श्रमिकों में सोशल डिस्टेंस रखने, अलग-अलग शिफ्ट में काम करने, मास्क, सेनेटाइजर का उपयोग करने, बाहरी व्यक्ति का प्रवेश न करने और श्रमिकों की एक स्थान पर रहने की व्यवस्था करने सहित अन्य कई गाइडलाइन के आधार पर श्रमिकों ने काम शुरू कर दिया है.
बता दें कि अलवर, भिवाड़ी, बहरोड़, धारूहेड़ा, खुशखेड़ा, टपूकड़ा, राजगढ़ थानागाजी सहित अलवर जिला उद्योग हब है. अलवर में सभी तरह की औद्योगिक इकाइयां हैं. जो सीधे तौर पर सरकार की अर्थव्यवस्था और अन्य जरूरत के साधनों से जुड़ती हैं. इसलिए सरकार की तरफ से प्रतिदिन नई गाइडलाइन आ रही है और पूरी व्यवस्था को सरल व सुलभ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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अलवर के औद्योगिक क्षेत्र
अलवर में अलवर शहर, मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र, भिवाड़ी, टपूकड़ा, खुशखेड़ा, शाहजहांपुर, बहरोड़, नीमराना, जापानी जॉन, कोरियन जॉन, किशनगढ़ बास, राजगढ़, थानागाजी सहित 15 उद्योगी क्षेत्रों में 35 से अधिक क्लस्टर बने हुए हैं.
किस तरह की है औद्योगिक इकाई
अलवर के मत्स्य एमआईए उद्योगी क्षेत्र में अशोक लीलैंड, हैवल्स, कार्ल्सबर्ग, कई शराब फैक्ट्री सेनेटाइजर दवाइयां बनाने की फैक्ट्री सहित कई बड़ी देश की नामी कंपनियां के प्रोडक्ट यहां बनते हैं. इसी तरह से भिवाड़ी नीमराना शाहजहांपुर बहरोड टपूकड़ा खुश खेड़ा में हीरो मोटर कॉर्प, हीरो होंडा कार, स्पेयर पार्ट, कोल्ड ड्रिंक, नमकीन, स्टील, कंप्यूटर, लैपटॉप, स्पेयर पार्ट, सहित तमाम ऐसी औद्योगिक इकाइयां हैं. जो इंडिया के अलावा विदेशों में भी सामान सप्लाई करती हैं. थानागाजी अलवर राजगढ़ में मिलनस प्लांट हैं.
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सरकार को मिलता है हजारों करोड़ का टैक्स
अलवर एकमात्र ऐसा जिला है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा टैक्स सरकार को देता है. बिजली, आयकर, सेल्स टैक्स, जीएसटी, श्रम विभाग, प्रदूषण, रीको सहित तमाम ऐसे सरकारी विभाग हैं. जो प्रदेश में सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन अलवर जिले से करते हैं. इसका सीधा फायदा सरकार को मिलता है.
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होती है मॉनिटरिंग
अलवर के सभी विभागों में सरकार की सीधी मॉनिटरिंग होती है. अलवर जिला एनसीआर क्षेत्र में आता है. एनसीआर प्लैनिंग बोर्ड का जब गठन हुआ तो राजस्थान का अलवर जिला उसमें शामिल किया गया था. इसलिए भी अलवर प्रदेश में विशेष स्थान रखता है. दिल्ली गुड़गांव सहित एनसीआर की ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां अब भिवाड़ी अलवर क्षेत्र में लगने लगी हैं.