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किसान आंदोलन : ट्रैक्टर चलाकर किसान आंदोलन में पहुंचीं महिलाएं....दिनभर संभाली आंदोलन की कमान, कृषि कानून वापस लेने की मांग - Women Farmers Movement

आंदोलन की कमान संभाल रही महिलाओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों के विरोध में गीत गाए और नृत्य किया. लघु नाटिकाओं की प्रस्तुतियों के साथ कानूनों से किसानों को होने वाले नुकसान को समझाया.

कृषि कानून विरोध,  महिला ट्रैक्टर रैली,  Women's Tractor Rally,  Agricultural law protest,  Women Farmers Movement
किसान आंदोलन : ट्रैक्टर चलाकर किसान आंदोलन में पहुंचीं महिलाएं
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Published : Jan 18, 2021, 11:12 PM IST

बहरोड़ (अलवर). केन्द्र सरकार की ओर से पारित तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन आंदोलन चला रहे हैं. इस कडी मे शाहजहांपुर बॉर्डर पर हाइवे पर किसानों के महापडाव में सोमवार को महिलाओं ने मंच संचालन किया. इस दौरान महिलाओं ने मंच से संबोधन किया. इसके साथ ही ट्रैक्टर रैली निकाली. महिलाओं ने नृत्य और लघु नाटिकाओं के जरिए दिन भर आंदोलन की कमान संभाली.

किसान आंदोलन : ट्रैक्टर चलाकर किसान आंदोलन में पहुंचीं महिलाएं

जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के कोटपूतली इलाके के गांवों से 51 ट्रैक्टरों से महिलाएं सभा स्थल पहुंची. कोटपूतली के शुक्लावास गांव की युवा छात्रा नेत्री निशा यादव के नेतृत्व मे ट्रैक्टर चलाकर पहुंची महिलाओं का महापडाव स्थल पर संयुक्त मोर्चा समन्वय समिति की ओर से स्वागत किया गया. सभा की अध्यक्षता कर रही चन्द्रकला वर्मा ने देशभर की किसान महिलाओं को 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रेक्टर परेड के साथ तिरंगा फहराने में एकजुटता के साथ शक्ति प्रदर्शन के लिए तैयार रहने की बात कही.

पढ़ें- जालोर बस अग्निकांड पर भड़की सियासत...अब वसुंधरा ने की दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

समाजसेविका निशा सिद्दू ने कृषि कानून की वापसी पर ही किसानों की घर वापसी का संकल्प दोहराया. महाराष्ट्र से आई प्रतिभा शिंदे ने देशभर की महिला शक्ति को सडकों पर आकर आंदोलन का हिस्सा बनने का आह्वान किया.

मंच पर गीत, नृत्य, लघु नाटिकाओं के माध्यम से कृषि कानूनों का विरोध - आंदोलन की कमान संभाल रही महिलाओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों के विरोध में गीत गाए और नृत्य किया. लघु नाटिकाओं की प्रस्तुतियों के साथ कानूनों से किसानों को होने वाले नुकसान को समझाया.

बहरोड़ (अलवर). केन्द्र सरकार की ओर से पारित तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन आंदोलन चला रहे हैं. इस कडी मे शाहजहांपुर बॉर्डर पर हाइवे पर किसानों के महापडाव में सोमवार को महिलाओं ने मंच संचालन किया. इस दौरान महिलाओं ने मंच से संबोधन किया. इसके साथ ही ट्रैक्टर रैली निकाली. महिलाओं ने नृत्य और लघु नाटिकाओं के जरिए दिन भर आंदोलन की कमान संभाली.

किसान आंदोलन : ट्रैक्टर चलाकर किसान आंदोलन में पहुंचीं महिलाएं

जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के कोटपूतली इलाके के गांवों से 51 ट्रैक्टरों से महिलाएं सभा स्थल पहुंची. कोटपूतली के शुक्लावास गांव की युवा छात्रा नेत्री निशा यादव के नेतृत्व मे ट्रैक्टर चलाकर पहुंची महिलाओं का महापडाव स्थल पर संयुक्त मोर्चा समन्वय समिति की ओर से स्वागत किया गया. सभा की अध्यक्षता कर रही चन्द्रकला वर्मा ने देशभर की किसान महिलाओं को 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रेक्टर परेड के साथ तिरंगा फहराने में एकजुटता के साथ शक्ति प्रदर्शन के लिए तैयार रहने की बात कही.

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समाजसेविका निशा सिद्दू ने कृषि कानून की वापसी पर ही किसानों की घर वापसी का संकल्प दोहराया. महाराष्ट्र से आई प्रतिभा शिंदे ने देशभर की महिला शक्ति को सडकों पर आकर आंदोलन का हिस्सा बनने का आह्वान किया.

मंच पर गीत, नृत्य, लघु नाटिकाओं के माध्यम से कृषि कानूनों का विरोध - आंदोलन की कमान संभाल रही महिलाओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों के विरोध में गीत गाए और नृत्य किया. लघु नाटिकाओं की प्रस्तुतियों के साथ कानूनों से किसानों को होने वाले नुकसान को समझाया.

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